चाँद पर तिरंगा लहराने को बेताब भारत का चंद्रयान-3 अपनी यात्रा पर हो चुका है रवाना

 चाँद पर तिरंगा लहराने को बेताब भारत का चंद्रयान-3 अपनी यात्रा पर हो चुका है रवाना


नई दिल्ली :चाँद पर तिरंगा लहराने के लिए भारत का चंद्रयान-3 अपनी यात्रा पर रवाना हो चुका है.


चंद्रयान-3 मिशन साल 2019 में लॉन्च किए गए चंद्रयान-2 मिशन का फॉलोअप मिशन है. इसमें लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग और रोवर को सतह पर चलाकर देखा जाएगा. हालांकि लैंडर को चांद की सतह पर लैंड कराना ही सबसे कठिन काम है. 


चंद्रयान-3 में इस बार ऑर्बिटर को साथ नहीं भेजा जा रहा है. इस बार स्वदेशी प्रोपल्शन मॉड्यूल भेज रहे हैं. यह लैंडर और रोवर को चंद्रमा की कक्षा तक लेकर जाएगा. इसके बाद यह चंद्रमा के चारों ओर 100 किलोमीटर की गोलाकार कक्षा में चक्कर लगाता रहेगा. इसे ऑर्बिटर इसलिए नहीं कहते, क्योंकि यह चंद्रमा का अध्ययन नहीं करेगा. इसका वजन 2145.01 किलोग्राम होगा, जिसमें 1696.39 किलोग्राम ईंधन होगा. यानी मॉड्यूल का वास्तविक वजन 448.62 किलोग्राम है.  


प्रोपल्शन मॉड्यूल चंद्रयान-3 के लैंडर-रोवर को चंद्रमा की सतह पर छोड़कर, चांद की कक्षा में 100 किलोमीटर ऊपर चक्कर काटता रहेगा. यह कम्यूनिकेशन के लिए है.


ISRO वैज्ञानिक पूरे विश्व को यह बताना चाहते हैं कि भारत दूसरे ग्रह पर सॉफ्ट लैंडिंग करा सकता है और वहां अपना रोवर चला सकता है. चांद की सतह, वायुमंडल और भूमि के अंदर होने वाली हलचलों का पता करना चंद्रयान-3 का उद्देश्य है. इसके लैंडर, रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल में कुल मिलाकर 6 पेलोड्स भेजे जा रहे हैं. पेलोड्स यानी ऐसे यंत्र जो किसी भी प्रकार की जांच कर सकते हैं. लैंडर में रंभा-एलपी (Rambha LP), चास्टे (ChaSTE) और इल्सा (ILSA) लगा हुआ है. रोवर में एपीएक्सएस (APXS) और लिब्स (LIBS) लगा है. प्रोपल्शन मॉड्यूल में एक पेलोड्स शेप (SHAPE) लगा है.

Post a Comment

Previous Post Next Post