भगवान शिव पर अपमानजनक टिप्पणी पर हाईकोर्ट सख्त

 भगवान शिव पर अपमानजनक टिप्पणी पर हाईकोर्ट सख्त


भगवान शिव पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले शख्स के खिलाफ दर्ज क्रिमिनल केस खारिज करने से हाई कोर्ट ने किया इनकार



प्रयागराजः उत्तर प्रदेश की इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फेसबुक पर भगवान शिव को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में एक व्यक्ति के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामला रद्द करने से इनकार कर दिया है।याचिका खारिज करते हुए अदालत ने छह अप्रैल के अपने आदेश में कहा कि अदालत के विचार से सीआरपीसी की धारा 482 के तहत अपने अधिकारों का उपयोग कर कार्यवाही रद्द करने का कोई उचित आधार नहीं है, इसलिए इस याचिका को खारिज किया जाता है।

सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि उनके मुवक्किल के फेसबुक खाते पर की गई टिप्पणियां अन्य व्यक्ति द्वारा महज ‘फॉरवर्ड’ की गई थीं जिस पर याचिकाकर्ता का नियंत्रण नहीं है। इस दलील को खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि यदि धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य को बढ़ावा देने की प्रवृत्ति वाली टिप्पणी की जाती है और इसे फेसबुक पर पोस्ट किया जाता है तो निश्चित तौर पर इससे अपराध का मामला बनता है।अलीगढ़ जिले के आसिफ नाम के व्यक्ति की याचिका खारिज करते हुए न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने कहा कि इस तरह के अपराध, जो लोगों या समुदायों के बीच वैमनस्य को बढ़ावा देते हैं, उनसे कड़ाई से निपटा जाना चाहिए। इस तरह के अपराधों को समाज में फलने-फूलने की अनुमति नहीं दी जा सकती।

याचिकाकर्ता के खिलाफ आरोप है कि उसने अपने फेसबुक खाते पर भगवान शिव के संबंध में आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं, जिससे हिंदू समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं। पुलिस ने जांच के बाद साक्ष्यों के आधार पर याचिकाकर्ता के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था।

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