राष्ट्रवादी पत्रकारो से डरा I.N.D.I.A. विपझी गैंग;सनातन खत्म कर जिहादवाद को मजबूत करना है मकसद !

राष्ट्रवादी पत्रकारो से डरा I.N.D.I.A. विपझी गैंग;सनातन खत्म कर जिहादवाद को मजबूत करना है मकसद !


I.N.D.I.A. विपझी गैंग का  "भारत" विरोधी ,सनातन धर्म को खत्म करने व तुष्टिकरण के जरिए भारत पर हुकूमत करना है


मीडिया, सनातन और RSS को खत्म कर ईस्ट इंडिया का अधूरा काम पूरा करना चाहता है I.N.D.I.A. विपझी गैंग


विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. ने 14 टीवी पत्रकारों की लिस्ट जारी की है. कहा गया है कि इनके टीवी शो में उनके मीडिया प्रतिनिधि या प्रवक्ता हिस्सा नहीं लेंगे. इसपर अब राजनीति और विरोध तेज हो गया है.


अपने इस फैसले पर बोलते हुए कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, 'हमने कुछ एंकर्स की लिस्ट बनाई है. उनके टीवी शो और इवेंट का बहिष्कार किया जाएगा. हम उनकी नफरत भरी चीजों को आगे नहीं बढ़ाना चाहते जो समाज को खराब कर रही हैं.'


अब खेडा ये बताये कि उनकी सरकार मे बैठे कर्नाटक के मंत्री नफरत फैला रहे है या पत्रकार जो सनातन धर्म को मक्खी मच्छर की तरह खत्म कर देने की निशाचरी सोच रखते है ।


मीटिंग में तय किया गया था कि कमेटी अपना मीडिया ग्रुप तय करेगी. साथ ही ये भी फैसला लेगी कि किन टीवी एंकर्स के शो में I.N.D.I.A. गठबंधन के प्रतिनिधि शामिल नहीं होंगे.


भारतीय जनता पार्टी ने इसकी निंदा की है. वहीं न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन (NBDA) ने भी इसका विरोध किया है.


सनातन को लेकर पीएम मोदी ने भी विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा ..


पीएम मोदी ने एमपी के बीना में कहा कि ‘घमंडिया’ गठबंधन की नीति है भारत की संस्कृति पर हमला करने की...भारतीयों की आस्था पर हमला करने की नीति है...ये लोग सनातन को टारगेट कर रहे हैं.


बीजेपी ने विपक्षी गठबंधन के इस फैसले की कड़ी आलोचना की है। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 'इंडियन नैशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस' पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि उसके घटक सिर्फ दो चीजें कर रहे हैं, जिनमें सनातन संस्कृति को कोसना और मीडिया को धमकी देना शामिल हैं।


*बीजेपी अध्यक्ष ने नेहरू से राजीव तक गिनाए कांग्रेस के 'काले कारनामे'*


भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस के इतिहास में मीडिया को धमकी देने और अलग-अलग विचारों वाले लोगों को चुप कराने के कई उदाहरण हैं। इस क्रम में उन्होंने प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के कार्यकाल का उल्लेख किया। 

उन्होंने कहा, 'पंडित नेहरू ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाया और उनकी आलोचना करने वालों को गिरफ्तार किया। इंदिरा जी तो इस मामले में स्वर्ण पदक विजेता बनी हुई हैं। 

उन्होंने प्रतिबद्ध न्यायपालिका, प्रतिबद्ध नौकरशाही का आह्वान किया और भयावह आपातकाल लगाया। राजीव जी ने मीडिया को राज्य के नियंत्रण में लाने की कोशिश की लेकिन बुरी तरह विफल रहे।'


उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार सोशल मीडिया हैंडल पर सिर्फ इसलिए प्रतिबंध लगा रही थी क्योंकि कांग्रेस को उनके विचार पसंद नहीं थे। नड्डा ने कहा, 'इन दिनों, आईएनडीआई गठबंधन केवल दो चीजें कर रहा है: सनातन संस्कृति को कोसना... सनातन संस्कृति को गालियां देने में, प्रत्येक दल में एक दूसरे को पछाड़ने की होड़ मची है। 

दूसरा, मीडिया को धमकी देना- प्राथमिकी दर्ज करना, पत्रकारों को धमकी देना, पूरी नाजी स्टाइल में लिस्ट बनाना कि किसे निशाना बनाना है। इन दलों में आपातकाल के दौर की मानसिकता जिंदा है।'


उधर, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी पत्रकारों पर बहिष्कार के फैसले की आलोचना की है। उन्होंने एक रैली में कहा, 'अब तो इन्होंने पत्रकारों को भी बायकॉट करना शुरू कर दिया, मुकदमें भी करने शुरू कर दिए। 

चाहे चेन्नई में देखो, चाहे बंगाल में देखो, छटपहटा-घबराट में अब ये मुकदमें दर्ज कर रहे हैं और साथ में कहते हैं- सनातन धर्म को खत्म करेंगे।'


पत्रकारों ने बुलंद की आवाज

उधर, पत्रकारों ने गठबंधन में शामिल विपक्षी दलों के सामूहिक निर्णय पर चिंता जाहिर कर रहे हैं। 

