पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर दिल्ली तक आतंक का पर्याय बन चुके गैंगस्टर अनिल दुजाना को बाबा ने मिट्टी मे मिला दिया*

 पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर दिल्ली तक आतंक का पर्याय बन चुके गैंगस्टर अनिल दुजाना को बाबा ने मिट्टी मे मिला दिया


अनिल दुजाना जरायम की दुनिया में खौफ का बड़ा नाम था। उसके नाम से दुश्मन कांपते थे


पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर दिल्ली तक आतंक का पर्याय बन चुके गैंगस्टर अनिल दुजाना की तलाश जमानत मिलने के बाद तिहाड़ जेल से छूटने के बाद से एसटीएफ को थी। उसके गैंग के 40 सदस्यों में से 17 के खिलाफ पुलिस बीते कुछ सालों में कानूनी शिकंजा कसती जा रही थी। उसके खिलाफ कुल 64 मुकदमे दर्ज थे, जिनमें से एक में उसे तीन वर्ष के कारावास की सजा सुनाई जा चुकी थी, जबकि दो मुकदमों में वह बरी हो चुका था। 

दुजाना के लंबे आपराधिक रिकॉर्ड की वजह से उसका नाम शासन द्वारा चिन्हित 65 माफिया की फेहरिस्त में गौतमबुद्धनगर के माफिया के रूप में शामिल किया गया था। पुलिस दुजाना की 2.30 करोड़ रुपये की संपत्तियों को जब्त भी कर चुकी है। उसके खिलाफ गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर के अलावा दिल्ली में भी दो मुकदमे दर्ज थे। अनिल ने सबसे पहले वर्ष 2002 में रुपयों के लेनदेन के विवाद में बादलपुर थाना क्षेत्र में युवक की हत्या की थी। उसी साल उसने सेक्टर-20 थाना क्षेत्र और मोदीनगर में भी हत्या की वारदात की। उन दिनों गौतमबुद्ध नगर में स्क्रैप, सरिया और कंपनी के ठेके कब्जाने के अवैध धंधे पर सुंदर भाटी गिरोह हावी था। दुजाना ने आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए अवैध धंधे में दखल शुरू किया। रणदीप भाटी गिरोह सुंदर भाटी का विरोधी था। इसके चलते अनिल और रणदीप गिरोह की निकटता हो गई थी। 

दुजाना के खिलाफ वर्ष 2002 में पहला मुकदमा गाजियाबाद में हत्या का दर्ज हुआ था। इसी साल उसने गाजियाबाद में दो और हत्याएं कर पश्चिमी उप्र में अपना आतंक कायम कर लिया। वर्ष 2011 में उसने गौतमबुद्धनगर में पांच, जबकि मुजफ्फरनगर में एक हत्या कर पुलिस को चुनौती दी थी। वर्ष 2014 तक उसका नाम 16 हत्याओं में सामने आ चुका था। 

अनिल दुजाना जरायम की दुनिया में खौफ का बड़ा नाम था। उसके नाम से दुश्मन कांपते थे।

अनिल दुजाना के एनकाउंटर से योगी सरकार की माफियाओं के खिलाफ सख्त नीति एक बार फिर साबित हुई। 20 दिन पहले शासन की ओर से जारी 65 माफियाओं की सूची में गौतमबुद्धनगर जिले के माफियाओं में अनिल दुजाना टॉप पर था। पश्चिम में आतंक का पर्याय बने दुजाना को एसटीएफ ने मेरठ में मुख्यमंत्री योगी के दौरे के एक दिन पहले ही मुठभेड़ में मार गिराया। एसटीएफ की इस कार्रवाई के बाद सूची में बाकी बचे 64 माफियाओं में बैचेनी बढ़ गई है। 

बेटी के जन्मदिन के लिए कराई थी जमानत 

सूत्रों के मुताबिक अनिल दुजाना की दो साल की एक बेटी है। बेटी के जन्मदिन में शामिल होने और पत्नी से मिलने के लिए जेल से जमानत कराई थी। हालांकि जेल से बाहर आकर वह गवाहों को धमकी देने लगा था। पेशी पर आने के दौरान अपने गिरोह के बदमाशों को पर्ची लिखकर देता था। इसके अलावा जेल से भी कॉल व वीडियो कॉल कर धमकी देता था।

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