कर्मयोगी है डा मुक्तेश्वर द्विवेदी जिनको जनता धरती का भगवान कहती है!
कोरोना काल से आज तक जीवन दाता के रूप में काम कर रहे डॉक्टर मुक्तेश द्विवेदी को हजम नही कर पा रहे भ्रष्टाचारी
कौशांबी। प्रयागराज मंडल के कौशांबी जनपद में एक ऐसा डॉक्टर जो गरीब और मजलूमों के लिए न सिर्फ डॉक्टर है बल्कि लोग उसे भगवान के रूप में जानते है।उन्होने अपने अनुभव,कर्म और सहृदय भाव से क्षेत्र मे एक अमिट पहचान बनाया ।
इस महान कार्य करने वाले डॉक्टर से न जाने कुछ चुनिंदा भ्रष्टाचारी लोग उनसे नफरत जैसा भाव रखते हैं।वही उनके विषय मे गलत अफवाह फैलाते रहते है ।
सीएमओ कौशांबी ने जब प्रभावित हो रही स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर उनका पुनः स्थानांतरण चायल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कर दिया तो स्वास्थ्य महकमे के साथ ही ऐसे लोगों में खलबली मच गई जो धरती के इस भगवान से नफरत करते हैं।
वैसे तो डॉक्टर मुक्तेश द्विवेदी का नाम कौशांबी जिले में किसी से छिपा नहीं नहीं। चाहे वो प्रशासनिक अमले अधिकारी हो या फिर गांव में रहने वाला एक मजलूम सा आदमी हो, सभी के दिलों में राज करने वाले डॉक्टर मुक्तेश द्विवेदी ने सभी की सहृदय मदद और इलाज किया है। जिले में तो उनकी पहचान एक मिलनसार डॉक्टर के रूप में है।
*नेवादा पीएचसी में पोस्टिंग के बाद से आते है चायल के मरीज*
डॉक्टर मुक्तेश द्विवेदी के सरल स्वभाव और मरीजों के प्रति दयालु भाव से इलाके के मरीज बहुत प्रभावित है। चायल पीएचसी में सेवाएं दे चुके डॉक्टर मुक्तेश द्विवेदी से इलाके के एक एक व्यक्ति बखूबी परिचित है।
स्थिति यह है कि वर्तमान में नेवादा पीएचसी में तैनाती होने के बावजूद भी चायल क्षेत्र के मरीज इलाज के लिए नेवादा पीएचसी में डॉक्टर मुक्तेश द्विवेदी के पास जाते हैं।
*कोरोना काल में उठाया था सराहनीय कदम, पूर्व डीएम,सांसद और सीएमओ भी कर चुके है सराहना*
जिले में करारी पीएचसी के साथ पुरामुफ्ती पीएचसी और फिर चायल के बाद नेवादा में अपनी सेवाएं दे रहे डॉक्टर मुक्तेश द्विवेदी के कार्यों की सराहना क्षेत्र के लोगों की जुबानी सुनी जा सकती है।
कोविड काल के शुरुआत से ही उन्होंने परदेश से आने वाले शरणार्थियों के रहने, खाने और इलाज की समुचित व्यवस्था को लेकर पूर्व जिलाधिकारी मनीष वर्मा और अखंड प्रताप सहित सीएमओ ने उनकी जमकर तारीफ भी किया था।
*भ्रष्टाचार के संरक्षक सीएमओ के हिसाब से काम नहीं करने पर हुआ था स्थानांतरण*
चायल ही नहीं बल्कि पूरे जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर पहल और फिर क्रियान्वयन करने वाले डॉक्टर मुक्तेश द्विवेदी की महकमें में लगातार बढ़ रही लोकप्रियता को महकमें में अंगद की तरह पैर जमा कर बैठे कुछ दागदार लोगों को जब रास नहीं आई तो उन लोगों ने जिले में तैनात एक सीएमओ को गलतफहमियों के जाल में फंसाकर ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया।
गलतफहमियों के मकड़जाल में फंसे दागदार पूर्व सीएमओ डॉक्टर मुक्तेश द्विवेदी से स्वास्थ्य विभाग और जनहित सेवाओं के विपरीत कुछ अनैतिक कार्य करने का दबाव बनाने लगे। इस अनैतिक कार्य करने का विरोध जब डॉक्टर मुक्तेश द्विवेदी ने किया तो उन्हें चायल सीएचसी से हटाकर नेवादा पीएचसी में तैनात करते हुए उनपर कई प्रकार के आरोपों का पुलिंदा लाफ दिया गया।
करीब एक साल तक चली आरोपों की इस झड़ी में इस नेकदिल इंसान के खिलाफ शासन में प्रमुख सचिव से लेकर डीजी और एडी स्वास्थ्य तक कर दी गई। लेकिन कहते हैं कि साँच को आंच नहीं लगती। एक सात तक चली विभागीय जांच में जब शासन ने अपने स्तर से छानबीन किया तो नेकदिल इस डॉक्टर पर आरोप लगाने वाले पूर्व सीएमओ खुद ही दागदार साबित हो गए।
करोड़ों रुपए का घोटाला करके सेवानिवृत्त हुए इस सीएमओ के खिलाफ वर्तमान में कई जांच और मुकदमे शुरू हो गए। अब जब डॉक्टर मुक्तेश द्विवेदी जांच की आंच से बेदाग होकर बाहर आ गए तो कुछ गुनाहगार लोग ही उन पर अनैतिक रूप से कीचड़ उछालने का काम कर रहे हैं।
*कोरोना काल से भगवान की तरह लोगो की जान बचाने मे जुटे है डॉक्टर मुक्तेश*
कोरोना काल से भगवान की तरह लोगो की जान बचाने मे रात दिन एक कर घर परिवार को नजरअंदाज कर जान जोखिम मे डालकर जनता की सेवा करने वाले बेदाग स्वच्छ छवि के डॉक्टर मुक्तेश से भ्रष्टाचारी भयभीत रहते है ।जिसके परिणामस्वरूप उनके विषय मे गलत चित्रण कर अफवाह फैलाते रहते है ।लेकिन इन सब को नजरअंदाज कर डॉक्टर मुक्तेश लगातार सेवा मे जुटे हुए है ।