मोदी के ध्यान साधना मे निशाचर डाल रहे बाधा;क्या INDI GANG को लग रहा है डर !
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार को अंतिम चरण का चुनाव प्रचार थमने के बाद कन्याकुमारी के प्रसिद्ध विवेकानंद राक मेमोरियल में दो दिन ध्यान लगाएंगे। उनके प्रवास के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
मोदी उसी स्थान पर ध्यान लगाएंगे जहां स्वामी विवेकानंद ने तीन दिन तक ध्यान लगाया था और विकसित भारत का सपना देखा था।
सनातन धर्म में ध्यान यानी मेडिटेशन को विशेष महत्व दिया गया है। प्राचीन काल से ही ध्यान करने का प्रचलन रहा है। यह न केवल शरीर के लिए उपयोग सिद्ध होता है बल्कि आध्यात्मिक क्षेत्र में भी इसका विशेष महत्व है।
ध्यान एक कल्पवृक्ष की तरह है। ध्यान एक ऐसी महत्वपूर्ण शिक्षा है, जिसकी आवश्यकता हमें लौकिक जीवन में भी पड़ती है और आध्यात्मिक अलौकिक क्षेत्र में भी इसका उपयोग किया जाता है। आज विज्ञान ने भी ध्यान यानी मेडिटेशन के कई लाभों को स्वीकार किया है। आध्यात्मिक क्षेत्र में माना गया है कि आत्मा के परमात्मा से मिलन के लिए लक्ष्य पर ध्यान को एकाग्र करना आवश्यक है।
उपासना के क्षेत्र में भी ध्यान विशेष महत्व रखता है। भक्ति व अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए ध्यान को महत्वपूर्ण साधन माना गया है।
आध्यात्मिकता में ध्यान का उद्देश्य है अपने स्वरूप और अपने लक्ष्य की विस्मृति के कारण उत्पन्न हुई बाधाओं से छुटकारा पाना। ध्यान तन, मन और आत्मा के बीच लयात्मक सम्बन्ध बनाता है और उसे बल प्रदान करता है। ध्यान का नियमित अभ्यास करने से आत्मिक शक्ति बढ़ती और मानसिक शांति की अनुभूति होती है।
ध्यान शुरू करते समय ईश्वर से प्रार्थना की जाती है कि हमारा ध्यान सफल हो और हमें अपने दिव्य वास्तविक स्वरूप का अनुभव हो सके।