Vocal for local' :वोकल फॉर लोकल'आत्मनिर्भर भारत की ओर एक और कदम

Vocal for local' :वोकल फॉर लोकल'आत्मनिर्भर भारत की ओर एक और कदम


खरीदारी मतलब 'वोकल फॉर लोकल'-पीएम मोदी


आविष्कार तभी होता है जब जरुरत होती है। कोरोना जैसे महामारी के कारण नौकरियों का हाल भी ख़राब है तो नए तरीके निकाले जाते हैं उन्ही में से एक है वोकल फॉर लोकल जो की स्थानीय क्षेत्रों में रोज़गार उत्पन्न करेगा।


प्रधानमंत्री मोदी ने "आत्मनिर्भर भारत" के लिए कदम बढ़ाते हुए "वोकल फॉर लोकल" पर ध्यान देने के लिए कहा है। 

वोकल फॉर लोकल का मतलब है की देश में निर्मित वस्तुओं को केवल खरीदें नहीं बल्कि साथ में गर्व से इसका प्रचार भी करें। 

आगे उन्होंने कहा क्योंकि हर ब्रांड पहले लोकल ही थे उसके बाद ही ग्लोबल ब्रांड बने है ठीक उसी तरह हमे

 अपने लोकल प्रोडक्ट्स को ग्लोबल ब्रांड बनाना है। पहले खादी भी लोकल था पर अब यह भी ब्रांड है, इसे आपने ही ब्रांड बनाया है।


अब समय आ गया है की जो हमारे कुटीर उद्योग, गृह उद्योग, हमारे लघु-मंझोले उद्योग, हमारे MSME के लिए है उन पर हम भरोसा दिखाएँ। अगर देखा जाये तो विज्ञापन के कारण धड़ल्ले से हम बाहरी प्रोडक्ट्स उपयोग में ला रहे और देश में निर्मित वस्तुओं को नहीं खरीद रहे उनमे से कुछ है -


विदेशी- लक्स, हमाम, क्लोज अप, पेप्सोडेंट, लाईफबाय, सनसिल्क, पैंटिन, हेड एंड शोल्डर, रिन, एरियल।


ऐसे बहुत से उदाहरण है यहाँ तक की चाकलेट, नमक, पानी, बिस्कुट, नमकीन और चिप्स तक पर बाहरी कंपनी का कब्जा है। 

अगर पानी की ही बात करें तो किनले, एक्वाफिना नाम सुनते ही खरीद लेते हैं पर गंगा, कैंच इनको नहीं खरीदते। ये भी कारण है जिसके लिए पीएम ने आत्मनिर्भर भारत के लिए लोकल प्रोडक्ट्स खरीदने के लिए कहा है।


लोकल फॉर वोकल के बाद बहुत सी संस्थाएं और सेलेब्रटीज़ इसके लिए आगे आये हैं और लोगों से अपील कर रहे हैं की लोकल खरीदने में शर्माए नहीं।

 वही कुछ दिनों के लिए ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा था "Ban Chinese Products" "#VocalforLocal" चाइनीज प्रोडक्ट्स बंद करो देशी प्रोडक्ट्स को सपोर्ट करो।

आत्मनिर्भरता दुनिया के साथ काम करने, खुद के आत्मविश्वास के और राष्ट्र के भरोसे के बारे में है की हाँ हम अच्छे गुणवत्ता वाले उत्पाद स्थानीय स्तर पर बना सकते हैं और किसी से भी स्पर्धा कर सकते हैं।


खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) यूरोपीय और मध्य पूर्वी देशों को खादी के मास्क की आपूर्ति कर रहा है वही संयुक्त अरब अमीरात, संयुक्त राज्य अमेरिका और मॉरीशस को भी खादी के बने मास्क भेजने की योजना बना रहा है।

 भारतीय दूतावास के जरिये इन्हे भेजा जा रहा है जिससे यह लोकल खादी अब लोकप्रिय हो गया है। यह काफी अच्छा और आदर्श उदाहरण है "वोकल फॉर लोकल" को सपोर्ट करने का।


उपभोक्ता जब  समान खरीदते है तो उस पर टैग लगा होता है जिससे यह पता चलता है की यह कहा निर्मित हुआ है। 

भारत में बने प्रोडक्ट्स पर "मेड इन इंडिया" का टैग होता है। या फिर उस प्रोडक्ट का बार कोड 890 से स्टार्ट होता है जो यह दर्शाता है की यह कानूनी रूप से GS1-India में शामिल है। 

यह एक उत्पाद लाइसेंस है जिसके लिए निर्माता व्यवसायी को वार्षिक भुगतान करना होता है। यदि आप व्यवसायी है तो बरकोड से अच्छा रहेगा की आप उस पर "मेड इन इंडिया" प्रिंट कराएं इससे आपके ग्राहकों को आसानी होगी।


हम बता रहे हैं 10 ऐसे उत्पाद जिसे दैनिक जीवन में थोड़े से बदलाव पर राष्ट्र को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आप अपना योगदान दे सकते हैं:-

किसी ब्रांड को खरीदने से अच्छा है स्थानीय दुकान से सूखे आलू चिप्स खरीदे और उसे घर में तलें।

