कांग्रेस का उभरा आतंकी प्रेम, कसाब की गोली से हेमंत करकरे की मौत नही हुई;कांग्रेस के जिहादी नेता विजय वडेट्टीवार के जहरीले बयान

कांग्रेस का उभरा आतंकी प्रेम, कसाब की गोली से हेमंत करकरे की मौत नही हुई;कांग्रेस के जिहादी नेता विजय वडेट्टीवार के जहरीले बयान


कांग्रेस के जिहादी नेता विजय वडेट्टीवार ने बयान दिया कि दिवंगत आईपीएस अधिकारी हेमंत करकरे की मौत आतंकवादियों की गोलियों से नहीं, बल्कि कथित तौर पर आरएसएस से जुड़े एक पुलिस अधिकारी द्वारा चलाई गई गोली से हुई थी.


बता दे कि समुंदर के रास्ते मुंबई में घुसे 10 पाकिस्तानी आतंकियों ने 26 नवंबर, 2008 को शहर में कई स्थानों पर गोलीबारी और बम विस्फोट की घटनाओं को अंजाम दिया था. 

हेमंत करकरे उस समय मुंबई एटीएस के प्रमुख थे. उनके साथ एसीपी अशोक काम्टे, पुलिस इंस्पेक्टर विजय सालस्कर और दो अन्य पुलिसकर्मी इन आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे. 

करकरे ने बुलेट प्रूफ जैकेट पहन रखा था, जो घटिया गुणवत्ता का था. यह काम नहीं कर रहा था. आतंकवादियों ने अन्य पुलिसवालों के साथ हेमंत करकरे के सीने में भी गोली मार दी थी. मुंबई पुलिस द्वारा 26/11 आतंकी हमले के मामले में दायर आरोपपत्र में पूरी कहानी बतायी गई है.


*हेमंत करकरे के सीने में आतं​कवादियों ने मारी थीं तीन गोलियां*


मुंबई पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे के सीने में आतं​कवादियों ने तीन गोलियां मारी थीं. राम प्रधान आयोग ने अपनी जांच रिपोर्ट में लिखा है कि तीनों अधिकारियों का फ्रंट गेट से कामा अस्पताल में प्रवेश करने का निर्णय त्वरित था, और उन्हें उम्मीद नहीं थी कि रास्ते में आतंकवादी आमने-सामने आ जायेंगे. 

हमले में जीवित बचे कांस्टेबल अरुण जाधव के अनुसार, तीनों पुलिस अधिकारी इस बात से अनजान थे कि आतंकवादी पहले ही कामा अस्पताल से निकल चुके थे. कांस्टेबल जाधव के मुताबिक जब वे घटनास्थल की ओर बढ़ रहे थे, तभी उसी लेन में सामने से आतंकी भी आ गए और मुठभेड़ शुरू हो गई.


चार्जशीट के मुताबिक आतंकवादियों ने पुलिसकर्मियों और अधिकारियों की हत्या करने के बाद, क्वालिस पर कब्जा कर लिया और मेट्रो जंक्शन की ओर चले गए. य​हां उन्होंने फिर गोलीबारी की और पुलिस कांस्टेबल अरुण चित्ते की हत्या कर दी. 

अंत में उन्होंने क्वालिस को मंत्रालय के पास छोड़ दिया. यहां उन्होंने एक स्कोडा कार को हाईजैक किया और फिर चौपाटी की ओर बढ़े. यहां रास्ते में पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रखी थी. एएसआई तुकाराम ओंबले और अन्य पुलिसकर्मियों ने स्कोडा कार को रोका जिसमें कसाब और इस्माइल सवार थे. 

दोनों ओर से गोलीबारी हुई. इस मुठभेड़ में अबू इस्माइल मारा गया जबकि कसाब जिंदा पकड़ा गया. उसे पकड़ने के दौरान एएसआई तुकाराम ओंबले शहीद हो गए.

चार्जशीट के मुताबिक 10 आतंकवादी स्पीडबोट पर कराची से मुंबई आए थे, उन्हें पाकिस्तान में बैठे उनके आका फोन से ​दिशा-निर्देश दे रहे थे. मुंबई शहर में घुसने के बाद सभी आतंकी अलग-अलग जगहों पर फैल गए. 

दो ट्राइडेंट ओबेरॉय होटल में घुस गए और दो ताज होटल में. चार आतंकी नरीमन हाउस की ओर गए. मोहम्मद अजमल आमिर कसाब और एक अन्य आतंकवादी, अबू इस्माइल खान ने छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) रेलवे स्टेशन पर गोलीबारी की, जिसमें कई लोग मारे गए और घायल हुए.

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