लाखों रुपए खर्च के बाद भी बदहाल पड़े ब्लॉक भगवतपुर के अमृत सरोवर
byसंपादक के मन की बात-
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लाखों रुपए खर्च के बाद भी बदहाल पड़े ब्लॉक भगवतपुर के अमृत सरोवर!
अमृत सरोवर के तट का अतिक्रमण कर बना दिया गया शौचालय!
गंदगी और गोबर तथा जानवरो के मल मूत्र से बज बजा रही है चारो तरफ गंदगी
प्रयागराज!गावों के विकास और पर्यावरण संरक्षण के लिए हरा भरा परिसर और जल संरक्षण के लिए लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी अमृत सरोवरो की स्थिति बदहाल हैं। अमृत सरोवर की बदहाल स्थिति केंद्र और प्रदेश सरकार की महती योजना को पलीता लगा रहे हैं। यह हाल है भगवतपुर ब्लॉक के स्थानीय ग्राम पंचायतों भगवतपुर-बरवा में बने अमृत सरोवर का है।
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने गावों की खुशहाली पर्यावरण और जल संरक्षण के लिए अमृत सरोवर योजना की नीव रखी थी। लेकिन मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल यह योजना धरातल पर उतर तो सकी लेकिन बदहाल हैं। अधिकारी और कर्मचारी की लापरवाही बदहाली का कारण बन गया है। वर्तमान समय में इन अमृत सरोवर की दशा काफी खराब है। अमृत सरोवर तालाब 15 -15 लाख रुपए की लागत से निर्मित किया गया है।
पेड़ आदि भी नही लगाए गए हैं, टहलने के लिए इंटरलॉकिंग आदि का कार्य भी नहीं किया गया है। जल संरक्षण की व्यवस्था फेल हो गई है। तालाब को सुरक्षित रखने के लिए कटीले तार और खंभा आदि की कोई व्यवस्था भी बदहाली के दौर मे है।
बैठने के लिए रखी गई कुर्सियों पर जमी मिट्टी उगी घास टूटी हुई कुर्सिया किसी आगंतुक के यहां नहीं पहुंचने का संकेत कर रही।
ग्रामीण अमृत सरोवर के तट पर शौचालय का निर्माण कर रखें है, अपने जानवर बाधते हैं गोबर फेंकते हैं ,चारों तरफ गंदगी अंबार है, कूड़ा करकट डाले जा रहे हैं। जालियां तोड़ दी गई है, बैठने की कुर्सियां टूटी हुई है, पेड़ पौधे नहीं लगाए गए। इंटरलॉकिंग नहीं कराया गया। बोर्ड में 15 लाख की लागत दर्शाई गई है।
लेकिन अमृतसरो की स्थिति देखते हुए या अनुमान सहज ही लगाया जा सकता है कि अधिकतम 5 लाख रुपए भी अमृतसरों के विकास के लिए खर्च नहीं किए गए और धन का बंदर बांट हो गया ।
अमृत सरोवर भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए यह स्पष्ट दिखाई पड़ रहा है।इन सब के बाद भी ब्लॉक से लेकर जिले तक के अधिकारी इतनी बड़ी धनराशि के निकल जाने और उस के अनुरूप व्यवस्था न होने पर भी मौन धारण किए हुए!
कुल मिलाकर प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल अमृत सरोवर निर्माण योजना लापरवाही का शिकार हो गई है।