मोदी-योगी (Modi-yogi) युग मे 500 साल का टूटा वनवास, तम्बू से भव्य मंदिर मे आये राम लला;राम मंदिर के माध्यम से एक सूत्र में बंधेगा भारतवर्ष

 मोदी-योगी (Modi-yogi) युग मे 500 साल का टूटा वनवास, तम्बू से भव्य मंदिर मे आये राम लला;राम मंदिर के माध्यम से एक सूत्र में बंधेगा भारतवर्ष


सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच ने 9 नवंबर 2019 को राम मंदिर (Ram Mandir Verdict) के पक्ष में फैसला सुनाया था।


हिंदू पक्ष के मुताबिक 1528 में मुगल बादशाह बाबर (Babar) के सिपहसालार मीर बाकी (Mir Baqi) ने मंदिर गिराकर बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) बनवाई थी


राम मंदिर के इतिहास में 5 अगस्त 2020 का दिन सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया,जब पीएम नरेंद्र मोदी ने आरएसएस सरसंघचालक मोहन भागवत, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और साधु-संतों ने अयोध्या पहुंचकर हनुमानगढ़ी में सबसे पहले पीएम मोदी ने किया दर्शन। राम मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल हुए


हिंदुओं के आराध्य रामलला के भव्य मंदिर के निर्माण कार्य राम जन्मभूमि पर तेजी से चल रहा है। इस निर्माण कार्य की समीक्षा हर महीने के आखिरी गुरुवार और शुक्रवार के दिन होती है। इस महीने की बैठक में रामलला के मंदिर से जुड़ी खास जानकारी साझा की गई है। इस साल के अंत तक मंदिर के भूतल का कार्य समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है।


श्रीराम जन्मभूमि पर बन रहे इस भव्य मंदिर का निर्माण कार्य पूरा होते ही दुनिया के सबसे बड़े तीन मंदिर की लिस्ट में इस मंदिर का नाम शुमार हो जायेगा। मंदिर ट्रस्ट के मुताबिक, मंदिर के माध्यम से संपूर्ण भारतवर्ष को एक सूत्र में पिरोया जा रहा है।



इस साल के अंत तक यानी कि 31 दिसंबर तक मंदिर के भूतल का कार्य समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया जिसके लिए कार्य तेजी से चल रहा है। भगवान राम के इस मंदिर को दिव्य और भव्य स्वरूप प्रदान करने के लिए अलग-अलग राज्य के कारीगर लगे हुए है।


रामलला की मूर्ति निर्माण के लिए पत्थर को कर्नाटक व राजस्थान लाया गया है। मंदिर के भवन में लगने वाले पत्थरों पर खूबसूरत नक्काशी का काम राजस्थान के कारीगर कर रहे हैं, वहीं दरवाजे व खिड़कियों के लिए लकड़ियां मराठा भूमि महाराष्ट्र के बल्लाह शाह से मंगवाई गई। इसके अलावा लकड़ी का काम हैदराबाद के कारीगरों द्वारा किया जाएगा। अभी जो पहले फ्लोर और नींव लगाने से लेकर पिलर खड़े करने का काम तमिलनाडु के कारीगरों के सहयोग से हो रहा है।


संपूर्ण विश्व को दो साल बाद यह पता लगेगा कि इस मंदिर में संपूर्ण भारत के सभी राज्यों का किसी ना किसी प्रकार से योगदान रहा।


श्रीराम मंदिर ट्रस्ट का कहना है कि संपूर्ण भारत के हर एक राज्य का योगदान रहने से मंदिर से हर राज्य के लोग जुड़ाव महसूस करेंगे। इस वक्त तक मंदिर के प्रथम तल और छत का निर्माण का कार्य पूरा हो गया है। अब खम्भों व दीवारों पर मूर्तियां उकेरी जा रही हैं।

मंदिर में हर खम्भे पर ऊपर से लेकर नीचे तक 3600 देवी-देवताओं की मूर्तियां उकेरी जाएगी। इसके साथ ही मंदिर की दीवारों पर खूबसूरत नक्काशी भी की जानी है।


राम मंदिर के इतिहास में 5 अगस्त 2020 का दिन सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया।


1528 से लेकर 2020 तक यानी 492 साल के इतिहास में कई मोड़ आए। कुछ मील के पत्थर भी पार किए गए। खास तौर से 9 नवंबर 2019 का दिन जब 5 जजों की संवैधानिक बेंच ने ऐतिहासिक फैसले को सुनाया। अयोध्या जमीन विवाद मामला देश के सबसे लंबे चलने वाले केस में से एक रहा।


5 अगस्त 2020: राम मंदिर का भूमि पूजन कार्यक्रम। पीएम नरेंद्र मोदी, आरएसएस सरसंघचालक मोहन भागवत, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और साधु-संतों समेत 175 लोगों को न्योता। अयोध्या पहुंचकर हनुमानगढ़ी में सबसे पहले पीएम मोदी ने किया दर्शन। राम मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल हुए।

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