सरकारी ट्यूबवेल से दलितों के पानी भरने पर मुस्लिम महिलाओं का हमला,गाँव छोड़कर नहीं जाने जिहादियो ने दी हत्या की धमकी

सरकारी ट्यूबवेल से दलितों के पानी भरने पर मुस्लिम महिलाओं का हमला,गाँव छोड़कर नहीं जाने जिहादियो ने दी हत्या की धमकी


मुस्लिम महिलाओं ने कहा, “तुम नीची जाति च$री, चु#ड़ी हो। हमसे पहले पानी कैसे भर सकती हो?”


 मेवात/हरियाणा ! मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार  जब ट्यूबवेल पर दलित महिलाएँ पानी भर रही थीं तो मुस्लिम महिलाओं ने उनसे मारपीट शुरू कर दी और कहा कि ये जगह उनके लिए पानी भरने की है। इस दौरान उन्हें जातिसूचक शब्द बोले गए।

 हमलावरों ने उन्हें धमकी दी कि वे गाँव छोड़कर भाग जाएँ, नहीं तो उन्हें मार दिया जाएगा। हिंसा के शिकार आधे दर्जन दलितों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

कुछ ही देर में इस दलित विरोधी हिंसा में मुस्लिम परिवार के पुरुष भी शामिल हो गए।


यह घटना तावडू इलाके के थाना सदर की है। यहाँ गाँव सहसीलापट्टी घुसबैठी की रहने वाली दलित महिला रजनी ने 22 अप्रैल को पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है।

मुस्लिम महिलाओं ने कहा, “तुम नीची जाति च$री, चु#ड़ी हो। हमसे पहले पानी कैसे भर सकती हो?” रजनी ने जातिसूचक गालियों का विरोध किया तो तीनों मुस्लिम महिलाओं ने उन पर हमला कर दिया और उन्हें पीट दिया।

कुछ ही देर में दलितों के घर की तरफ मुस्लिम भीड़ हमलावर दौड़ पड़ी। हमलावरों में अलीशेर, सोहेल, फारूख, सली मौहम्मद, असलूम, असलम, शहारून, महबूब, मुफीद, शारुख, उसमान, शेरू, इकराम, साहून, रमजान, असमीना, रहमती और मकसूदन शामिल थे।


हमलावरों लाठी-डंडा और फरसा ले रखे थे। ये सभी पीड़िता के घर में घुस गए। वहाँ उन्होंने माँ-बहन की गलियों के साथ पीड़ित परिवार को जातिसूचक गालियाँ दीं। शिकायत के मुताबिक हमलावरों ने कहा, “बहन%द च#रों, आज तुम्हें जान से मार देंगे। 

आज तुम्हें सबक सिखाते हैं।” रजनी और अन्य दलित महिलाओं पर मुस्लिम भीड़ के हमले में जो भी बीच-बचाव करने आया उसको बेरहमी से पीटा गया।


हमले में पीड़ित महिलाओं की नाक, हाथ, आँख, कंधे, पैर, छाती और चेहरे पर वार किए। लगभग आधे दर्जन पीड़ितों के घायल होने के बाद आरोपितों ने घरों में तोड़फोड़ शुरू कर दी। 

इस तोड़फोड़ में पंखे, बर्तन और टीन आदि टूट गए। घर के बाहर खड़े ऑटो को भी तोड़ डाला गया। हमलावरों ने जानवरों को भी नहीं छोड़ा। पीड़ितों के घर पर बँधीं गायों और भैंसों को भी पत्थर मारे गए।

कुछ घायलों को नल्हड़ के मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया है। हालात गंभीर होने पर रामवीर नाम के शख्स को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया गया है। 

पुलिस को दी गई शिकायत में रजनी ने यह भी बताया है कि उनको पहले भी जातिसूचक शब्द बोल कर बेइज्जत किया गया है।


पुलिस ने अलीशेर, सोहेल, फारूख, सली मौहम्मद, असलूम, असलम, शहारून, महबूब, मुफीद, शारुख, उसमान, शेरू, इकराम, साहून, रमजान, असमीना, रहमती और मकसूदन सहित अन्य हमलावरों पर FIR दर्ज कर के जाँच शुरू कर दी है। 

इन सभी पर IPC की धारा 148, 149, 323, 452, 506 और SC/ST एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। पुलिस मामले की जाँच में जुट गई है।


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गाँव में 14-15 हिन्दुओं के घर हैं, जो दलित समुदाय से आते हैं। इसके अलावा गाँव में मुस्लिम समुदाय के लगभग 400 घर हैं। 

गाँव के अनुसूचित जाति के लोगो का कहना है कि वह महादेव और माँ दुर्गा के भक्त हैं, लेकिन डर के मारे उन्होंने गाँव में मंदिर भी नहीं बनवाया है।


उस गाँव के दलितो की पीड़ा है कि बीते नवरात्रि में उन्होंने अपने परिवार के साथ व्रत रखा था, लेकिन घर में बिना ढोल-मजीरे के पूजा करने पर मजबूर होना पड़ा। 

वहीं, पीड़िता रजनी ने यह भी बताया कि उन्हें और गाँव के अन्य दलितों को मुस्लिम समुदाय के लोग आए दिन गालियाँ और धमकी देते रहते हैं।


हिन्दुस्तान के अंदर आज भी ऐसे ऐसे गाँव, जिले व प्रदेश है जहा हिन्दुओ का रहना दुस्तर है।

वहा कि स्थिति देखकर तनिक भी यह अह्सास नही होता कि यह स्थान भारत का हिस्सा है ।

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