फिल्म 'टीपू' मे दिखेगा क्रूर सुल्तान का सही चेहरा;जिसे वामपंथियो ने महान बताया है

 फिल्म 'टीपू' मे दिखेगा क्रूर सुल्तान का सही चेहरा;जिसे वामपंथियो ने महान बताया है



सभी हिन्दुओं को इस्लाम में दीक्षा दो. जो स्वेच्छा से मुसलमान न बने उसे बलपूर्वक मुसलमान बनाओ और जो पुरूष विरोध करे, उनका कत्ल करवा दो और उनकी स्त्रियों को पकड़कर शरिया कानून के अनुसार मुसलमानों में बाँट दो.”-टीपू शैतान


फिल्म 'टीपू' का टीजर जारी हो गया है।बच्चों को हिस्ट्री में पढ़ाया गया है कि कैसे टीपू सुल्तान ने ब्रिटिश शासन को उखाड़ने के लिए लड़ाई लड़ी। लेकिन, प्रोड्यूसर संदीप सिंह ने अपनी फिल्म में टीपू सुल्तान को हिंदू धर्म विरोधी बताया है। उन्होंने फिल्म के टीजर के जरिए यह दावा किया है कि टीपू सुल्तान ने अपने समय में 8000 हिंदू मंदिरों काे नष्ट कराया था। इतना ही नहीं, टीपू सुल्तान ने लाखों हिंदुओं का धर्म भी भ्रष्ट कराया।

फिल्म में टीपू सुल्तान का किरदार निभाने वाले एक्टर का कालिख से पुता विकृत चेहरा दिखाया। इतना ही नहीं, फिल्मकार संदीप सिंह ने टीजर लॉन्च के दौरान कहा, "ईमानदारी से कहूं तो टीपू सुल्तान, सुल्तान कहलाने के लायक भी नहीं है।फिल्म के लेखक रजत सेठी ने कहा, 'टीपू सुल्तान एक ऐसी ऐतिहासिक हस्ती हैं जिनके बारे में बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया और उनकी क्रूरताओं को करीने से छिपाया दिया गया।

इतिहास के पन्नों में मैसूर के सुल्तान टीपू की जो कहानी दर्ज है क्या तथ्यों के लिहाज से वो सटीक नहीं है?

मैसूर के वोडेयार वंश के राजा कृष्णराजा वोडेयार-II ने अनपढ़ हैदरअली को अपने दरबार में नौकरी दिया था और फिर एक दिन हैदर अली ने उसी राजा को सत्ता से बेदखल कर पूरे वोडेयार वंश को खत्म कर न सिर्फ मैसूर की सत्ता पर अधिकार कर लिया बल्कि मैसूर के हिन्दू प्रजा पर भी भयानक अत्याचार किया और उन्हें जबरन धर्मान्तरित होने को विवश किया.उसी हैदर अली का बेटा था टीपू सुल्तान जो उसकी मौत के बाद गद्दी पर बैठा था. वह अपने बाप से भी ज्यादा क्रूर, धर्मान्ध और हिंसक था. टीपू भी अपने पूर्ववर्ती धर्मान्ध, हिंसक, जिहादी, बर्बर मुस्लिम सुल्तानों कि तरह ही था और किसी भी तरह औरंगजेब, कासिम, गौरी, गजनवी जैसे शैतानों से कम नहीं था. दक्षिण के इतिहासकारों ने उसे दक्षिण भारत का औरंगजेब की संज्ञा दी है.टीपू सुल्तान गद्दी पर बैठते ही मैसूर को मुस्लिम राज्य घोषित कर दिया. मुस्लिम सुल्तानों की परम्परा के अनुसार टीपू ने आम दरबार में घोषणा की, “मै सभी काफिरों (गैर मुस्लिमों) को मुस्लमान बनाकर रहूंगा. उसने सभी हिन्दुओं को फरमान जारी कर दिया. उसने मैसूर के गाव-गाँव के मुस्लिम अधिकारियों के पास लिखित सूचना भिजवादी कि, “सभी हिन्दुओं को इस्लाम में दीक्षा दो. जो स्वेच्छा से मुसलमान न बने उसे बलपूर्वक मुसलमान बनाओ और जो पुरूष विरोध करे, उनका कत्ल करवा दो और उनकी स्त्रियों को पकड़कर शरिया कानून के अनुसार मुसलमानों में बाँट दो.”

इतिहासकार लिखते हैं टीपू हर गाँव में एक हाथ में तलवार और दुसरे हाथ में कुरान लेकर पहुंचा और लोगों को मुसलमान बनाया या फिर मौत के घाट उतार दिया.

टीपू सुल्तान का अपने सेनानायक को पत्र:


”जिले के प्रत्येक हिन्दू का इस्लाम में धर्मान्तरण किया जाना चाहिए; अन्यथा उनका वध करना सर्वोत्तम है; उन्हें उनके छिपने के स्थान में खोजा जाना चाहिए; उनका इस्लाम में सम्पूर्ण धर्मान्तरण के लिए सभी मार्ग व युक्तियाँ सत्य-असत्य, कपट और बल सभी का प्रयोग किया जाना चाहिए.”

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