ISIS का भारत मे आतंक फैलाने हिन्दुओ को खत्म करने व मंदिरों, घरों, कारों, संपत्ति और फसलों को जला डालने ..का लेख

ISIS का भारत मे आतंक फैलाने हिन्दुओ को खत्म करने व मंदिरों, घरों, कारों, संपत्ति और फसलों को जला डालने ..का लेख


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, हिंदुओं और हिंदू नेताओं पर निशाना साधा गया है।


दुनियाभर में फैले आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ़ इराक एंड सीरिया (ISIS) की मैगज़ीन "वॉयस ऑफ खुरासान" (Voice of Khurasan) के ताजा अंक में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, हिंदुओं और हिंदू नेताओं पर निशाना साधा गया है।

इस्लामिक स्टेट के लेख में लिखा था कि, "भारतीय मुश्रिकों (अल्लाह को छोड़कर किसी और को पूजने वाले) को कारों से कुचलकर मारो, चाकुओं से उनके पेट काटे, मंदिरों, घरों, कारों, संपत्ति और फसलों को जला डालो, भीड़-भाड़ वाली जगहों को निशाना बनाओ और उन्हें दिखाओ कि पैगंबर मुहम्मद की उम्माह अभी भी जिन्दा है।" 

इसमें आगे कहा गया था कि अगर भारतीय मुसलमान हिंदुओं पर हमला करने में असमर्थ हैं, तो दुनिया भर में रहने वाले मुसलमानों को भारत पर हमला करना चाहिए।

 इसमें लिखा था कि, "अगर भारत के मुसलमान इन मुश्रिकों पर काबू नहीं पा सके, तो इस्लामिक स्टेट (ISIS) की सभी विलायत के दरवाज़े तुम्हारे लिए खुले हैं।"


पत्रिका में ISIS ने कहा है कि गैर-मुस्लिम, मुसलमानों की जमीन पर कब्जा कर रहे हैं, मुस्लिम महिलाओं का अपमान कर रहे हैं और इस्लामी शरिया का मजाक उड़ा रहे हैं।

 इसने आगे कहा कि समस्या मुस्लिम समुदाय के भीतर है, क्योंकि मुसलमानों को सांसारिक जीवन से प्यार हो गया है और उन्हें मौत का डर है, जो उन्हें जिहाद में शामिल होने से रोकता है।


आर्टिकल में आगे भारतीय नेताओं, खास तौर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं का जिक्र किया गया है, जो मुसलमानों पर अत्याचार करते हैं।

 इसमें मुहम्मद बिन कासिम और महमूद गजनवी जैसे इस्लामी आक्रमणकारियों का महिमामंडन किया गया है, जिन्होंने सदियों पहले भारतीय उपमहाद्वीप में नरसंहार मचाया था और महिलाओं के बलात्कार किए थे।

 ऐसे लोगों का इस्तेमाल करते हुए लेखक ने मुस्लिमों से उनके विजय अभियान को फिर से शुरू करने का आह्वान किया है। 


आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने उदारवादियों की तरह ही पीएम मोदी और भाजपा पर भारतीय मुसलमानों के साथ बुरा व्यवहार करने का आरोप लगाया। 

अयोध्या में अवैध ढांचे (पत्रिका ने इसे बाबरी मस्जिद बताया) को अदालत के आदेश पर गिराए जाने के बाद भव्य राम मंदिर के निर्माण पर प्रकाश डालते हुए, ISIS ने इसे एक प्रमुख शिकायत बताया।


इस्लामिक स्टेट ने इस बात पर भी गुस्सा जताया कि जनवरी 2024 में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में पीएम मोदी, फिल्मी हस्तियां, व्यवसायी और राजनेता शामिल हुए। 

लेख में लिखा गया है कि, “प्रसिद्ध भारतीय फिल्म अभिनेता, धनी, राजनेता और यहां तक ​​कि खुद मोदी ने उद्घाटन समारोह में भाग लिया और बाबरी मस्जिद को राम मंदिर में बदलने के फैसले को निष्पक्ष और न्याय से भरा बताया।” ISIS ने अपनी पत्रिका में पूर्व भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा को निशाना बनाया ।

 शर्मा की तथाकथित विवादास्पद टिप्पणियों का लेख में अप्रत्यक्ष रूप से उल्लेख किया गया था और उन्हें बेहद अपमानजनक बताया गया था।

 उल्लेखनीय रूप से, नूपुर शर्मा के खिलाफ टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब उन्होंने सीमित सार्वजनिक उपस्थिति दर्ज कराना शुरू कर दिया है और लगातार तीसरी बार आम चुनाव जीतने पर पीएम मोदी को बधाई दी है। 


ISIS ने अपने लेख में दावा किया है कि भारत और उसके आस-पास के इलाके मुस्लिम विरोधी हो गए हैं।

 इसमें लिखा है कि, "आम तौर पर, भारतीय बहुदेववादी और गाय की पूजा करने वाले मूर्ख लोग, इस्लाम के सख्त विरोधी हैं, और नरेंद्र मोदी और भाजपा पार्टी की दुश्मनी बिल्कुल वैसी ही है, जैसी फिरौन की बनी इसराइल से थी। 

आज भारत में करीब 22 करोड़ मुस्लिम लोग हिंदुओं की गुलामी और अधीनता में खौफ और बर्बरता से भरी रातें बिता रहे हैं।"


आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने भारत में मुसलमानों से गैर-मुसलमानों के खिलाफ हिंसक कार्यवाहियों में शामिल होने का आग्रह किया।

 लेख में हत्या, बम विस्फोट और आतंकवाद के अन्य रूपों का आह्वान किया गया और इस तरह से चित्रित किया गया जैसे कि ये कार्य मुस्लिम समुदाय के खिलाफ कथित गलत कामों का बदला लेने के लिए एक धार्मिक कर्तव्य थे।

 लेख में हिंसक जिहाद का महिमामंडन किया गया है और हिंदू मंदिरों, सार्वजनिक स्थानों और राजनीतिक हस्तियों पर हमले करने का आह्वान किया गया है, मूर्तियों के विनाश और उन लोगों की हत्या की वकालत की गई है जिन्हें वह इस्लाम का दुश्मन मानता है।


बता दें कि, आतंकी संगठन का यह लेख भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है, क्योंकि पत्रिका टेलीग्राम चैनलों और फेसबुक और अन्य सहित सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर व्यापक रूप से प्रसारित की जाती है। 

हिंसा भड़काने और आतंकवादी कृत्यों के लिए वैचारिक औचित्य प्रदान करके, यह आतंकी हमलों और समन्वित आतंकवादी गतिविधियों को प्रेरित कर सकता है। 

राजनीतिक नेताओं, सार्वजनिक हस्तियों और धार्मिक स्थलों को विशेष रूप से निशाना बनाने से हाई-प्रोफाइल हमलों का खतरा बढ़ जाता है जो व्यापक भय और अस्थिरता पैदा कर सकते हैं।

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