हिन्दुस्तान मे वक्फ बोर्ड की जरूरत क्यो;क्या आजाद भारत को फिर से गुलाम बनाने की काग्रेस की साजिश रही है?

हिन्दुस्तान मे वक्फ बोर्ड की जरूरत क्यो;क्या आजाद भारत को फिर से गुलाम बनाने की काग्रेस की साजिश रही है?


देश के सभी वक्फ बोर्डों के पास कुल मिलाकर 8 लाख 54 हजार 509 संपत्तियां हैं जो करीब 8 लाख एकड़ से ज्यादा जमीन पर फैली है.


वक्फ बोर्ड के पास भारतीय सेना और रेलवे के बाद सबसे ज्यादा जमीन है


देश की आजादी के बाद 1954 वक्फ की संपत्ति और उसके रखरखाव के लिए वक्फ एक्ट -1954 बनाया गया.


वक्फ और वक्फ बोर्ड क्या होता है, और वक्फ की संपत्तियां कितनी हैं.हम आपको बताएंगे ..



इन दिनों वक्फ बोर्ड काफी चर्चा में है। दिल्ली सरकार की एंटी करप्शन ब्रांच (ACB) ने वक्फ बोर्ड से जुड़े घोटाले के आरोप में ओखला से आम आदमी पार्टी (AAP) विधायक अमानतुल्लाह खान को गिरफ्तार कर लिया है।


वक्फ संपत्तियों संबंधी दावों को लेकर देश में तकरीबन हर राज्य में ही विवाद की स्थिति है. माना जा रहा है कि वक्फ बोर्ड गलत तरीकों से कई जगहों को अपनी संपत्ति पर दावा जता चुके हैं जबकि रिकॉर्ड और ऐतिहासिक साक्ष्य इस पर खरे नहीं उतरते. वक्फ को लेकर बने कुछ कानून भी अब सवालिया घेरे में हैं.


उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार ने 33 साल पुराने शासनादेश को निरस्त करते हुए वक्फ की संपत्तियों के पुनर्परीक्षण की प्रक्रिया शुरू करने को कहा है.


 *'वक्फ' क्या होता है?*

इस्लाम में वक्फ उस संपत्ति को कहते हैं, जो अल्लाह के नाम पर दान कर दी जाती है। एक बार संपत्ति वक्फ हो गई तो फिर उसे मालिक वापस नहीं ले सकता है.

ये दान पैसे या संपत्ति का हो सकता है. इस्लाम में किसी इंसान का धर्म के लिए किया गया किसी भी तरह का दान वक्फ कहलाता है।


*वक्फ बोर्ड क्या होता है?*

जब कोई मुस्लिम अपनी संपत्ति दान कर देता है तो उसकी देखरेख का जिम्मा वक्फ बोर्ड के पास ही होता है.

वक्फ बोर्ड के पास दान दी गई संपत्ति पर कब्जा करने का अधिकार होता है. वक्फ की संपत्ति को किसी को भी ट्रांसफर करने, बेचने, तोहफे के तौर पर देने या लीज पर देने की मनाही है. ऐसा तभी हो सकता है जब बोर्ड के दो तिहाई सदस्य इसकी मंजूरी दे.


हर राज्य के अलग-अलग वक्फ बोर्ड होते हैं. इस समय देश के 32 राज्यों में वक्फ बोर्ड है.


केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री सेंट्रल वक्फ काउंसिल का पदेन अध्यक्ष होता है.


वर्तमान में स्मृति ईरानी सेंट्रल वक्फ काउंसिल की चेयरपर्सन हैं.


*वक्फ बोर्ड के पास है अकूत संपत्ति*

वक्फ बोर्ड के पास भारतीय सेना और रेलवे के बाद सबसे ज्यादा जमीन है.

वक्फ बोर्ड देश का तीसरा सबसे बड़ा जमीन मालिक है.


वक्फ मैनेजमेंट सिस्टम ऑफ इंडिया के मुताबिक, देश के सभी वक्फ बोर्डों के पास कुल मिलाकर 8 लाख 54 हजार 509 संपत्तियां हैं जो करीब 8 लाख एकड़ से ज्यादा जमीन पर फैली है.

तमिलनाडु में वहां के राज्य वक्फ बोर्ड ने एक पूरे गांव पर ही अपना मालिकाना हक जता दिया है. जबकि इस कावेरी नदी के किनारे स्थित तिरुचिरापल्ल जिले के तिरुचेंथराई गांव में 1500 साल पुराना सुंदेश्वर मंदिर भी . गांव के लोग हैरान हैं कि वक्फ कैसे उनके गांव पर इस तरह का दावा जता सकता है।

उत्तर प्रदेश में भी जब वक्फ बोर्ड ने बड़े पैमाने पर संपत्तियों पर दावा जताया तो सनसनी फैल गई. इसके बाद तुरंत बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक आदेश जारी करके कहा कि वक्फ की सभी संपत्तियों की जांच होगी. इस सर्वे को एक महीने में पूरा करने के लिए कहा गया था, जो अवधि पूरी हो गई है. माना जा रहा है कि इससे संबंधित रिपोर्ट अब यूपी सरकार को मिलने वाली होगी.

