सदर प्रयागराज मे भ्रष्टाचारी लेखपालो का आतंक:दलित की जमीन को कराया मां के नाम हुआ सस्पेंड

सदर प्रयागराज मे भ्रष्टाचारी लेखपालो का आतंक:दलित की जमीन को कराया मां के नाम हुआ सस्पेंड


सदर तहसील के अंतर्गत कटहुला गौसपुर उर्फ पीपलगांव में तैनात लेखपाल अंशुमान सिंह हुआ निलंबित



प्रयागराज।सदर प्रयागराज मे भ्रष्टाचारी लेखपालो की अब खैर नही है ।इसके पूर्व मे भी कइ लेखपाल सस्पेंड किए जा चुके है ।

बता दे कि लेखपाल ने फर्जीवाड़ा करके अपनी

मां के नाम पर अनुसूचित जाति की जमीन की रजिस्ट्री कराने के आरोप में सदर तहसील के अंतर्गत कटहुला गौसपुर उर्फ पीपलगांव में तैनात लेखपाल अंशुमान सिंह को निलंबित कर दिया गया है।

 एसडीएम अभिषेक सिंह ने तहसीलदार को पूरे मामले की जांच सौंपी है। इसके अलावा अनुसूचित जाति की जमीन की बिक्री की अनुमति सीआरओ की ओर से दी जाती है। ऐसे में मामले की गंभीरता 

 प्रयागराज। मां के नाम पर अनुसूचित जाति की जमीन की रजिस्ट्री कराने के आरोप में सदर तहसील के अंतर्गत कटहुला गौसपुर उर्फ पीपलगांव में तैनात लेखपाल अंशुमान सिंह को निलंबित कर दिया गया है। एसडीएम ने तहसीलदार को पूरे मामले की जांच सौंपी है। इसके अलावा अनुसूचित जाति की जमीन की बिक्री की अनुमति सीआरओ की ओर से दी जाती है। ऐसे में मामले की गंभीरता को देखते हुए मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने भी अपर आयुक्त अमृत लाल बिंद को जांच सौंपी है।



कटहुला गौसपुर में फर्जी तरीके से अनुसूचित जाति के व्यक्ति की जमीन की बिक्री की शिकायत की गई थी। किसानों ने इसकी शिकायत मंडलायुक्त से की थी। इसके अलावा भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट की ओर से धरना-प्रदर्शन भी किया गया था। किसानों का आरोप था कि दस्तावेजों में हेराफेरी करके करोड़ों की संपत्ति की बिक्री की गई है। उन्होंने दो लेखपालों के अलावा एसडीएम तथा तहसीलदार की भूमिका पर भी सवाल उठाए।

लेखपाल अंशुमान सिंह पर परिवार के ही सदस्य के नाम पर जमीन लिए जाने का भी आरोप है। इसे लेकर यूनियन की ओर से शुक्रवार को भी कलक्ट्रेट में धरना-प्रदर्शन करने के साथ ज्ञापन सौंपा गया।

किसानों की इन शिकायतों पर एसडीएम की ओर से जांच कराई गई और प्रथम दृष्टतया लेखपाल अंशुमान को दोषी पाया गया। जांच में पाया गया कि अनुसूचित जाति वर्ग की पितना देवी, अजय कुमार और सुभाष चंद्र की जमीन गीता सिंह के नाम पर कराई गई। गीता सिंह लेखपाल अंशुमान की मां हैं। लेखपाल के इस कृत्य को कदाचार की श्रेणी में पाया गया। इस आरोप में लेखपाल को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही दूसरे आरोपी लेखपाल का कार्यक्षेत्र बदल दिया गया है।


एसडीएम अभिषेक सिंह का कहना है कि अनुसूचित जाति के व्यक्ति की जमीन खरीदने की अनुमति सीआरओ ऑफिस से दी गई है या नहीं इसकी भी जांच कराई जा रही है। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।


चूंकि अनुसूचित जाति के व्यक्ति की जमीन की बिक्री की अनुमति मुख्य राजस्व अधिकारी (सीआरओ) के यहां से दी जाती है। ऐसे में सीआरओ कार्यालय की भूमिका पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। लेखपाल अंशुमान सिंह पर परिवार के ही सदस्य के नाम पर जमीन लिए जाने का भी आरोप है।


इसके पूर्व भी लेखपाल अपने कारनामो से प्रयागराज को बदनाम करते रहे है ।

तहसील में नियुक्त सांवडीह गांव के लेखपाल को उपजिलाधिकारी फूलपुर द्वारा तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था। लेखपाल पर प्रवासियों से राहत किट देने के बदले सौ-सौ रुपये की वसूली का का आरोप था। प्रवासियों से अवैध वसूली का वीडियो भी खूब वायरल हुआ था।


जनपद के हंडिया तहसील क्षेत्र के कानूनगो का पैसे लेते हुए वीडियो वायरल हुआ तो यहीं के एक लेखपाल का आडियो वायरल हुआ। दोनों मामलों को जिला अधिकारी संजय कुमार खत्री ने गंभीरता से लिया और प्रथम दृष्टया भ्रष्टाचार का मामला होने पर तत्काल दोनों को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही दोनों के खिलाफ विभागीय जांच भी के निर्देश दिए गये।


पूर्व आइपीएस अमिताभ ठाकुर ने भी उठाया था यह मामला


हंडिया तहसील क्षेत्र के गांव उग्रसेनपुर निवासी शिवदत्त तिवारी ने खेत के सीमांकन के लिए तहसील में आवेदन किया था। वह सीमांकन कराने के लिए तहसील में अफसरों के चक्कर लगाते रहे। काम नहीं हुआ तो परेशान होकर कानूनगो संतोष यादव से मिले। सीमांकन करने के लिए उनसे कानूनगो ने पैसे मांगे गए तो शिवदत्त ने 13 हजार रुपये दिए। रुपये देने का उन्होंने वीडियो बना लिया और उसे वायरल कर दिया। इसी वीडियो को पूर्व आइपीएस अमिताभ ठाकुर और सामाजिक कार्यकर्ता डा. नूतन ठाकुर डीएम प्रयागराज को भेजकर कार्रवाई की मांग की। वीडियो वायरल होने के बाद डीएम ने तत्काल कानूनगो को निलंबित कर दिया गया।

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