ऊल-जुलूल फरमानों के लिए कुख्यात वक्फ बोर्ड का नया कारनामा आया सामने;वक्फ बोर्ड के मंसूबे हाईकोर्ट में पस्त

ऊल-जुलूल फरमानों के लिए कुख्यात वक्फ बोर्ड का नया कारनामा आया सामने;वक्फ बोर्ड के मंसूबे हाईकोर्ट में पस्त


कांग्रेस के मुगलिया सोच का परिणाम है "वक्फ बोर्ड" ;इसे देशहित मे खत्म किया जाना अति आवश्यक है



वक्फ बोर्ड ने हैदराबाद के एक नामी 5 स्टार होटल को ही अपनी जागीर घोषित कर दिया। 

होटल का नाम मैरियट है जिसे कभी वायसराय नाम से भी जाना जाता था। इस पर कब्ज़े के लिए बोर्ड ने होटल से बाकायदा लम्बी कानूनी लड़ाई भी लड़ी। 

आखिरकार तेलंगाना में वक्फ बोर्ड के तमाम मंसूबे धरे के धरे ही रह गए।

साल 1964 में अब्दुल गफूर नाम के एक व्यक्ति ने तब वायसराय नाम से चर्चित इस होटल पर अपना हक जताते हुए मुकदमा कर दिया था। 

मुकदमे में वक्फ अधिनियम 1954 का हवाला दिया गया था, जिसकी वजह से होटल मेरियट की सम्पत्ति विवादित घोषित हो गई थी।

लगभग 50 वर्षों तक वक्फ बोर्ड ने यह मामला कानूनी पेचीदगियों में उलझाए रखा।

हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं। आखिरकार अंतिम फैसला होटल मैरियट के पक्ष में आया। अदालत ने वक्फ बोर्ड की याचिका को शुरुआत से ही गैरकानूनी माना। 

होटल के खिलाफ वक्फ बोर्ड की अधिसूचना को ख़ारिज करते हुए अदालत ने फैसला सुनाया। साथ ही वक्फ बोर्ड को मिसकंडक्ट जारी करते हुए भविष्य में सभी बेदखली के कामों को रोकने का आदेश दिया।

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