योगी सरकार ने नए सर्वे का आदेश जारी करने के साथ वक्फ बोर्ड से जुड़ा 33 साल पुराना आदेश भी रद्द कर दिया. दरअसल 1989 को तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने एक आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि यदि बंजर, भीटा, ऊसर आदि भूमि का इस्तेमाल वक्फ के रूप में किया जा रहा हो तो उसे वक्फ संपत्ति के रूप में ही दर्ज कर दिया जाए. फिर उसका सीमांकन किया जाए. इस आदेश के चलते प्रदेश में लाखों हेक्टेयर बंजर, भीटा, ऊसर भूमि वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज कर ली गईं.


वक्फ संबंधी कानून, ये कब बना

देश की आजादी के बाद 1954 वक्फ की संपत्ति और उसके रखरखाव के लिए वक्फ एक्ट -1954 बनाया गया. 1995 में इसमें बदलाव हुआ. फिर 2013 में भी एक्ट में कुछ और संशोधन हुआ. ये कहता है हर राज्य वक्फ बोर्ड एक सर्वे कमिश्नर की नियुक्ति करेगा, जो राज्य में वक्फ की सभी संपत्तियों का लेखा-जोखा रखेगा. उसे दर्ज करेगा. विवादों का निपटारा भी ये कमिश्नर ही करता है.


13 वर्षों में वक्फ बोर्ड की संपत्तियां दोगुनी से भी ज्यादा हो गई


सोचिए, दुनिया में इस्लाम के आने से पहले के मंदिर पर भी वक्फ अपनी मिल्कियत ने दावा कर दिया है! वक्फ बोर्ड की ऐसी ही विवादित गतिविधियों और उसे मिले विशेषाधिकारों को गैर-संवैधानिक बताते हुए वरिष्ठ वकील अश्विनी उपाध्याय ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है।

सेना के पास करीब 18 लाख एकड़ जमीन पर संपत्तियां हैं जबकि रेलवे की चल-अचल संपत्तियां करीब 12 लाख एकड़ में फैली हैं। अब जो आंकड़ा जानने वाले हैं, वो चौंका देगा। साल 2009 में वक्फ बोर्ड की संपत्तियां 4 लाख एकड़ जमीन पर फैली थी। मतलब साफ है कि बीते 13 वर्षों में वक्फ बोर्ड की संपत्तियां दोगुनी से भी ज्यादा हो गई हैं।

कैसे बढ़ रहा है वक्फ बोर्ड की जमीन का रकबा?

दरअसल, वक्फ बोर्ड देशभर में जहां भी कब्रिस्तान की घेरेबंदी करवाता है, उसके आसपास की जमीन को भी अपनी संपत्ति करार दे देता है। अवैध मजारों, नई-नई मस्जिदों की भी बाढ़ सी आ रही है। इन मजारों और आसपास की जमीनों पर वक्फ बोर्ड का कब्जा हो जाता है। चूंकि 1995 का वक्फ एक्ट कहता है कि अगर वक्फ बोर्ड को लगता है कि कोई जमीन वक्फ की संपत्ति है तो यह साबित करने की जिम्मेदारी उसकी नहीं, बल्कि जमीन के असली मालिक की होती है कि वो बताए कि कैसे उसकी जमीन वक्फ की नहीं है।कौन नहीं जानता है कि कई परिवारों के पास जमीन का पुख्ता कागज नहीं होता है। वक्फ बोर्ड इसी का फायदा उठाता है क्योंकि उसे कब्जा जमाने के लिए कोई कागज नहीं देना है।


1950 में हुए नेहरू-लियाकत समझौते- में तय हुआ था कि विस्थापित होने वालों का भारत और पाकिस्तान में अपनी-अपनी संपत्तियों पर अधिकार बना रहेगा। वो अपनी संपत्तियां बेच सकेंगे। हालांकि, पाकिस्तान में नेहरू-लियाकत समझौते के अन्य प्रावधानों का जो हश्र हुआ, वही हश्र इसका भी हुआ।

