शहर पश्चिमी मे लूट पर अमादा लेखपाल;भ्रष्टाचारी लेखपाल ने मुआवजे के बदले मांगी एक लाख की रिश्वत

शहर पश्चिमी मे लूट पर अमादा लेखपाल;भ्रष्टाचारी लेखपाल ने मुआवजे के बदले मांगी एक लाख की रिश्वत


लेखपाल की तानाशाही से किसान परिवार त्रस्त,अवैध धन उगाही का आरोप,रूपये न देने पर नंबरी जमीन को बता दिया बंजर

सदर का लेखपाल सुधीर कुमार भूमाफियाओ व प्लाटरो को लाभ पहुंचाने मे रहता है व्यस्त; किसान ,वकील और पत्रकार के नही उठाता फोन और न ही करता है काम,घनचक्कर बनकर रह गयी है क्षेत्र का जनता


  प्रयागराज/ सदर :केंद्र व राज्य सरकार भ्रष्टाचार को समाप्त करने को भले ही भ्रष्टाचारियों के खिलाफ मिशन मोड में कार्रवाई जारी रहने की बात कह रही है। लेकिन जिले व तहसीलों में तैनात अधिकारियों कर्मचारियों पर इसका खौफ नहीं दिख रहा।


यहीं कारण है कि बिना सुविधा शुल्क दिए लोगों के काम पूरे नहीं होते। किसान की जायज मांग पूरी करने को एक  लाख रुपये की मांग कर रहा था।सुधीर कुमार तो भ्रष्टाचार की मात्र एक बानगी है। यदि गौर करें, तो तहसीलों में कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक भ्रष्टाचार में लिप्त है। यहां काम के हिसाब से सुविधा शुल्क नियत है


कुछ ऐसा ही मामला प्रयागराज सदर के एक लेखपाल सुधीर कुमार का है जिसने किसान की नंबरी जमीन का मुआवजा बनाने के एवज मे पीडित किसान से एक लाख रुपए कि मांग की और जब किसान ने रूपये देने से मना किया तो उसकी जमीन को बंजर बताकर मुआवजा बनाने से मना कर दिया।

बता दे कि रेहाना बेगम पत्नी मो मुस्लिम उर्फ मो असलम व उनके दो बेटो व दो बेटियो  आजम ,असरफ और शहाना व सानिया निवासीगण 22बी /1एम ,नवाब नगर की चौकी करैली जी टी बी नगर प्रयागराज का नाम बतौर वारिस दर्ज है ।इनका आरोप है कि लेखपाल सुधीर कुमार ने हमारे सहखाते दारो से रिश्वत लेकर उनको मुआवजा बनवा दिया और हम एक लाख की भारी मांग को पूरा करने मे असमर्थ रहे तो हमारा मुआवजा यह कहकर रोक दिया गया कि आपकी जमीन बंजर है।रेहाना बेगम विधवा है उनके दो जवान बेटिया और दो बेटे है जिसमे एक छोटा बेटा है और एक बड़ा बेटा आजम ही मेहनत मजदूरी करके घर का खर्च चलाता है ।वह एक गरीब परिवार है और एक लाख की रिश्वत नही दे सका जिसके लिए हलका लेखपाल सुधीर ने साजिश करके उसके मुआवजा को रोक दिया ।


सदर तहसील मुख्यालय प्रयागराज के शहर पश्चिमी के ग्राम पंचायतो मे तैनात लेखपाल पूरी तरह भ्रष्टाचार मे संलिप्त है ।वह केवल प्लाटिंग डीलरो व भूमाफियाओ के सहयोग मे लाभ दिलाने व लाभ लेने मे व्यस्त रहते है ।

इन्ही लेखपालो मे एक है ऋतुकेश श्रीवास्तव वह भी लूटकर झोली भरने मे अमादा रहता है।लोग सदर से तैनाती स्थल तक इन भ्रष्टाचारियो को खोजते रहते है लेकिन वह मिलते नही वह उसी से मिलते है जिससे मोटी रकम की उगाही करनी होती है ।

वह अपने आपको जनपद के अधिकारियो से भी ऊपर समझता है जब वह पत्रकारो , वकीलो का फोन नही उठाता तो समझा जा सकता है कि गाँव के गरीब किसानो का काम व उनके समस्याओ का निवारण कैसे किया जाता होगा ।वह केवल मात्र भूमाफियाओ व प्लाटिंग करने वाली बड़ी बड़ी पार्टियो से उनकी लक्जरी गाडियो मे बैठकर शीशे के अंदर मीटिंग कर उनके और अपने लाभ मे व्यस्त रहता है ।

सूत्रो की माने तो शहर पश्चिमी के   जितने भी लेखपाल है वह लूट पर अमादा है छोटे से लेकर बडे हर कार्य के लिए उनको रिश्वत चाहिए।यह सब एक बहुत महत्वपूर्ण जांच का विषय है ।

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