मेवात व नूह में हिन्दुओं पर हमले की कट्टरपंथियों ने पहले से रच रखी थी साजिश

 मेवात व नूह में हिन्दुओं पर हमले की कट्टरपंथियों ने पहले से रच रखी थी साजिश


जिहादी हर रोज दंगा-फसाद आगजनी हत्या कर रहे है और सरकारे तुष्टिकरण मे जुटी है


चंडीगढ़: हरियाणा के मेवात के नूहं जिले में सोमवार (31 जुलाई, 2023) को हिंदुओं की जलाभिषेक यात्रा पर कट्टरपंथियों की भीड़ ने हमला कर दिया था। पथराव, आगजनी और गोलीबारी से पूरा नूह थर्रा उठा था। विश्व हिन्दू परिषद (VHP) का दावा है कि इस हिंसा की साजिश बीते 6 महीनों से रची जा रही थी।


हमले से कुछ घंटे पहले मोहम्मद साबिर खान फेसबुक पर लाइव आया था। इस लाइव में उसने सड़क पर गैस सिलेंडर रखकर सरकार, मोनू मानेसर, और बजरंग दल को धमकी दी थी। उसने हिंसा का यह तरीका भी बताया था कि कैसे गैस सिलेंडर से विस्फोट कर यात्रा पर हमला किया जा सकता है। एक अन्य पोस्ट में साबिर ने कहा था कि जितने भी लोग आ जाएँ, उनसे अधिक लोग तैयार रहो। किसी से कुछ मत कहो। एक टीम उनके (यात्रा के) आगे और एक उनके पीछे। उनको बीच में रहने दो। इसका मतलब स्पष्ट है कि कई टीमें बनाकर हमले की साजिश रची जा रही थी। दोनों तरफ से कट्टरपंथियों की भीड़ और बीच में हिंदुओं को रखकर खून-खराबे की साजिश रची गई थी।


एहसान अदबारया ने फेसबुक पर हिन्दुओं को धमकी देते हुए लिखा था, “अल्लाह हू अकबर… 31 जुलाई दिन सोमवार को देखते हैं।” इसी पोस्ट में उसने आगे लिखा था कि, 'तारीख-ए-फिरोजशाह तुगलक में मेव जाति का उल्लेख किया गया है। इसमें बताया गया है कि मेवातियों के डर से दिल्ली के चारों तरफ के दरवाजे बंद थे। हम तैयार हैं।' इस पोस्ट में भी मेवात में कट्टरपंथियों की भीड़ द्वारा हिंदुओं को घेरकर उनपर हमला करने की साजिश की तरफ इशारा किया गया है। 


अरबाज खान दहंगल ने मेवात के रास्ते में हिंदू संगठन के काफिले का वीडियो सोशल मीडिया पर डाला था।  उसने कैप्शन में लिखा था, “नूहं मेवात नल्हड़ बजरंग दल गुंडागर्दी।” इस वीडियो के माध्यम से अरबाज खान कट्टरपंथियों को हिंदूओं की लोकेशन भेज रहा था। 


जुनेद ने अपनी पोस्ट में लिखा था कि, 'कोई भी भाई वीडियो को सोशल मीडिया पर न डाले, जिसने डाली है वो भी डिलीट कर दे।' यानी उनका प्लान तो सफल हो चुका था, वो हमला कर चुके थे अब अपने ही द्वारा हिंसा किए जाने का वीडियो डालकर पुलिस को साबुत थोड़ी न देते कट्टरपंथी। 


यही नहीं, हमला करने के बाद कट्टरपंथियों ने बचने का भी प्लान बना रखा था। जब हिंसा के बाद पुलिस मौके के लिए रवाना हुई, तो इसी अरबाज़ खान दहंगल ने सोशल मीडिया के माध्यम से सन्देश भेजा कि, 'गुड़गांव से पुलिस आ रही है, अभी पता चला, सभी भाई सावधान हो जाओ और शांति बनाओ।' यानी हिंसा करने के बाद ये दंगाई, पुलिस के सामने खुद को शरीफ बताने का प्लान भी बना चुके थे। 