लेकिन भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने कहा कि यहां से पाकिस्तान गए मुसलमानों की संपत्तियों को कोई हाथ नहीं लगाएगा। जो मालिकों द्वारा साथ ले जाने, बेच दिए जाने के बाद जो संपत्तियां बच गई हैं, उन्हें वक्फ की सपत्ति घोषित कर दिया गया।

'1954 में वक्फ बोर्ड का गठन हुआ। यहीं से भारत के इस्लामीकरण का एजेंडा शुरू हुआ।दुनिया के किसी इस्लामी देश में वक्फ बोर्ड नाम की कोई संस्था नहीं है। यह सिर्फ भारत में है जो इस्लामी नहीं, धर्मनिरपेक्ष देश है।

1995 के संशोधन से वक्फ बोर्ड को मिलीं असीमित शक्तियां

वर्ष 1995 में पीवी नरसिम्हा राव की कांग्रेस सरकार ने वक्फ एक्ट 1954 में संशोधन किया और नए-नए प्रावधान जोड़कर वक्फ बोर्ड को असीमित शक्तियां दे दीं।

वक्फ एक्ट 1995 का सेक्शन 3(आर) के मुताबिक, कोई संपत्ति, किसी भी उद्देश्य के लिए मुस्लिम कानून के मुताबिक पाक (पवित्र), मजहबी (धार्मिक) या (चेरिटेबल) परोपरकारी मान लिया जाए तो वह वक्फ की संपत्ति हो जाएगी। वो कहते हैं कि वक्फ एक्ट 1995 का आर्टिकल 40 कहता है कि यह जमीन किसकी है, यह वक्फ का सर्वेयर और वक्फ बोर्ड तय करेगा।

अगर आपकी संपत्ति को वक्फ की संपत्ति बता दी गई तो आप उसके खिलाफ कोर्ट नहीं जा सकते

सबसे बड़ी बात है कि अगर आपकी संपत्ति को वक्फ की संपत्ति बता दी गई तो आप उसके खिलाफ कोर्ट नहीं जा सकते। आपको वक्फ बोर्ड से ही गुहार लगानी होगी। वक्फ बोर्ड का फैसला आपके खिलाफ आया, तब भी आप कोर्ट नहीं जा सकते।

वक्फ एक्ट का सेक्शन 85 कहता है कि ट्राइब्यूनल के फैसले को हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती नहीं दी जा सकती है।


*वक्फ बोर्ड अपने असीमित अधिकारों के दुरुपयोग से गरीबों का धर्मांतरण करवा रहा है*... वह आदिवासी इलाकों में लोगों की जमीन पर नोटिस देता है और जब व्यक्ति परेशान होता है तो उसे कहा जाता है कि अगर वह इस्लाम अपना ले तो जमीन बच जाएगी। उनका दावा है कि छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र जैसे राज्यों के पिछड़े इलाकों में जहां लोग पर्याप्त शिक्षित नहीं है, वहां वक्फ एक्ट धर्मांतरण का औजार बन गया है।


वक्फ बोर्ड को सरकार से भी अनुदान

मोदी सरकार में भी वक्फ को लेकर उदारता दिखाई गई। सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने नियम बनाया कि अगर वक्फ की जमीन पर स्कूल, अस्पताल आदि बनते हैं तो पूरा खर्च सरकार का होगा। यह तब हुआ जब मुख्तार अब्बास नकवी के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री थे। एक तरफ सरकार मंदिरों के पैसे लेती है, दूसरी तरफ वक्फ को अनुदान देती है। सरकार मंदिर ट्रस्ट का निर्माण करती है, उसके लिए गैर-हिंदुओं को भी ट्रस्ट में शामिल करने का प्रावधान है। यही नहीं, मंदिर परिसर में दुकानें खोलने की इजाजत भी गैर-हिंदुओं को होती है।

'भारत के इस्लामीकरण की प्रक्रिया भारत-विभाजन के बाद ही शुरू हो गई। देश का विभाजन हुआ धर्म के नाम पर, पाकिस्तान बना धर्म के नाम पर। इस देश में रह रहे मुसलमानों ने कहा कि वो हिंदुओं के साथ नहीं रह सकते, इसलिए एक अलग देश बन गया पाकिस्तान। ऐतिहासिक तथ्य है कि जिन लोगों ने मुस्लिम देश का एजेंडा चलाकर अलग देश की मांग की, उनमें ज्यादातर भारत में ही रह गए।


धन्य है काग्रेस की मुगलिया सोच! आज भारत के अंदर जो भी विवाद है वह सब काग्रेस की तुष्टिकरण का ही नतीजा है ।चाहे वह अयोध्या का श्री राम मंदिर ,वक्फ बोर्ड,कश्मीर मे धारा  360/35A ...आदि।


VD PANDEY 

Editor In Chief RD(RUDRADHARA)  Media

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