बिजली विभाग:प्रयागराज में भ्रष्टाचार की लाइन चालू ,दौड़ रहा है रिश्वत का करंट;रिश्वत न देने पर नियम लागू
योगीराज मे जीरो टॉलरेंस को ठेंगा दिखा रहे बमरौली पावर हाउस के जिम्मेदार;रिश्वत न देने पर पिछले 9 महीने से कनेक्शन के लिए चक्कर काट रहे दिव्यांग गुरूजी
यदि शिक्षक ने 25 हजार की रिश्वत दे दी होती तो मिल जाता कनेक्शन,रिश्वत न देने पर 40 मीटर दूरी का नियम लागू
प्रयागराज:के घरों में घोषित शेड्यूल के तहत बिजली पहुंचती हो या न पहुंचती हो मगर बिजली विभाग में भ्रष्टाचार की लाइन में लगातार करंट दौड़ता रहता है।
बिजली विभाग में रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के मामले ऊपर तक पहुंचने के बावजूद आखिर कार्रवाई क्यों नहीं होती यह भी एक यक्ष प्रश बनकर रह गया है ।
विद्युत उपकेंद्र बमरौली कस्बा के ट्रांसपोर्ट नगर अन्तर्गत गंगा विहार एरिया मे अपना घर बनाकर रहने वाले दिव्यांग शिक्षक कौशलेंद्र मिश्रा का आरोप है कि उन्हे विगत 9 महीने से कनेक्शन देने के नाम पर इसलिए दौड़ाया जा रहा है कि उन्होने भ्रष्टाचार रूपी सिस्टम को फालो नही किया ।यदि किया होता तो मेरा 9 माह पहले ही कनेक्शन हो गया होता ।उनका आरोप है कि हमारे आवास के अगल -बगल , दाये बाये व सामने रहने वाले लोगो को कनेक्शन विघुत विभाग के द्वारा दिया गया है ,और हमे 40 मीटर की दूरी का हवाला देकर दौड़ाया जा रहा है ।विभाग के जिम्मेदार यह कह कर पल्ला छाड रहे है कि आपका घर पोल से 3 00मीटर दूर है ।
अब प्रश यह उठता है कि यदि कौशलेंद्र का घर विघुत पोल से 300 मीटर की दूरी पर है !तो उनके आस पास की दूरी कैसे कम हो गई और उन सभी पड़ोसियो को विघुत विभाग ने नियम कानून ताक पर रखकर कैसे कनेक्शन दे दिया?
प्रयागराज जनपद मे ऐसे तमाम मामले है जहा नियम कानून का हवाला देकर जिम्मेदार जमकर लूटकर रहे है ।जिसने 25 से 30 रूपये की मोटी रकम दे दी उसका कनेक्शन घर बैठे बिना परेशान किये कर दिया जा रहा है और यदि जिसने रिश्वत देने से मना किया तो उसको पोल से 40 मीटर की दूरी वाला नियम का हवाला देकर विभाग का चक्कर लगवाया जाता है ।
योगी सरकार के विघुत मंत्री ए के शर्मा शायद अपने विभाग मे योगीराज के जीरो टॉलरेंस की नीति को लागू करा पाने मे विफल हो रहे है ।
कौशलेंद्र मिश्रा की माने तो उनको ब्राह्मण होने की सजा दी जा रही है । विघुत विभाग मे बैठे कुछ जाति विशेष की सोच वाली मानसिकता से कुन्ठित कर्मचारियो ने उनके एक पडोसी से यह कहा था कि तुम्हारा तो 5 हजार मे हो गया था लेकिन इस पंडित से 30 हजार से कम नही लेना है ।नाम न बताने की शर्त पर पडोसी ने कौशलेंद्र को यह बात बताई ।
दिव्यांग शिक्षक कौशलेंद्र ने भी ठान लिया कि चाहे बाबा जी के पास ता जाना पड़े अब तो बिना रिश्वत दिये ही कनेक्शन कराना है। इसके लिए चाहे जितने दिन तक अंधेरे मे रहने मे रहने की तपस्या करनी पड़े।
विघुत विभाग के जिम्मेदारो का कहना है कि यदि आवास और विघुत पोल की दूरी 40 मीटर से अधिक है तो कनेक्शन देने का नियम नही है ।यदि यह सच है तो दिव्यांग शिक्षक कौशलेंद्र के आस पास के घरो मे विघुत विभाग ने कनेक्शन कैसे दे दिया और यदि नियम कानून को ताक पर रखकर कनेक्शन दिया गया तो उन दोषी ज़िम्मेदार कर्मचारियो पर कार्रवाई अब तक क्यो नही? और उन घरो से कनेक्शन अब तक काटे क्यो नही गये। यह सारे सवाल भ्रष्टाचार की जमकर पुष्टि करते है ।
कौशलेंद्र मिश्रा का कहना है कि
मैंने 9 महीने पहले घरेलू विद्युत् कनेक्शन के लिए आवेदन किया था लेकिन मेरा कनेक्शन नहीं हुआ बराबर आश्वासन जेई, एस डीओ व एक्सीयन द्वारा दिया जा रहा है। मैं शरीरिक रूप से दिव्यांग हूँ ,भाग दौड़ करने की मेरी एक सीमा है। जबकि मेरे पूरे मोहल्ले में सैकड़ो कनेक्शन है और मुझे 40 मीटर से दूर है आपका घर यह कहकर 120000 का एस्टीमेट पकड़ा दिया गया। जबकि नियमतः सभी का कनेक्शन अवैध है कटना चाहिए और सभी से पैसे लेने चाहिए उसके लिए अधिकारी नहीं तैयार हैँ। मैं एक कनेक्शन के लिए 120000 दूँ ये कहा का न्याय है। कौशलेंद्र ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाते हुए कहा है कि सादर निवेदन है की दिव्यांग व्यक्ति को न्याय दें व शीघ्र कनेक्शन दिलाने की कृपा करें ।