आतंकी अतीक अहमद के आतंक का हुआ अंत :मिट्टी मे मिला दुर्दांत माफिया का सम्राज्य

राजू पाल से शादी के महज 9 दिन बाद ही माफिया अतीक अहमद ने पूजा से छीन लिया था उनका सुहाग


प्रयागराज:मीडिया कर्मियों के भेष में आए 3 हमलावरों ने माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की प्रयागराज मेडिकल कॉलेज के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी। दोनों 4 दिनों की पुलिस रिमांड पर थे। मौत से 3 दिन पहले ही उसके बेटे असद को यूपी पुलिस ने एनकाउंट में मार गिराया था। वह अपने बेटे को अंतिम विदाई भी नहीं दे सका।अतीक अहमद के पिता हाजी फिरोज भी अपराधी था। वो तांगा चलाता था।

आतंक ऐसा कि 10 जजों ने उसके उपर लगे मुकदमों की सुनवाई से इनकार कर दिया था

अतीक के गुनाहों की सूची भी लंबी है तो सियासत में उसकी उपलब्‍धियां भी कम नहीं हैं। वो विधायक और सांसद रहने के साथ ही यूपी में आतंक का दूसरा नाम था। गैंगस्‍टर, हिस्ट्रीशीटर अतीक 5 बार विधायक और एक बार उस फूलपुर सीट से सांसद भी रहा।  उसके ऊपर खिलाफ 100 से ज़्यादा आपराधिक मामले दर्ज थे। उसका आतंक का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हाईकोर्ट के करीब 10 जजों ने उसके उपर लगे मुकदमों की सुनवाई से इनकार कर दिया था।दरअसल, 90 के दशक में क्षेत्रीय पार्टियां अपने मकसदों को साधने के लिए अपराधियों को ही सत्ता में भागीदार बना दिया करती थी। लेकिन बाद में ये अपराधी इतने बड़े हो गए कि उन पर कोई लगाम नहीं रही। सियासी छत्रछाया में अतीक गैंग्‍स्‍टर, हिसट्रीशीटर, माफिया और डॉन बन गया।

सपा सरकार के संरक्षण मे बढा माफिया अतीक का माफियाराज

अतीक ने 1989 में हुए यूपी के विधानसभा चुनावों में इलाहाबाद वेस्ट सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर चुनाव लड़ा और वो विधायक बन गया।इलाहाबाद सिटी वेस्ट की इसी सीट से 1991, 1993, 1996 और 2002 में भी लगातार जीत हासिल करता रहा।

1996 में वह समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधायक चुना गया तो 2002 में डॉ सोनेलाल पटेल के अपना दल से। 2002 के चुनाव के समय वह अपना दल का प्रदेश अध्यक्ष बना था। 2004 में फिर से सपा में न सिर्फ उसकी वापसी हुई, बल्कि वह मुलायम सिंह की पार्टी से फूलपुर से सांसद चुना गया।

सपा सरकार मे कराया राजूपाल हत्याकांड

25 जनवरी साल 2005 को प्रयागराज में शहर के धूमनगंज इलाके में विधायक राजू पाल की दिन दहाड़े हत्या कर दी गईं। विधायक राजू पाल की हत्या का आरोप अतीक और अशरफ पर लगा। इस मामले में दोनों भाइयों को जेल भी जाना पड़ा। दरसअल, साल 2007 के चुनाव में अशरफ और 2012 में अतीक को हार का सामना करना पड़ा था। राजू पाल की हत्या का आरोप अतीक के साम्राज्‍य के लिए तबाही बन गई। राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की उसके बेटे असद ने गुलाम और गुड्डू इस्लाम जैसे शूटर्स के साथ मिलकर हत्या कर दी। इस मामले में अतीक के परिवार के कई लोगों पर आरोप लगे। उमेश पाल की हत्या के मात्र 2 माह के भीतर ही अतीक और उसके साम्राज्य का अंत हो गया। 

माफिया अतीक का अपराधी कुनबा


अतीक का छोटा भाई पूर्व सपा विधायक अशरफ को पुलिस ने 2020 में गिरफ्तार किया था। अशरफ पर कई सालों तक एक लाख रुपए का इनाम घोषित था। उसका सबसे बड़ा बेटा उमर लखनऊ तो दूसरे नंबर का अली अहमद प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में कैद है। बड़े बेटे उमर ने लखनऊ में सरेंडर किया था। दूसरे बेटे अली ने पांच करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने के मामले में पिछले साल जुलाई महीने में प्रयागराज कोर्ट में सरेंडर किया था। तीसरा बेटा असद उमेश पाल शूट आउट केस में मोस्ट वांटेड था। 13 अप्रैल को पुलिस ने उसे एक एनकाउंटर में मार गिराया।यही नही बीबी साहिस्ता भी वॉन्टेड है,जिसकी पुलिस सरगर्मी से तालाश कर रही है।

अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कसारी-मसारी कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक किया गया है। इसी के साथ अतीक के आतंक का आज अंत हो गया। लेकिन अतीक से जुड़ी कई आतंक की कहानियां लोगों की जेहन में आज भी बसी है।

