कांग्रेस:आज बजरंग दल बैन कल हिन्दुबैन ! काग्रेस का चेहरा एक बार फिर हुआ बेनकाब

 कांग्रेस:आज बजरंग दल बैन कल हिन्दुबैन ! काग्रेस का चेहरा एक बार फिर हुआ बेनकाब


एक हैशटैग इस समय काफी ट्रेंड कर रहा है, वो है #देश_की_शान_बजरंग दल



मुस्लिम वोटरों के लिए तुष्टिकरण कर रही कांग्रेस


कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के मेनिफेस्टो में बजरंग दल को बैन करने की बात की है। कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि उनकी सरकार आएगी तो बजरंग दल को बैन किया जाएगा।कांग्रेस पार्टी बजरंग दल की तुलना पीएफआई जैसे आतंकी संगठन से कर रही है, यह गलत है। बजरंग दल एक राष्ट्र भगत संगठन है। कांग्रेस तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है। यह मुसलमानों के वोट हासिल करने के लिए ऐसा कर रहे है।बजरंग दल जैसे संगठन पर बैन करने की बात करना सही नहीं है। ममता ने भी चुनाव से पहले तुष्टिकरण को लेकर भाषण दिया था। राम नवमी पर हिंसा हुई थी, यही कांग्रेस करने जा रही है। फिर राहुल गांधी कोट पर जनेऊ पहनकर मंदिर मंदिर जा रहे थे। मगर अब बजरंग दल पर बैन की बात कांग्रेस कर रही है।

कर्नाटक में 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस ने अपना घोषणापत्र जारी किया। पार्टी के इस विजन डॉक्यूमेंट में कांग्रेस ने विश्व हिंदू परिषद की यूथ विंग बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का वादा किया है।कर्नाटक चुनाव के प्रचार में बीजेपी ने प्रतिबंधित इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को तरजीह देने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस पर लगातार हमला बोला है।

हाल ही में कर्नाटक की बीजेपी सरकार ने सूबे में चार प्रतिशत मुस्लिम आरक्षण को रद्द कर दिया। बीजेपी के वरिष्ठ नेता इस बात की भी चर्चा लगातार कर रहे हैं। वहीं, कांग्रेस का कहना है कि सत्ता में वापसी पर वह यह आरक्षण फिर से बहाल कर देगी। कांग्रेस के इस कथन को भी बीजेपी इस्तेमाल करने की पूरी तैयारी में दिख रही है। कई चुनावी रैलियों और जनसभाओं में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यह सवाल उठाया कि कांग्रेस मुसलमानों को आरक्षण किसकी कीमत पर देगी। उन्होंने एक रैली के दौरान पूछा कि मुसलमानों को फिर से आरक्षण देने के लिए कांग्रेस किसका आरक्षण कम करेगी?

यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस ने बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का मुद्दा उठाया है। 2008 में जब यूपीए शासन के दौरान भी कांग्रेस ने बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। 1992 में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाया गया था। हालांकि बाद में इस मामले की सुनवाई के लिए गठित ट्रिब्यूनल के आदेश पर यह बैन हटा लिया गया।डॉ. सतीश पुनियां ने कांग्रेस पर करारा प्रहार किया है. सतीश पुनियां ने ट्वीट कर कहा है कि कांग्रेस और बीजेपी में यही अंतर है कि बीजेपी देश के खिलाफ षडयंत्र रचने वाली संस्थाओं पर चोट करती है और कांग्रेस राष्ट्रवाद की बात करने वाली संस्थाओं पर.सतीश पूनियां ने आगे कहा कि बजरंग दल की तुलना प्रतिबंधित PFI से करना कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति वाली मानसिकता को दर्शाता है. श्रीराम के दूत बजरंगबली हनुमान जी की भूमि कर्नाटक के लोग कांग्रेस के चरित्र से अवगत हैं और आगामी चुनाव में अपना जवाब भी देंगे.

कांग्रेस पार्टी सत्ता में आती है तो बजरंग दल जैसे संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। अब इसे लेकर ट्विटर पर खासा घमासान देखने को मिल रहा है। एक हैशटैग इस समय काफी ट्रेंड कर रहा है, वो है #देश_की_शान_बजरंग दल।


इसके बाद बजरंग दल के समर्थन में काफी यूजर्स ने पोस्ट किए हैं।

बजरंग दल का इतिहास

बजरंग दल को एक महत्वपूर्ण हिन्दुत्व संगठन माना जाता है। इसकी स्थापना 8 अक्टूबर, 1984 को अयोध्या में हुई थी। विनय कटियार बजरंग दल के संस्थापक-अध्यक्ष हैं। ऐसा माना जाता है कि श्रीराम जानकी रथ यात्रा के दौरान ही इसकी स्थापना हुई थी। इस दल का मुख्य मकसद लोगों तक हिंदुत्व को पहुंचाना था। बाद में इसके साथ कई युवा और साधु-संत भी जुड़ते गए। धीरे-धीरे इसकी लोकप्रियता पूरे देश में फैल गई।

के लिए देशभर में इसके कार्यकर्ता जागरुकता अभियान करते हैं। साथ ही इसके कार्यकर्ता सामाजिक कार्यों में लगातार हिस्सा लेते हैं। संगठन की तरफ से रक्दतान शिविर भी लगाए जाते हैं।

इसके अलावा बजरंग दल को गोवंश को बचाने को लेकर भी जाना जाता है।

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