PM मोदी के 'डिजिटल इंडिया के सपने' ने बदली 100 करोड़ से ज्यादा भारतीयों की जिंदगी
आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह से डिजिटल इंडिया को लेकर उनके विजन ने पूरे देश को विश्व मानचित्र पर एक अलग पहचान दिलाई.
नरेंद्र मोदी 2014 में सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री मोदी के पहले बड़े लक्ष्यों में से एक डिजिटल भारत भी था. मोदी सरकार की डिजिटल इंडिया का असर अब जमीन पर दिख रहा है. 2015 में डिजिटल डॉक्युमेंट स्टोर डिजीलॉकर की लॉन्चिंग की गई. इसके बाद 2016 में डिजिटल पेमेंट के लिए UPI लॉन्च किया गया।
आज अगर आप एक क्लिक से पैसा ट्रांसफर करने से लेकर तमाम जरूरी काम कर पाते हैं तो इसके पीछे डिजिटल क्रांति का अहम योगदान है. पीएम मोदी ने अपने 10 साल के कार्यकाल में देश में डिजिटल क्रांति लाने और लोगों को डिजिटली काम करने के लिए प्रेरित किया. हालांकि, उस वक्त लगा था कि सबकुछ इतनी जल्दी संभव नहीं होगा. लेकिन बीते 10 वर्षों में पीएम मोदी के विजन के सहारे जिस गति के साथ डिजिटल क्रांति ने देशवासियों को फायदा पहुंचाया है वो किसी करिश्मे से कम नहीं है. पीएम मोदी के डिजिटल इंडिया के सपने की वजह से लाखों और करोड़ों देशवासियों को फायदा पहुंचा है.
डिजिटल बैंकों की सभी सेवाएँ ऑनलाइन की जाती हैं, आप बैंक के कामकाजी घंटों से बंधे बिना, कभी भी, 24 घंटे और कहीं भी विभिन्न वित्तीय और बैंकिंग सेवाओं तक पहुँच सकते हैं। ग्राहकों को अब वित्त तक पहुंच और प्रबंधन के लिए बैंक शाखा कार्यालय जाने की आवश्यकता नहीं है।
"मैं एक ऐसे डिजिटल भारत का सपना देखता हूं, जहां सरकार सक्रिय रूप से सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों के साथ जुड़ती है. मैं एक ऐसे डिजिटल भारत का सपना देखता हूं जहां गुणवत्तापूर्ण शिक्षा डिजिटल शिक्षा द्वारा संचालित सबसे दुर्गम कोनों तक पहुंचती है. मैं एक ऐसे डिजिटल भारत का सपना देखता हूं जहां नेटिजन एक सशक्त नागरिक हो"
नरेंद्र मोदी ,प्रधानमंत्री
पीएम के आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन बिबेक देबराय ने कहा कि शायद यह एकमात्र उदाहरण है, जहां सरकार द्वारा संचालित पहल इतनी ज्यादा सफल रही है. वहीं, फैक्टरडेली के को-फाउंडर पंकज मिश्रा ने कहा कि अब हम टेक और डिजिटल के बारे में ऐसे बात नहीं करते हैं, जैसे वो हमारे जीवन से अलग हैं. पिछले दशक में इन चीजों में तेजी से बदलाव आया है. जबकि नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के सीईओ आरएस शर्मा का कहना है कि डिजिटल इंडिया सचमुच में एक ऐसा कार्यक्रम हमारी सरकार का रहा है, जिसने लोगों के काम करने के तरीके में काफी बदलाव लेकर आया है. इससे सरकारी सेवाओं और सुविधाओं में बड़ी क्रांति आई है. इसे लेकर प्रसार भारती के पूर्व सीईओ शशि शेखर वेम्पति ने कहा कि डिजिटल इंडिया सिर्फ ऐप तक ही सीमित नहीं है. इसका प्रसार अब बड़े स्तर पर हो चुका है.