भोजन के लिए किसी एप्प की बजाय स्थानीय कैफ़े या रेस्त्रां से भोजन ऑर्डर करें। अगर व्यवसाय मालिक हैं तो खुद का पोर्टल बना के या फिर मोबाइल से आर्डर लें।

सुपरमार्केट की बजाय सड़क के किनारे बैठने या रेहड़ी वालों से सब्जी खरीदें।

ब्रांड वाली दुकान में जाने की बजाय स्थानीय दुकान से लोकल जूते और चप्पल खरीदें।

घर को सजाने वाली वस्तुओं को क्षेत्रीय हस्तशिल्पकारों से लें।

लोकल ब्यूटिशन के पास जाएँ।

उत्पादित पैकेट में बिक रहे चॉकलेट या मिठाई खरीदने से अच्छा स्थानीय मिठाई की दुकानों से ख़रीददारी करें।

मनोरंजन के लिए स्थानीय केबल ऑपरेटरों की सेवाएं लें।

बड़े बुटीक में शादी के लहंगे, शेरवानी खरीदने की जगह स्थानीय बुटीक और दर्जी को दर्जा दें।

इलेक्ट्रॉनिक सामान स्थानीय डीलर से खरीदें ऑनलाइन आर्डर करने की बजाय।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जिस तरह बच्चों ने स्वच्छ भारत में अपना योगदान दिया, उसी तरह अगर वोकल फॉर लोकल को अपना समर्थन दे दें तो अभियान को काफी मजबूती मिलेगी।


उन्होंने बच्चों को सुझाव दिया कि वह घर में उपयोग होने वाली वस्तुओं की एक सूची बनाएं और देखें कि उनमें से कितने ऐसे उत्पाद हैं, जो भारत में नहीं बने हैं और वह विदेशी हैं। 

उन्होंने कहा, 'इसके बाद घर के लोगों से आप आग्रह करें कि भविष्य में जब वैसा ही कोई उत्पाद खरीदा जाए तो वह भारत में बना हो।' 

प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले 25 सालों में देश जिस ऊंचाई पर होगा और जो उसका सामर्थ्य बनेगा, उसमें बहुत बड़ी भूमिका युवा पीढ़ी की होगी।

 उन्होंने कहा, 'आज देश में जो नीतियां बन रही है और जो प्रयास हो रहे हैं, इन सब के केंद्र में युवा पीढ़ी है।'

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज उन्हें गर्व होता है जब वह देखते हैं दुनिया की बड़ी कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) भारतीय हैं, स्टार्टअप की दुनिया में भारत परचम फहरा रहा है, जब नए-नए नवोन्मेष हो रहे हैं और देश के युवा गगनयान मिशन के लिए तैयार कर रहे हैं।

 उन्होंने कहा, 'यही वह नया भारत है। हिम्मत और हौसला आज भारत की पहचान है। आज भारत अपनी वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों के भविष्य की नींव को मजबूत करने के लिए निरंतर कदम उठा रहा है।' 

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने ब्लॉकचैन टेक्नॉलजी के उपयोग के जरिए वर्ष 2022 और 2021 के पीएमआरबीपी पुरस्कार विजेताओं को डिजिटल प्रमाणपत्र भी प्रदान किए। 

पुरस्कार विजेताओं को प्रमाण पत्र देने के लिए पहली बार इस तकनीक का उपयोग किया गया।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेडियो पर प्रसारित होने वाले अपने मासिक कार्यक्रम 'मन की बात' के 82वें एपिसोड में एक बार फिर से 'वोकल फॉर लोकल' पर जोर दिया है। 

दो दिन पहले जब उन्होंने देश में कोरोना वैक्सीन की 100 करोड़ डोज पूरी होने की उपलब्धि पर राष्ट्र के नाम संबोधन किया था, तब भी इसपर जोर दिया था और बताया था 

कि किस तरह से देश ने 'मेक इन इंडिया' वैक्सीन से इतनी बड़ी सफलता हासिल हो सकी है। आज जब उन्होंने आने वाले महत्वपूर्ण त्योहारों को लेकर भी इस मुद्दे को उठाया है तो लोगों को खरीदारी करते समय लोकल सामानों की खरीद पर जोर देने की अपील की है।


खरीदारी मतलब 'वोकल फॉर लोकल'-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने रेडियो पर हर महीने के आखिरी रविवार को सुबह 11 बजे प्रसारित होने वाले मन की बात कार्यक्रम में पहले तो दिवाली, गोवर्धन पूजा, भाई दूर से लेकर छठ पूजा की चर्चा की और फिर इसको लेकर होने वाली तैयारियों और उत्साह का जिक्र किया।

 इस दौरान उन्होंने त्योहारी खरीदारी की चर्चा करते हुए कहा कि "आपको याद है न, खरीदारी मतलब 'वोकल फॉर लोकल'। 

आप लोकल खरीदेंगे तो आपका त्योहार भी रोशन होगा और किसी गरीब भाई-बहन, किसी कारीगर, किसी बुनकर के घर में भी रोशनी आएगी।" प्रधानमंत्री ने यकीन जताया कि "जो मुहिम हम सबने मिलकर शुरू की है, इस बार त्योहारों में और भी मजबूत होगी।"

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