अयोध्या में होगा 90 दिवस का जश्न;प्रत्येक मंदिर से लेकर गली कूचे तक में रहेगी धूम

 अयोध्या में होगा 90 दिवस का जश्न;प्रत्येक मंदिर से लेकर गली कूचे तक में रहेगी धूम


भगवान सूर्य नारायण के उत्तरायण होते ही भक्तो के राम लला होंगे विराजमान


अयोध्या में अब राम मंदिर के निर्माण की तैयारियां जोरों से शुरू कर दी गई हैं। अयोध्या में बन रहा राम मंदिर अगले सौ दिन के भीतर पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा। 13 अक्तूबर से लेकर अगले नब्बे दिनों तक यानी 14 जनवरी मकर संक्रांति तक अयोध्या के प्रत्येक मंदिर से लेकर गली कूचे तक में 90 दिन का जश्न मनाया जायेगा।

गुंबद और फर्श के साथ ही राम मंदिर के प्रथम तल के निर्माण की प्रक्रिया को तेजी से शुरू करने की तैयारी हो गई है। तय योजना के मुताबिक जब राम मंदिर को देश और दुनिया भर के भक्तों के लिए दर्शनार्थ खोला जाए, तो मंदिर अपने स्वरूप में ही दिखे।


राम मंदिर ट्रस्ट से जुड़े वरिष्ठ पदाधिकारियों के मुताबिक कोशिश पूरी यही है कि अक्तूबर में राम मंदिर के ग्राउंड फ्लोर का पूरा काम हो जाए।मंदिर निर्माण समिति से जुड़े पदाधिकारियों के मुताबिक ग्राउंड फ्लोर का काम सबसे तेजी से और सबसे पहले पूरा किया जाना है। क्योंकि ग्राउंड फ्लोर पर संगमरमर से फर्श लगानी है, और फिर उस पर पर भी आगे काम किया जाना है। इसलिए उसमें थोड़े ज्यादा वक्त की जरूरत है। इसके साथ में ही मंदिर के चारों ओर परिक्रमा करने के लिए बनाए जाने वाले कॉरिडोर के निर्माण में तेजी लाई जानी है।


 योजना के मुताबिक अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर को सूर्य के उत्तरायण में आते ही 14 जनवरी यानी मकर संक्रांति से लेकर उसके अगले 10 दिन के शुभ योग के भीतर रामलला को विराजमान कर दिया जाएगा।


फिलहाल जानकारी के मुताबिक अयोध्या में 13 अक्तूबर से राम मंदिर की शुरुआत के भव्य आयोजन के जश्न की तैयारियां शुरू हो जाएंगी। इसकी शुरुआत 13 अक्तूबर से अयोध्या में शुरू होने वाली विश्व विख्यात रामलीला से होगी। जानकारी के मुताबिक रामलीला के साथी दिवाली पर भव्य दीपोत्सव की योजना बनाई जा रही है।


राम मंदिर निर्माण समिति से जुड़े पदाधिकारियों के मुताबिक अयोध्या के जितने छोटे बड़े मंदिर हैं, उसमें 90 दिनों के भव्य आयोजन की पूरी रूपरेखा तैयार कर ली गई है। तय योजना के मुताबिक 13 अक्तूबर से लेकर 14 जनवरी तक अयोध्या के इन सभी मंदिरों में विशेष पूजन के साथ-साथ दर्शन की व्यवस्था भी की गई है। इसके अलावा इन मंदिरों में सुंदरकांड के अलावा रामचरितमानस का पाठ भी आयोजित किया जाएगा।

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