अरबाज खान दहंगल ने भी मोनू मानेसर का वीडियो पोस्ट कर धमकी दी थी, जिसमे उसने लिखा था कि इसका स्वागत नहीं करोगे मेवाती भाई। इसका वेट करना भूल गए। इसकी प्याज फोडनी है, यानी इस पर हमला करना है। 


एक अन्य कट्टरपंथी, अज़हर इसाब रानिया ने सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा था, 'मेरा सभी मेवात वासियों से निवेदन है वो 31 जुलाई को मेवात में गाड़ी (डंफर) अपने लिए नहीं मेवात की इज्ज़त के लिए चलाएँ।' बता दें कि, मेवात में ही एक DSP सुरेंद्र सिंह को ट्रक से कुचलकर मार डाला गया था। यानी, हिंसा में मुस्लिम वाहन चालकों को भी हिंदुओं पर हमले की साजिश में शामिल होने के लिए भड़काया गया था।


इस बीच सोशल मीडिया पर भी कट्टरपंथियों के ऐसे पोस्ट भरे पड़े हैं जिनसे पता चलता है कि हमले का प्लान पहले से बना लिया गया था। 


वहीं, राज्य के गृह मंत्री अनिल विज ने भी इस हिंसा को पूर्व नियोजित साजिश बताया है।


आपको बता दे कि जलाभिषेक यात्रा के दौरान मेवात में सोमवार को दो समुदाय आमने-सामने खड़े हो गए। सुबह लगभग 10 बजे हिंदू संगठनों की जलाभिषेक यात्रा नूंह के नलहड़ शिव मंदिर से निकली। यह यात्रा गांव खेड़ला से होती हुई दिल्ली-अलवर रोड से फिरोजपुर झिरका जानी थी। बताया जा रहा है कि मोड़ के पास अचानक काफिले में चल रही कुछ गाड़ियों पर पथराव किया गया, जिससे माहौल बिगड़ गया। दोनों तरफ पथराव की स्थिति हो गई। धीरे-धीरे स्थिति खराब होती चली गई। अचानक भीड़ ने गाड़ियों में आग लगाना शुरू कर दिया।


जिस तरह से नूंह में यह उपद्रव हुआ उससे साफ जाहिर है कि इसकी पहले से प्लानिंग की गई थी, क्योंकि जिस तरह से छतों से पत्थर बरसाए गए, वह अचानक नहीं हो सकते।


यहां तक कि उपद्रवी शहर में ही डटे रहे और थोड़ी थोड़ी देर में इधर-उधर से वारदात की खबरें आती रहीं। देर शाम तक बाहर से आए एक समुदाय के लोग शहर में फंसे रहे। पूरे शहर में डर का माहौल रहा। सरकार की तरफ से शाम 5 बजे के बाद इंटरनेट पर रोक लगाई गई, लेकिन उसके बावजूद सोशल मीडिया पर तरह-तरह के विडियो और बयान आते रहे।


उपद्रवियों ने लगभग 5 घंटे तक शहर में उपद्रव रखा। शहर में चारों तरफ अफवाहों का बाजार गर्म रहा, लेकिन प्रशासन कहीं भी नजर नहीं आया।

प्रशासन का दावा है कि यात्रा की सुरक्षा के लिए पांच डीएसपी, एक अडिशनल एसपी, 16 इंस्पेक्टर, 800 पुलिसकर्मी और 20 राइडर के साथ ड्यूटी पर तैनात थे, लेकिन जब उपद्रव की शुरुआत हुई तो मौके पर मौजूद चंद पुलिसकर्मी भाग खड़े हुए। ऐसा क्यों हुआ।


नूंह में इतना बड़ा उपद्रव हुआ लेकिन सभी राजनीतिक पार्टियों के आका शांति बहाल करने के प्रयासों में कहीं भी दिखाई नहीं दिए।

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