‘तीन तलाक’ और हलाला जैसी कुप्रथाओं व इस्लाम में महिलाओं का सम्मान नहीं, शमा परवीन ने घर-वापसी कर शिवम वर्मा को चुना जीवनसाथी

 ‘तीन तलाक’ और हलाला जैसी कुप्रथाओं व इस्लाम में महिलाओं का सम्मान नहीं, शमा परवीन ने घर-वापसी कर शिवम वर्मा को चुना जीवनसाथी


घर में बनता था गोमांस,भाई से निकाह के डर से लिया जल्द फैसला


बिहार के औरंगाबाद की शमा परवीन नामक मुस्लिम महिला ने हिन्दू धर्म में घर-वापसी करते हुए शिवम वर्मा को अपना जीवनसाथी चुना है।


शमा परवीन अब ‘पूनम’ नाम से जानी जाएँगी। शमा परवीन बिहार के औरंगाबाद के जगदीशपुर स्थित काजीचक गाँव की निवासी हैं। वो हाईस्कूल तक पढ़ी हैं।

शादी समारोह में उनकी मुलाकात शमा परवीन से हुई। दोनों में फिर बातचीत शुरू होगी और उसके बाद उनमें प्यार पनपने लगा। 

अंततः दोनों ने शादी करने का फैसला ले लिया। हालाँकि, शमा परवीन के परिजन इस रिश्ते से नाराज़ हैं और उन्होंने इसका विरोध भी किया था। 

पंडित KK शंखधार ने एक अधिवक्ता के जरिए दोनों के दस्तावेजों की जाँच करवाई। इसके बाद गंगाजल से शमा परवीन का शुद्धिकरण करवाया गया और फिर हिन्दू रीति-रिवाज से विवाह की रस्म पूरी कराई गई। 

विवाह के बाद शमा परवीन अब ‘पूनम देवी’ नाम से जानी जाएँगी।

उन्होंने बताया कि मुग़ल आक्रांताओं के कारण उनके पूर्वजों ने इस्लामी धर्मांतरण कर लिया था। उन्होंने बताया कि उनका विश्वास और आस्था सनातन धर्म में है, वो हिन्दू देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना करती हैं।

 उन्होंने ‘तीन तलाक’ और हलाला जैसी कुप्रथाओं की बात करते हुए कहा कि इस्लाम में महिलाओं का कोई सम्मान नहीं है। बकौल शमा परवीन, उन्होंने स्वेच्छा से सनातन धर्म को अंगीकार करने का निर्णय लिया है।

शमा परवीन गाय में भी श्रद्धा रखती हैं। जबकि उनके घर में खाने में गाय के मांस का इस्तेमाल किया जाता था।

उन्होंने कहा कि इन सबके उलट हिन्दू धर्म में महिलाओं का सम्मान किया जाता है। शमा परवीन (अब पूनम देवी) को डर था कि उनके ही कजन भाई के साथ उनका निकाह कराया जा सकता है।

इसीलिए उन्होंने जल्द से जल्द अपने प्रेमी शिवम वर्मा से हिन्दू रीति-रिवाज से शादी करने की ठानी।

शिवम वर्मा उत्तर प्रदेश के बलिया के रहने वाले हैं।शिवम वर्मा 8वीं पास हैं और बलिया के राजेंद्रनगर के रहने वाले हैं। वो एक सर्राफा दुकान में कारीगरी का काम करते हैं

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