पीएम मोदी का 'ध्यान' ,INDI गैंग मे घमासान!मोदी का ध्यान तो विपक्ष करने लगा अजान

पीएम मोदी का 'ध्यान' ,INDI गैंग मे घमासान!मोदी का ध्यान तो विपक्ष करने लगा अजान


*पीएम कन्याकुमारी के प्रसिद्ध विवेकानंद राक मेमोरियल में दो दिन ध्यान लगाएंगे


*2019 लोकसभा चुनाव प्रचार  के बाद भी पीएम ने केदारनाथ की एक गुफा में ध्यान लगाया था


आज चुनावी शोर पूरे देश में थम जाएगा। इस लोकतंत्र के महापर्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 75 दिनों तक घोर साधना की है।


अगले 3 दिन तक पीएम मोदी सागर की लहरों के एकांत में रहेंगे और आध्यात्मिक चेतना में ऊर्जा भरने की पूरी कोशिश होगी।


प्रधानमंत्री मोदी 30 मई की शाम से 1 जून की शाम तक कन्याकुमारी के ध्यान मंडपम में ध्यान करेंगे। ये वो स्थान है जहां आध्यात्मिक प्रतीक विवेकानंद को ज्ञान प्राप्त हुआ था और यहीं उन्हें भारत माता के बारे में दिव्य दर्शन हुए थे। अभी नरेंद्र मोदी 'ध्यान मग्न' होने वाले हैं, लेकिन इससे विरोधियों का चैन उड़ चुका है। 


ममता बनर्जी कहती हैं कि अगर प्रधानमंत्री मोदी का कन्याकुमारी में ध्यान का प्रसारण किया गया तो तृणमूल कांग्रेस चुनाव आयोग से शिकायत करेगी। ममता का आरोप है कि ये आचार संहिता का उल्लंघन होगा।


कांग्रेस ने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है। कांग्रेस नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने आपत्ति जताई कि प्रधानमंत्री 48 घंटे की मौन अवधि के दौरान 'मौन व्रत' रख रहे हैं।

जब किसी को भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रचार करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का मौन व्रत आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन होगा।


हमने चुनाव आयोग के सामने दो मांगें रखी हैं। पहली ये कि पीएम मोदी अपना मौन व्रत चुनाव अवधि से 24 या 48 घंटे बाद शुरू करें।


कन्याकुमारी के प्रसिद्ध विवेकानंद राक मेमोरियल में दो दिन ध्यान लगाएंगे। उनके प्रवास के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। 

2,000 पुलिसकर्मियों के अलावा विभिन्न सुरक्षा एजेंसियां कड़ी निगरानी रखेंगी। अधिकारियों ने बुधवार को तैयारियां परखीं। मोदी उसी स्थान पर ध्यान लगाएंगे जहां स्वामी विवेकानंद ने तीन दिन तक ध्यान लगाया था और विकसित भारत का सपना देखा था।


 दें कि ऐसा पहली बार नहीं जब चुनाव के बाद पीएम मोदी ध्यान लगाने वाले हैं। 2019 लोकसभा चुनाव के प्रचार अभियान के बाद भी पीएम केदारनाथ की एक गुफा में इसी तरह ध्यान पर बैठे थे। 

भाजपा पदाधिकारियों ने बताया कि जिस स्थान पर प्रधानमंत्री ध्यान लगाएंगे उसका विवेकानंद के जीवन पर बड़ा प्रभाव था। देशभर में घूमने के बाद विवेकानंद यहीं पहुंचे थे और उन्होंने तीन दिन तक ध्यान लगाया था और एक विकसित भारत का सपना देखा था।

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