गंगा दशहरा का क्या महत्व है? हिंदु धर्म में गंगा दशहरा क्यों मनाया जाता है
गंगा दशहरा के दिन गंगा नदी में स्नान करें और अगर जाना संभव नहीं है तो नहाने के पानी में गंगाजल की कुछ बूंदे मिलाकर स्नान करें
इसी दिन मां गंगा का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था. भागीरथ अपने पूर्वजों की आत्मा का उद्धार करने के लिए गंगा को पृथ्वी पर लेकर आए थे. इसी कारण गंगा को भागीरथी भी कहा जाता है. हिंदू धर्म में गंगा को मां का दर्जा दिया गया है.
गंगा भवतारिणी हैं, इसलिए हिंदू धर्म में गंगा दशहरा का विशेष महत्व माना जाता है. इसलिए इस दिन गंगा घाट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिलती है. इस दिन गंगा के घाट पर भव्य गंगा आरती भी होती है. इसी दिन साल का आखिरी बड़ा मंगल भी रहेगा. ऐसे में साधक पर मां गंगा और हनुमान जी की कृपा बरसेगी.
गंगा दशहरे का फल ज्येष्ठ शुक्ल दशमी के दिन गंगा स्नान करने से व्यक्ति के दस प्रकार के पापों का नाश होता है. इन दस पापों में तीन पाप कायिक, चार पाप वाचिक और तीन पाप मानसिक होते हैं इन सभी से व्यक्ति को मुक्ति मिलती है.
गंगा दशहरा के दिन अत्यंत लाभकारी संयोग का निर्माण हो रहा है. इस दिन हस्त नक्षत्र, रवि योग और सिद्धि योग का निर्माण होगा.
इस विशेष दिन 10 चीजों के दान को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है. बता दें कि गंगा दशहरा के दिन- जल, अन्न, वस्त्र, फल, पूजन, श्रृंगार, घी, नमक, शक्कर और स्वर्ण का दान करना बहुत ही शुभ और फलदाई माना जाता है.
मान्यता है इस दिन मां गंगा की पूजा करने से भगवान विष्णु की अनंत कृपा प्राप्त होगी। हिन्दू धर्म में तो गंगा को देवी मां का दर्जा दिया गया है।
सृष्टि के निर्माता ब्रह्मा जी के कमंडल से राजा भागीरथ द्वारा देवी गंगा को धरती पर अवतार दिवस को गंगा दशहरा के नाम से जाना जाता है। पृथ्वी पर अवतार से पहले गंगा नदी स्वर्ग का हिस्सा थीं। गंगा दशहरा के दिन भक्त देवी गंगा की पूजा करते हैं और गंगा में डुबकी लगाते हैं और दान-पुण्य,उपवास,भजन और गंगा आरती का आयोजन करते हैं।
गंगा दशहरे पर कुछ लोग अपने घर में हवन पूजन करवाते हैं। कहते हैं इस दिन हवन करने से आपके घर से हर प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
गंगा दशहरा के दिन गंगा नदी में स्नान करें और अगर जाना संभव नहीं है तो नहाने के पानी में गंगाजल की कुछ बूंदे मिलाकर स्नान करें। साथ ही शिवलिंग का अभिषेक भी गंगाजल से करें और सूर्य को तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें गंगाजल और कुमकुम डालकर सूर्य को अर्घ्य दें। ऐसा करने से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और करियर में तरक्की के योग बनना शुरू हो जाते हैं।
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