योगीराज में खत्म हुआ पूर्वांचल का आतंक! मुख्तार अंसारी से अतीक अहमद तक...खत्म होता गया माफिया सम्राज्य

योगीराज में खत्म हुआ पूर्वांचल  का आतंक! मुख्तार अंसारी से अतीक अहमद तक...खत्म होता गया माफिया सम्राज्य


*एक समय था जब पूर्वांचल माफिया राज के लिए कुख्यात था*


*गैंगवॉर,हत्या,अपहरण के लिए बदनाम पूर्वांचल आज योगीराज में राहत की सांस ले रहा है*


*1996 से लगातार पांच चुनावों में एकतरफा रहा मुख्तार अंसारी का साम्राज्य*


आजमगढ मऊ से लेकर प्रयागराज तक फैला था माफियाराज।कहीं मुख्तार अंसारी का तो कहीं पर अतीक अहमद के गुर्गे हावी थे.


एक समय था जब पूर्वांचल माफिया राज के लिए जाना जाता था. हफ्ता वसूली, गुंडा टैक्स, ठेकेदारी के लिए खुलेआम हत्याएं, गैंगवॉर के लिए बदनाम पूर्वांचल आज योगीराज में राहत की सांस ले रहा है.


कभी-कभी तो बिहार के सिवान का बाहुबली मृतक शहाबुद्दीन भी अपना माफिया गिरी चमकाने के लिए देवरिया, कुशीनगर की तरफ रुख कर देता था. इनमें से कई माफिया सफेदपोश भी बने और हजारों करोड़ के मालिक बन गए.


1990 से 2005 साल तक पूर्वांचल वासियों ने मुख्तार अंसारी के उस काफिले को देखा है जिसमें उसके गुर्गे खुलेआम हथियार लहराते हुए, फायरिंग करते हुए जाते थे. हथियार से डर और आतंक लोगों की बीच पैदा करने का शौकीन था मुख्तार अंसारी. तत्कालीन विधायक कृष्णानंद राय की हत्या का मास्टरमाइंड था मुख्तार अंसारी.


2017 में योगीराज आ गया और पूर्वांचल वासियों ने मुख्तार अंसारी के प्रॉपर्टी पर बुलडोजर चलता हुआ देखा. मुख्तार अंसारी का कई 100 करोड़ की प्रॉपर्टी योगीराज में जब्त हुआ.


अतीक और अशरफ का काफिला जब प्रयागराज और पूर्वांचल के दूसरे जिलों से निकलता था तब लोग खौफ ज्यादा हो जाते थे. पता नहीं आज किसकी शामत आने वाली है. विधायक राजू पाल हत्याकांड में सभी ने देखा किस तरीके से राजू पाल की हत्या हुई. कहा जाता है जिस जमीन या घर अतीक और अशरफ को पसंद आ जाते थे उस पर वह कब्जा कर लेते थे. माफिया से सफेदपोश बने दोनों भाई अवैध तरीकों से हजारों करोड़ के मालिक भी बन गए. पूर्वांचल की राजनीति में गद्दी शब्द का इस्तेमाल जहां होता था लोग गौर करते थे कोई नजरअंदाज नहीं कर सकता था, क्योंकि गद्दी समाज से अतिक और अशरफ आते थे.


1980 से लेकर 2015 तक अतीक और अशरफ का खौफ पूर्वांचल में बरकरार था. लेकिन 2017 में योगीराज आने के बाद यह खौफ लगातार गिरता गया.


हरिशंकर तिवारी: पूर्वांचल की राजनीति में हाता का नाम काफी प्रसिद्ध था. हरिशंकर तिवारी का घर हाता में था. कहा जाता है जो भी आदेश हाता से जारी होता था उसका पालन तुरंत किया जाता था. हिंदुस्तान की राजनीति में हरिशंकर तिवारी एक ऐसा नाम है जो पहले माफिया था और फिर सफेदपोश बना. हरिशंकर तिवारी कई बार चुनाव जीते और मुलायम सिंह यादव की सरकार में कैबिनेट मंत्री भी बने. बाद में इन्होंने अपनी एक अलग पार्टी बनाई। एक समय में इनका खौफ इतना ज्यादा था कि इन्हीं के लोगों को रेलवे में ठेके, राज्य सरकार के सरकारी टेंडर अधिकारी देते थे. उनके काफिले में इनके गुर्गे खुलेआम हथियार लहराते हुए चलते थे. किसी अधिकारी की मजाल नहीं थी कि उनके काफीले को रोक दें.

योगी आदित्यनाथ जब सांसद बने थे उस दौरान गोरखपुर में हरिशंकर तिवारी के माफिया राज के खिलाफ डट कर खड़े हुए और अदावत की. 2017 में योगीराज आने के बाद हरिशंकर तिवारी के खिलाफ प्रशासन ने एक्शन लेने शुरू किए थे. हरिशंकर तिवारी द्वारा अर्जित की गई बेनामी संपत्तियों पर बुलडोजर भी चले.


पूर्वांचल के माफिया राज में मुख्तार अंसारी से अगर किसी ने अदावत ली तो वह था बृजेश सिंह। इनकी अदावत भी ऐसी थी कि इन पर वेब सीरीज बना दिया गया. गांव में, गली में, मोहल्ले में हर जगह उनकी अदावत की चर्चाएं एक समय में हुआ करती थी.


28 साल बाद घोसी लोकसभा का संसदीय चुनाव मुख्तार अंसारी व उसके कुनबे से पूरी तरह से मुक्त है। प्रशासन ने बाहुबली के आर्थिक साम्राज्य को पूरी तरह से जहां ध्वस्त कर दिया है वहीं उसकी अब तक 605 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति जब्त की जा चुकी है। यही नहीं गिरोह के 215 करोड़ रुपये के अवैध कारोबार को बंद कराया गया है।


मुख्तार को पांच जून, 2023 को पहली बार हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। वाराणसी के बहुचर्चित अवधेश राय हत्याकांड में मुख्तार को कोर्ट ने दोषी ठहराया था। इसके बाद 27 अक्टूबर, 2023 को गाजीपुर में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के ही मामले में 10 वर्ष कारावास की सजा सुनाई गई थी। इंटर स्टेट गैंग 191 का सरगना मुख्तार अंसारी 25 अक्टूबर, 2005 से जेल में निरुद्ध था और बीते 28 मार्च को बांदा जेल में उसकी मौत हो गई।


लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा, सब में उसकी तूंती बोलती थी। चार दशक से आतंक का पर्याय रहे मुख्तार अंसारी का अंत हो चुका है। ऐसे में अब यह लोकसभा चुनाव पूरी तरह से शांतिप्रिय हो रहा है। कहीं से भी कोई दबंगई की बात सामने नहीं आ रही है। प्रशासन भी पूरी तरह से संजीदगी के साथ मतदान कराने में जुटा हुआ है। मतदान की सारी तैयारियां पूरी की जा रही हैं।

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