हरियाणा के नूंह हिंसा में जिहादियो ने जला दी थी महिला जज की कार, 3 साल की बेटी के साथ छिपकर ऐसे बचाई जान

 हरियाणा के नूंह हिंसा में जिहादियो ने जला दी थी महिला जज की कार, 3 साल की बेटी के साथ छिपकर ऐसे बचाई जान


जिहादियो ने जिस गाड़ी पर देवी देवताओ की मूर्ति देखी, उसे अपना निशाना बनाया


हरियाणा :के नूंह में 31 जुलाई को भड़की हिंसा में अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है और 60 से ज्यादा लोग घायल हैं। इस हिंसा को लेकर कई बातें सामने आ रही हैं। नूंह की एक अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (जज) और उनकी तीन साल की बेटी इस हिंसा में बाल-बाल बची हैं।


सिटी नूंह पुलिस स्टेशन में मंगलवार को दर्ज की गई एफआईआर में कहा गया है कि अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम /जज) अंजलि जैन और उनकी बेटी को सोमवार को अपनी जान बचाकर भागना पड़ा, क्योंकि हमलावर उन पर पथराव और गोलीबारी कर रहे थे।


एफआईआर के मुताबिक, सोमवार दोपहर करीब एक बजे जज अंजलि जैन, उनकी तीन साल की बेटी और गनमैन सियाराम अपनी फॉक्सवैगन कार से दवा खरीदने नलहर स्थित एसकेएम मेडिकल कॉलेज गए थे। दोपहर करीब 2 बजे जब वे मेडिकल कॉलेज से लौट रहे थे तो दिल्ली-अलवर रोड पर पुराने बस स्टैंड के पास करीब 100-150 दंगाइयों ने उन पर हमला कर दिया।


दंगाई उन पर पथराव कर रहे थे। कुछ पत्थर कार के पिछले शीशे पर लगे और दंगाइयों ने इलाके में गोलियां चला दीं। हम चारों कार सड़क पर छोड़कर अपनी जान बचाने के लिए भागे। हम पुराने बस स्टैंड की एक वर्कशॉप में छिप गए और बाद में कुछ वकीलों ने हमें बचाया। अगले दिन, जब मैं कार देखने गया, तो मुझे पता चला कि दंगाइयों ने उसे जला दिया था।


हिंसा के दौरान जिहादियो ने लोगों को चुन-चुन कर अपना निशाना बनाया। जिहादियो ने लोगों के वाहनों को जहां देखा, आग के हवाले कर दिया। अस्पताल जैसे संस्थानों को भी ङनहीं बख्शा। दिल्ली अलवर रोड पर स्थित अलवर अस्पताल को निशाना बनाते हुए उपद्रवियों ने पहले अस्पताल के गेट पर लगे सीसीटीवी कैमरों को तोड़ा।


उसके बाद अस्पताल में घुसकर लूटपाट की और मरीजों के नाम पूछकर मरीजों के साथ भी बदतमीजी की। इसको लेकर क्षेत्र के लोगों में खासा रोष है। हालांकि अभी तक इस बारे में अस्पताल प्रशासन और मरीजों की तरफ से कोई शिकायत देने की खबर नहीं है, लेकिन जिस तरह से बदतमीजी की गई है।


इसको लेकर एक समुदाय में खासा रोष है। नई अनाज मंडी में भी ऐसा देखा गया। जिहादियो ने जिस गाड़ी पर देवी देवताओ की मूर्ति देखी, उसे अपना निशाना बनाया। जो गाड़ी अपने समुदाय की नजर आई, उसे छोड़ दिया

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