अभिजीत मजूमदार ने लिखा, राहुल गांधी, जो मोहब्बत की दुकान चलाते हैं, विदेश यात्राओं पर मोदी सरकार द्वारा मीडिया को दबाने के बारे में शिकायत करते हैं। आज, कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन I.N.D.A ने 14 पत्रकारों को प्रतिबंधित कर दिया है जो उनसे कठिन सवाल पूछते हैं। यह पाखंड नहीं है? यह दंभ है कि भारतीय मूर्ख हैं और किसी भी झूठ पर यकीन कर लेंगे। 

वहीं, श्रीमॉय तालुकदार कहते हैं, 'यह इस बात का सबसे ठोस सबूत है कि अगर I.N.D.A गठबंधन सत्ता में आता है, तो वह उन पत्रकारों के खिलाफ सख्ती से पेश आएगा जो उनके दबाव में नहीं झुकते। राहुल गांधी के विदेश जाकर मीडिया की स्वतंत्रता पर लंबी-चौड़ी बातों का क्या हुआ!'


आखिर जब पत्रकरों के नाम निकाले गए हैं तो भला पत्रकार कैसे चुप रहेंगे। लिस्ट में पहले नंबर पर काबिज़ अदिति त्यागी ने ये लिस्ट रिट्वीट करते हुए लिखा है कि ‘देश के लिए सवाल पूछने वालों की लिस्ट में अपना नंबर पहला है, त्यागी डरते नहीं! Jai Hind’। 

अमिश देवगन सहिए अन्य पत्रकार भी इसपर कड़ी प्रतिक्रिया जता रहे हैं। वहीं चर्चित पत्रकार सुधीर चौधरी ने इस लिस्ट को ट्वीट करते हुए लिखा है कि ‘I.N.D.I.A गठबन्धन ने उन पत्रकारों की लिस्ट जारी की है जिन्होंने ‘चरण चुंबक’ बनने से इनकार कर दिया।अब इनका बहिष्कार किया जाएगा।’ 

बता दें कि कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों से सवाल का जवाब देते हुए कहा था कि वे जिस दिन सच्ची पत्रकारिता करेंगे और मौजूदा हालात व मुद्दों को लेकर सवाल करेगे, उस दिन वो पत्रकारों की इज्जत करेंगे। 

लेकिन जो पत्रकार ‘सरकार के इशारे’ पर चलते हैं, प्रोपेगेंडा पत्रकारिता करते हैं और ‘चरण चुंबन’ का काम करते हैं, वे ‘चरण चुंबक’ ही कहलाएंगे।


अब सुधीर चौधरी ने कांग्रेस प्रवक्ता की बात को ही घुमाकर उनपर प्रहार किया है और कहा है कि इंडिया गठबंधन के चरण-चुंबक बनने से इनकार करने वाले पत्रकारों का ही उनके द्वारा बहिष्कार किया गया है। बहरहाल..बात निकली है तो दूर तलक जाएगी। 

देखना होगा कि INDIA और पत्रकारों के बीच इस तनातनी का क्या नतीजा निकलेगा क्योंकि आने वाले साल में लोकसभा चुनाव है और राजनीतिक दलों व पत्रकारों के बीच छिड़ी रार उस दौरान कई दिलचस्प नजारों का सबब बन सकती है।


न्यूज एंकर्स का बहिष्कार करने के फैसले पर 'नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स' (इंडिया) ने अब कड़ी आपत्ति जताई है।


इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स से संबद्ध एनयूजेआई के अध्यक्ष रास बिहारी ने कहा है कि विपक्षी दलों द्वारा उठाया गया यह कदम भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में मीडिया के ऊपर दमन का सबसे काला अध्याय है।


एनयूजेआई अध्यक्ष रास बिहारी ने कहा कि विपक्षी गठबंधन में शामिल दलों ने मीडिया का भी राजनीतिकरण कर दिया है। ये सर्वथा अनुचित और अस्वीकार्य है। ये इन दलों में लोकतांत्रिक मूल्यों की भारी कमी को भी दर्शाता है। 

उन्होंने आगे कहा कि जल्द ही एनयूजेआई अन्य पत्रकारों-संगठनों के साथ एक बड़ी बैठक करके इस तरह से पत्रकारों के बहिष्कार के खिलाफ रणनीति बनाकर आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेगी।


एनयूजेआई का मानना है कि विपक्षी गठबंधन में शामिल 26 दलों ने पत्रकारों का बहिष्कार कर भारत के महान लोकतंत्र को शर्मसार किया है। साथ ही, इन दलों ने लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया को भी कमजोर करने की साजिश रची है।

 ऐसा प्रतीत होता है कि ये टीवी डिबेट्स में सार्थक बहस से भाग रहे हैं। साथ ही ऐसा लगता है कि विपक्षी दल मीडिया को अपने हिसाब से हांकना चाहते हैं।


इंडिया गठबंधन 'भारत' भारतीय मीडिया ,सनातन धर्म और आरएसएस को खत्म करने के मकसद से कम कर रहा है। 

जिससे वह निष्कंटक सल्तनत और मुगल काल की तरह तलवार के बल पर भारतीय जनमानस पर अपनी हुकूमत कायम कर सकें।

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