मालेगाँव धमाके की आड़ मे कॉन्ग्रेस ने रची थी हिन्दू आतंकवाद की साजिश;साध्वी प्रज्ञा, कर्नल पुरोहित, स्वामी असीमानंद समेत कई हिन्दू बनाए गए थे आरोपी

 मालेगाँव धमाके की आड़ मे कॉन्ग्रेस ने रची थी हिन्दू आतंकवाद की साजिश;साध्वी प्रज्ञा, कर्नल पुरोहित, स्वामी असीमानंद समेत कई हिन्दू  बनाए गए थे आरोपी*


मालेगाँव मामले में तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ और RSS-VHP के बड़े नेताओ को फंसाने के लिए रचा गया था षड्यंत्र


कॉन्ग्रेस ने अपने शासनकाल के दौरान भरसक यह प्रयास किया कि देश में हिन्दू आतंकवाद का नैरेटिव खड़ा किया जाए।


मालेगाँव धमाका मामले के बाद कॉन्ग्रेस ने हिन्दू आतंकवाद की थ्योरी को आगे बढ़ाना चालू कर दिया।


मालेगाँव में 29 सितम्बर, 2008 को एक मोटरसाइकिल में धमाका हुआ जिसमें 6 लोग मारे गए।हिन्दू संतों और सैनिक को प्रताड़ित किया गया ताकि कैसे भी भगवा आतंकवाद की बात साबित की जा सके। 

धीमे-धीमे भगवा आतंकवाद शब्द सामने लाया गया और फिर एक पूरे धमाके का दोष ही हिन्दुओं पर डाल दिया गया।


इस मामले में साध्वी प्रज्ञा, कर्नल पुरोहित, स्वामी असीमानंद समेत कई हिन्दू व्यक्ति आरोपित बनाए गए। कर्नल पुरोहित को इस मामले में RDX देने का आरोपित बताया गया। 

साध्वी प्रज्ञा पर धमाके के लिए बाइक देने का आरोप लगा। इस धमाके में आरोपित बनाए गए कई लोगों को समझौता एक्सप्रेस और मक्का मस्जिद ब्लास्ट मामले में भी आरोपित बनाया गया था। इसी के बाद पूरा नैरेटिव बुना जाने लगा कि देश में हिन्दू आंतकवाद भी है। 


इस मामले में कई ऐसे लोगों को पकड़ा गया जो कि हिन्दू संगठनों से जुड़े हुए थे। कई ऐसे गवाह लाए गए जिनके जबरदस्ती बयान दिलवाए गए और RSS-VHP नेताओं को इस मामले में फँसाने की साजिश भी रची गई। यह अब काम तब की महाराष्ट्र ATS ने किया। 


महाराष्ट्र ATS इस मामले में कर्नल पुरोहित और अन्य गवाहों के जरिए बड़े हिन्दू नेताओं को भी फँसाना चाहती थी। इसके लिए कर्नल पुरोहित को प्रताड़ित किया गया। उनकी टांग तोड़ी गई।

 उसने कहा गया कि वह मालेगाँव मामले में तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ और RSS-VHP के बड़े नेताओं का नाम ले और यह बात स्वीकार कर लें कि धमाका उन्हीं ने किया है।

 इसके अलावा साध्वी प्रज्ञा को इतना मारा गया कि उनकी रीढ़ की हड्डी में तक समस्या आ गई और उन्हें वेंटीलेटर पर भर्ती होना पड़ा। 


यह सब इसीलिए किया गया ताकि देश में हिन्दुओं की आवाज उठाने वालों को आतंकवादी सिद्ध किया जाए और इस्लामी आतंकवाद के बराबर में हिन्दू आतंकवाद जैसे जूते नैरेटिव को खड़ा कर दिया जाए। 

बम धमाकों को रोक पाने में विफल कॉन्ग्रेस सरकार इस कोशिश में लगी रही कि देश की बड़ी हिन्दू आबादी को कैसे अपराधबोध में डाला जाए। हालाँकि उसकी यह कोशिशें कामयाब नहीं हो सकीं। 

ATS की मारपीट के कारण गवाहों ने शुरू में तो बयान दिए लेकिन बाद में उन्होंने भी सच्चाई बयाँ की। 


कर्नल पुरोहित को भी इस मामले में जमानत मिली। इसके बाद इन लोगों ने बताया कि कैसे ATS ने इन्हें इस बात पर मजबूर किया कि वह देश में हिन्दू आतंकवाद की बात स्वीकारें।

 साध्वी प्रज्ञा ने बताया कि हेमंत करकरे, परमबीर सिंह समेत कई पुलिस अधिकारियों ने उन्हें जमीन पर गिरा कर पीटा, उन्हें गालियाँ दी, उनसे भद्दे सवाल पूछे।

 उनको पुरुष कैदियों के साथ पोर्न दिखाया। साध्वी को बेल देने की बात आई तो उस न्यायाधीशों को तक धमकाया गया। 


कर्नल पुरोहित का पैर तोड़ दिया गया। उन्हें कई दिनों तक अवैध रूप से हिरासत में रखा, इस दौरान उनको नंगा करके मारा गया। उनके प्राइवेट पार्ट पर हमला हुआ।

 उन्हें बालों से खींचा गया। उन पर यह दबाव डाला गया कि वह RSS-VHP के बड़े नेताओं का नाम लें, उन्हें इस मामले में फँसाएँ।


कॉन्ग्रेस के राज में इस बात के खूब प्रयास हुए कि हिन्दू आतंक का नैरेटिव गढ़ा जाए लेकिन बाद में यह सब फेल हो गया। 

इसके उलट जिन लोगों पर इन मामलों में मुकदमे किए गए थे, उनकी प्रताड़ना की कहानियाँ सामने आईं। ATS के आरोपों पर 17 गवाह कोर्ट में अपने बयान से मुकर गए। 

इनमें से एक गवाह ने भी खुलासा किया कि उसको धमका कर हिन्दू नेताओं के नाम लेने के लिए कहा गया था।


यह सब इसीलिए किया गया ताकि देश में हिन्दुओं की आवाज उठाने वालों को आतंकवादी सिद्ध किया जाए और इस्लामी आतंकवाद के बराबर में हिन्दू आतंकवाद जैसे जूते नैरेटिव को खड़ा कर दिया जाए।

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