UPI से मासिक लेन-देन 14 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा
यूपीआई में मासिक लेन-देन 14 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा को हो चुका है.पंकज मिश्रा कहते हैं कि यूपीआई की विभिन्न मंचों पर काम करने की क्षमता विश्वस्तरीय है. बहुत से देश जिन्हें लगता था कि वो वैश्विक वित्तीय व्यवस्था में शामिल नहीं किए गए वो अब यूपीआई को देखकर कह रहे हैं कि हम भी इन बाधाओं से आगे निकल सकते हैं. डिजिटल इंडिया स्टैक का यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस एक गेम चेंजर साबित हुआ है. रेहड़ी वालों और रिक्शा चालकों से लेकर चमचमाते शो रूम और होटलों तक सभी छोटे बड़े कारोबार क्यू आर कोड की छत्रछाया में चले आए हैं.
आज देश के व्यस्क आबादी के 99 फीसदी हिस्से के पास यूनिक आइडेंटिटी नंबर है. मई 2023 तक 137 करोड़ से ज्यादा आधार कार्ड जारी किए गए हैं. फैक्टरडेली के को-फाउंडर पंकज मिश्रा ने कहा कि ये अप्रत्याशित है. दुनिया में कहीं भी 1.34 अरब लोगों को अपना पहचान पत्र आधार जैसी किसी प्रणाली या मंच का इस्तेमाल करते हुए नहीं मिला. लगभग 111 करोड़ भारतीयों ने कोविड के टीकों का लाभ उठाने के लिए कोविन पर रजिस्ट्रेशन करवाया.
मोदी सरकार में देश की डिजिटल ग्रोथ काफी ज्यादा हुई है. इसकी वजह सस्ता डेटा मानिए या फिर सरकार के उठाए कदम, लेकिन अब हम वाकई डिजिटल युग में प्रवेश कर चुके हैं, जहां पेमेंट के लेकर पासपोर्ट तक सभी काम फोन से हो रहे हैं.
5G नेटवर्क लॉन्च
पिछले साल ही मोदी सरकार ने देश को 5G नेटवर्क का तोहफा दिया है. लंबे इंतजार के बाद यूजर्स को आखिरकार 5G नेटवर्क की सुविधा मिलने लगी है. अब तक तीन हजार से ज्यादा शहरों में टेलीकॉम कंपनियों ने 5G नेटवर्क का विस्तार कर लिया है, लेकिन फिर भी इसे सभी यूजर्स तक पहुंचने में मार्च 2024 तक का वक्त लगेगा.
डिजिटल इंडिया प्रोग्राम की शुरुआत 2015 में की गई थी. इसका मुख्य उद्देश्य देश के लोगों को डिजिटल टेक्नोलॉजी और सेवाओं से जोड़ना था. सरकार ने इसके लिए कई कदम उठाए हैं. इस अभियान के तहत नेशनल ओपन फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क (NOFN) और भारत नेट (BharatNet) परियोजना की शुरुआत की गई.
अब दुकान पर चाय की पेमेंट हो या फिर कोई सामान खरीदना हो. आप बड़ी ही आसानी से UPI ऐप्स के जरिए पेमेंट कर सकते हैं. यहां तक कि इसकी मदद से मनी ट्रांसफर भी बहुत आसान हो गया है.
डिजी लॉकर (DigiLocker) भारत सरकार द्वारा चलाई जाने वाली एक डिजिटल लॉकर सर्विस है. यहां आप अपने विभिन्न आधिकारिक डॉक्यूमेंट्स और प्रमाणपत्रों को सुरक्षित रख सकते हैं.
उमंग (UMANG) एक मल्टीटास्किंग ऐप्लिकेशन है, जिसे भारत सरकार ने विकसित किया है. यह ऐप्लिकेशन भारत सरकार की विभिन्न सेवाओं और योजनाओं को एक ही स्थान पर उपलब्ध कराता है. इसमें आपको पासपोर्ट सेवाएं, पैन कार्ड, आधार कार्ड, लोक सेवा योजनाएं, दिग्गज स्वास्थ्य सेवाएं, बैंकिंग सेवाएं, वित्तीय सेवाएं, किसान सेवाएं, नौकरी सेवाएं, डिजिटल भुगतान और अन्य ऐप्लिकेशन्स के लिए एकीकृत पहुंच मिलती है।