भगवान शिव पर अपमानजनक टिप्पणी पर हाईकोर्ट सख्त
भगवान शिव पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले शख्स के खिलाफ दर्ज क्रिमिनल केस खारिज करने से हाई कोर्ट ने किया इनकार
सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि उनके मुवक्किल के फेसबुक खाते पर की गई टिप्पणियां अन्य व्यक्ति द्वारा महज ‘फॉरवर्ड’ की गई थीं जिस पर याचिकाकर्ता का नियंत्रण नहीं है। इस दलील को खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि यदि धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य को बढ़ावा देने की प्रवृत्ति वाली टिप्पणी की जाती है और इसे फेसबुक पर पोस्ट किया जाता है तो निश्चित तौर पर इससे अपराध का मामला बनता है।अलीगढ़ जिले के आसिफ नाम के व्यक्ति की याचिका खारिज करते हुए न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने कहा कि इस तरह के अपराध, जो लोगों या समुदायों के बीच वैमनस्य को बढ़ावा देते हैं, उनसे कड़ाई से निपटा जाना चाहिए। इस तरह के अपराधों को समाज में फलने-फूलने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
याचिकाकर्ता के खिलाफ आरोप है कि उसने अपने फेसबुक खाते पर भगवान शिव के संबंध में आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं, जिससे हिंदू समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं। पुलिस ने जांच के बाद साक्ष्यों के आधार पर याचिकाकर्ता के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था।