माफिया जेल में लगाता था दरबार, कई लोगों की उधेड़ी थी चमड़ी


अतीक ने देवरिया जेल की बैरक नंबर 7 में 3 अप्रैल 2017 से 31 दिसंबर 2018 के बीच अतीक और उसके गुर्गों ने कई लोगों की चमड़ी उधेड़ी थी।

माफिया अतीक अहमद ने देवरिया जेल की बैरक नंबर सात को यातना गृह में तब्दील कर दिया था। यहीं पर उसका दरबार भी सजता था। इस यातना गृह में उसने 20 महीने में कई लोगों की चमड़ी उधेड़ी थी। क्राइम ब्रांच ने फिलहाल ऐसे 8 लोगों को ढूंढ निकाला था, जिनपर अतीक ने जुल्म ढाया था।पड़ताल में खुलासा हुआ कि जेल में अतीक के दरबार में उसके गुर्गे जेलकर्मियों की मिलीभगत से बेरोकटोक आते-जाते थे।

माफिया अतीक अहमद के गोमतीनगर के रियल एस्टेट कारोबारी मोहित जायसवाल को अगवा करके देवरिया जेल में बंधक बनाकर पिटाई और कंपनी गुर्गों के नाम कराने के मामले की पड़ताल में बेहद चौंकाने वाले खुलासे हुए थे।

मोहित जायसवाल के अपहरण से दिसंबर 2018 में प्रदेश भर में हड़कंप मच गया था। अतीक अहमद ने बिल्कुल फिल्मी माफियाओं की तरह मोहित को लखनऊ से उठवा लिया। अपहर्ता को उसे लेकर देवरिया जेल के अंदर गए। वहां कई घंटों तक अतीक और उसके गुर्गों ने मोहित को पीटा था।

राजू पाल से शादी के महज 9 दिन बाद ही माफिया अतीक अहमद ने पूजा से उनका सुहाग छीन लिया था

पूर्व बीएसपी विधायक राजू पाल से शादी के महज 9 दिन बाद ही माफिया अतीक अहमद ने पूजा से उनका सुहाग छीन लिया था। उस समय पूजा ने अपने पति की लाश से लिपटकर अतीक और उसके परिवार को श्राप दिया था। उन्होंने कहा था कि जिस तरह उनके निर्दोष पति की जिस तरह हत्या हुई है, एक दिन भगवान इसकी सजा जरूर देगा। ऐसा अंत होगा, जिसे पूरी दुनिया देखेगी। आखिरकार 18 साल बाद वह दिन आ ही गया और सरेआम अतीक और उसके भाई की शनिवार देर रात गोलीमारकर हत्या कर दी गई।


 उमेश पाल की हत्या से ही माफिया डॉन अतीक अहमद की उलटी गिनती शुरू हो गयी थी


माफिया डॉन अतीक अहमद की उलटी गिनती उसी समय शुरू हो गई थी जब 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या हुई। पिछले 50 दिन से अतीक का पूरा परिवार भागता रहा और उसका बेटा असद झांसी में मुठभेड़ में मारा गया। प्रयागराज में माफिया डॉन की 1,400 करोड़ रुपये की धन-संपत्ति भी चली गई और उसकी कई प्रॉपर्टी को सरकार ने ध्वस्त कर दिया। अपनी मौत से एक दिन पहले, गैंगस्टर ने दावा किया था, हम तो मिट्टी में मिल गए।उमेश पाल की हत्या से कानून व्यवस्था को नाकाम चुनौती देने के अतीक और उसके गुर्गों के दुस्साहस के बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के माफिया को मिट्टी में मिलाने के संकल्प ने अतीक के जुर्म और जरायम के साम्राज्य तहस नहस कर दिया गया।

बर्बाद' हो गया आतंकी अतीक का पूरा कुनबा व सम्राज्य


अतीक पर ED की छापेमारी के दौरान बरामद दस्तावेजों से 50 से ज्यादा शेल कंपनियों का खुलासा हुआ है, जो दस्तावेजों में किसी और के नाम पर हैं, लेकिन उनमें अतीक और उसके गिरोह द्वारा निवेश किया गया था।

ये सभी कंपनियां काले धन के व्यापार नेटवर्क में शामिल थीं। एक वकील, अतीक के अकाउंटेंट, एक रियल एस्टेट व्यवसायी, एक पूर्व बसपा विधायक, एक बिल्डर और एक कार शोरूम के मालिक भी ईडी के जाल में हैं। ये सभी अतीक के कारोबार को चलाने में धुरी का का काम कर रहे थे। अतीक अहमद पर हुई कार्रवाई ने उसके परिवार को भी 'बर्बाद' कर दिया है। उसके पांच बेटों में से एक की मौत हो चुकी है, दो जेल में हैं और दो नाबालिग बेटे बाल सुधार गृह में हैं। उसकी पत्नी शाइस्ता फरार है और उसके मारे गए भाई अशरफ की पत्नी भी फरार है। उसकी बहन नूरी छिपी हुई है और बहनोई अखलाक जेल में है।

 वी डी पांडेय "सिंघम"

  एडीटर इन चीफ

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