अनुप्रिया पटेल को मोदी कैबिनेट मे जगह ,लेकिन पटेल समाज ने अनुप्रिया को नही दी तवज्जो

अनुप्रिया पटेल को मोदी कैबिनेट मे जगह ,लेकिन पटेल समाज ने अनुप्रिया को नही दी तवज्जो


पटेल बाहुल्य क्षेत्रो मे हारे बीजेपी उम्मीदवार ,सपा खेमे मे खिसक गया पटेल समाज


प्रयागराज ,कौशांबी ,बांदा, फतेहपुर तथा मिर्जापुर मे सपा को गया पटेल समाज का वोट


उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से जीती अनुप्रिया पटेल  को पीएम मोदी ने अपने मंत्रिमंडल में जगह दी। जबकि अनुप्रिया पटेल के समाज का वोट उत्तर प्रदेश में खिसक चुका है ।

उत्तर प्रदेश की कई सीटों में पटेल समाज की अहम भूमिका रही जिस कारण से उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी कई सीट हार गई।

 जैसे जिला फतेहपुर की वहां पर पटेल समाज समाजवादी के प्रत्याशी नरेंद्र उत्तम के साथ चला गया। यहां तक की खुद अनुप्रिया पटेल लाखों मतों से जीतने वाली पटेल बहुल क्षेत्र में अबकी बार केवल हजार मतों से जीती है। 

फूलपुर पटेल बहुल क्षेत्र होने के बावजूद खुद प्रवीण पटेल अपने फूलपुर क्षेत्र से लगभग 20000 मतों से चुनाव हार गए शहर पश्चिमी विधानसभा के कई ऐसे गांव हैं जो पटेल बाहुल्य क्षेत्र हैं ।

जिसे 12 गांव कहते हैं वहां पर पटेल संख्या अधिक होने के बावजूद भी भाजपा को कही न के बराबर कही 300 वोट मिले हैं तो किसी बूथ पर 200 वोट तो वही सपा को जमकर वोट मिले हैं जबकि वहां पर ना मुस्लिम है ना यादव है।

 इससे यह प्रतीत होता है की पटेल वोट समाजवादी खेमे में जा चुका है। बांदा सीट में  आर के सिंह पटेल भारतीय जनता पार्टी से रहे वह चुनाव हार गए वही समाजवादी की पटेल महिला चुनाव जीत गई। 

पटेल वोट बहुल बांदा सीट है। इसी प्रकार इलाहाबाद सीट पर करछना पटेल बाहुल्य  क्षेत्र है वहां से भी भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा । 

फूलपुर के प्रवीण पटेल चुनाव फाफामऊ में भी पटेल की संख्या अधिक है फिर भी भाजपा के प्रत्याशी प्रवीण पटेल जी को वहां से हार का सामना करना पड़ा शहर पश्चिमी और शहर उत्तरी विधानसभा की देन है की फूलपुर प्रत्याशी प्रवीण पटेल विजय हुए। 

छोटी-छोटी जातियां साहू, प्रजापति, लोहार, कुम्हार  अनुसूचित समाज तथा ब्राह्मण, ठाकुर ,वैश्य ,सोनार इन सब जातियों का वोट बैंक भारतीय जनता पार्टी के साथ रहा जिस कारण प्रवीण पटेल को विजय प्राप्त हुई। 

उत्तर प्रदेश के समीकरण को जानते हुए भी तीसरी बार मोदी सरकार में अनुप्रिया पटेल को पटेल समाज का मस्तक ऊंचा करने के लिए अपने मंत्रिमंडल में जगह प्रदान की शायद इसलिए जगह मिली है की पटेल समाज का वोट बैंक जो खिसका है वह फिर से एकजुट हो जाए ।

यदि भविष्य में पटेल समाज अनुप्रिया के साथ ना रहा तो पटेल समाज की नेता का अस्तित्व समाप्त होने की संभावना है।

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