Israel Hamas War:इसराइल पर हमला करने वाला ‘हमास’ के हैवानियत का समर्थन करने वाले जिहादियो से पूरी दुनियाभर को है खतरा

Israel Hamas War:इसराइल पर हमला करने वाला ‘हमास’ के हैवानियत का समर्थन करने वाले जिहादियो से पूरी दुनियाभर को है खतरा

 पेट फाड़ा, फिर गर्भवती मां को मार दी गोली, 20 बच्चों को जिंदा जलाया


हमास एक आतंकी संगठन है। इसकी स्थापना 1987 में फलस्तीन शरणार्थी शेख अहमद यासीन (Sheikh Ahmed Yassin) ने की थी। न्यूज एजेंसी एपी के मुताबिक, हमास इस्लामिक प्रतिरोध आंदोलन का अरबी संक्षिप्त रूप है


अमेरिकी विदेश विभाग ने 1997 में हमास को आतंकी समूह घोषित किया था। यूरोपीय संघ और अन्य पश्चिमी देश भी इसे एक आतंकी संगठन मानते हैं।


इजरायल ने हमास के आतंकवादियों की बर्बरता को दुनिया के सामने रखा है। हमास के आतंकवादियों ने इजरायल में हैवानियत का वो प्रदर्शन किया, जिसे सुनकर किसी की भी रूह कांप जाएगी। उन्होंने बच्चे और बूढों तक को नहीं बख्शा। 

कई इजरायली मासूम बच्चों के सिर काटकर हत्या कर दी।हमास ने इजरायल पर हमले के दौरान जो अत्याचार किए हैं, उन्हें सुनकर ही आपकी आंखें भर जाएंगी।

हमास ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमले के दौरान यह नहीं देखा कि सामने कोई बच्चा है, बूढ़ा है, अपंग है, महिला है या कोई पुरुष।

 उसके लिए हर एक इंसान सिर्फ इजरायली और यहूदी था, जिसकी हत्या करना उनके लिए किसी मेडल से कम नहीं था। 

हमास के आतंकवादियों के सामने जो कोई आया, उन्होंने उसे मार दिया। इजरायली नागरिकों की हत्या सिर्फ गोलियों से नहीं की गई। बल्कि, कई हत्याओं में चाकूओं और आग का भी इस्तेमाल किया गया। 

ताकि, उनकी क्रूरता की गूंज दुनिया में सुनाई दे। अब हमले के छह दिन बाद इजरायल में हमास का क्रूरता के ऐसे कृत्य सामने आए हैं, जो पूरी मानव जाति के लिए किसी कलंक से कम नहीं हैं।

इजरायली न्यूज चैनल i24 News के अनुसार, इजरायल की वॉलेंटियर सिविल इमरजेंसी सर्विस जका के कमांडर योसी लैंडो ने बताया कि एक घर की तलाशी के दौरान हमने एक गर्भवती महिला को फर्श पर पड़े देखा।

 जब हमने महिला को पलटा तो उसका पेट खुला हुआ था। गर्भनाल से एक अजन्मा बच्चा जुड़ा हुआ था, जिस पर चाकू से वार किया गया था। मां के सिर में गोली मारी गई थी।

एक अलग घटना में दो माता-पिता के हाथ पीछे बंधे हुए थे। उनके सामने दो छोटे बच्चे थे, उनके भी हाथ पीछे बंधे हुए थे। 

उनमें से प्रत्येक को जला दिया गया था। जब माता-पिता और बच्चे जल रहे थे, उस दौरान आतंकवादी बैठे थे और खाना खा रहे थे।

एक अलग घटनाक्रम में जका साउथ के कमांडर योसी लैंडो ने बताया कि मैंने एक मां को अपने बच्चे को पकड़े हुए देखा।

 एक गोली उन दोनों को एक साथ पार कर गई थी। मैंने 20 बच्चों को एक साथ देखा, जिनके हाथ पीछे की ओर बंधे थे और उन्हें गोली मार दी गई थी।

 इसके बाद उनको एक साथ जला दिया गया था।
हमास के हमले में इजरायल (Israel Hamas War) के एक हजार से अधिक नागरिकों की मौत हो गई जबकि कई लोगों को बंधक बना लिया गया।

जिस तरह हमास के चरमपंथी सीमा पर लगे बाड़ को तोड़कर इसराइयली इलाक़े में घुसे, स्थानीय लोगों को मारने के साथ उन्हें बंधक बनाया, इसराइल के लिए ये सब कुछ अप्रत्याशित है.

इस पूरे संकट को समझने के लिए आपको कुछ बुनियादी बातें जाननी होंगी. आख़िर इससे जुड़े लोग कौन हैं, कहाँ से आते हैं और ये संगठन बना कैसे?

हमास फ़लस्तीन का इस्लामिक चरमपंथी समूह है, जो गज़ा पट्टी से संचालित होता है. 2007 में गज़ा पर नियंत्रण के बाद हमास के विद्रोहियों ने इसराइल को बर्बाद करने की कसम खाई.

इसराइल पर हमले के लिए हमास दूसरे चरमपंथी गुटों की भी सहायता लेता है.इन हमलों के जवाब में इसराइल कई तरह से हमास पर सैन्य कार्रवाई करता है.

एक संगठन के रूप में हमास, ख़ासतौर पर इसकी मिलिट्री विंग को इसराइल, अमेरिका, यूरोपियन यूनियन, ब्रिटेन और कई दूसरे देशों ने आतंकवादी समूह घोषित कर रखा है.

पड़ोसी ईरान हमास का सबसे बड़ा समर्थक है. वो इसे आर्थिक मदद के साथ हथियार और ट्रेनिंग सुविधाएं भी मुहैया कराता है.

इसराइल और हमास के बीच तनाव लंबे समय से लगातार चला आ रहा है.हमास ने इसराइल पर हज़ारों रॉकेट दागे.

 इसके साथ दर्जनों चरमपंथी सीमा पार कर इसराइली रिहाइशों में घुस गए, जहाँ इन्होंने लोगों की हत्या की और कइयों को बंधक बनाकर ले गए.

रिपोर्ट के मुताबिक़ इसराइल की नई पीढ़ी ने ऐसा ‘क्रॉस बॉर्डर अटैक’ ना ही देखा था और ना ही इसराइल ने इतने बड़े अटैक का सामना किया था.

हमास के चरमपंथियों ने सीमा पर लगी बाड़ को कई जगह तोड़ा और अंदर दाखिल हो गए.

ये हमला 1973 के इसराइल पर 50 साल पहले के उस हमले की वर्षगांठ के ठीक एक दिन बाद किया, जिसे मिस्र और सीरिया ने संयुक्त रूप से अंजाम दिया था.

अगर बात करें सीमा सुरक्षा की, तो गज़ा से लगी सीमा पर कंटीले तारों से ऊंचे और मज़बूत बाड़ बनाए गए हैं. इन पर कैमरों के साथ ग्राउंड मोशन सेंसर्स भी लगाए गए हैं.

पूरी सीमा पर लगातार पट्रोलिंग भी होती रहती है.

गज़ा सीमा पर इतनी सख़्त बाड़बंदी का मक़सद था, वैसे ही घुसपैठ को रोकना, जैसा शनिवार के हमले में हमास के चरमपंथियों ने किया.

लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि हमास के चरमपंथी बुल्डोजर का इस्तेमाल करते हुए कई जगह इसे ढहा कर, तो कई जगह कंटीले तारों को काट कर अंदर दाखिल हो गए.

इसके अलावा हमास के चरमपंथी पैराग्लाइडर और समुद्री तटीय इलाक़ों से भी घुसपैठ करने में कामयाब हुए.

बाइबिल में इस क्षेत्र में यहूदी साम्राज्य का भी ज़िक्र मिलता है. इसलिए यहूदी इसे अपनी पुरानी मातृभूमि मानते हैं.

साल 1948 में इसराइल ने ख़ुद को एक स्वतंत्र राष्ट्र घोषित किया था. हालांकि अभी जो लोग इसराइल के अस्तित्व को नकारते हैं, वो पूरे इलाक़े को फ़लस्तीन के तौर पर ही मान्यता देते हैं.

फ़लस्तीनी लोग भी वेस्ट बैंक से लेकर गज़ा और पूर्व यरूशलम के लिए एक ही शब्द फ़लस्तीन का इस्तेमाल करते हैं.

इस पूरे घटनाक्रम में इसराइल के सामने भी ये बात साफ़ है, कि ये एक ऐसी जंग में तब्दील होगा, जिसे कई मोर्चे पर लड़ना होगा.

अगर हालात और भी ख़राब हुए, तो हो सकता है, लेबनान का ताक़तवर चरमपंथी गुट ‘हिजबुल्लाह‘ भी इस जंग में कूद सकता है.

इसराइली सेना ने फ़िलहाल बड़े पैमाने पर सैन्य टुकड़ियों को तैनात करने का आदेश दिया है. इसके साथ वो गज़ा पर लगातार हवाई हमले भी कर रहा है.

इससे ये साफ़ संकेत मिलता है कि इसराइल आने वाले दिनो में ग्राउंड ऑपरेशन की तैयारी कर रहा है.

हमास के आतंकवादियों ने कफर अजा में एक इजरायली समुदाय पर 70 आतंकवादियों ने हमला किया। इन हमलों का शिकार इस समुदाय में रहने वाले 40 बच्चे बनें, जिनमें से कई की उम्र चंद महीने थी।

 इजरायली मेजर जनरल इताई वेरुव ने कहा कि जब हमने अपने घरों में मारे गए निवासियों के शवों को इकट्ठा करने के लिए दरवाजा खोला तो देखा कि माता-पिता, बच्चों और युवाओं को उनके बिस्तरों, प्रोटेक्शन रूम में, डाइनिंग रूम में, उनके बगीचों में मार दिया गया। उन्होंने कहा कि यह युद्ध नहीं है, यह युद्धक्षेत्र भी नहीं है। 

यह नरसंहार है। उन्होंे कहा कि कुछ पीड़िचों का सिर काट दिया गया। मैंने ऐसा कभी नहीं देखा, मैंने 40 साल तक सर्विस की है।

जिस तरह से आज इसराइल जिहादवाद से लड़ाई लड़ रहा ठीक उसी तरह भारत भी झेल रहा है यही नही हजारो साल से जिहादियो के निशाने पर यहूदी और हिन्दुत्व रहा है ।

आतंकवाद और आतंकवादियो का समर्थन करने वाले पूरी दुनियाभर के लिए खतरा है ।इस समय समूचे विश्व को इसराइल के साथ खड़े रहकर आतंकवाद को हराने मे मदद करने की जरूरत है ।

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