केजरीवाल दारू घोटाले मे थे मस्त!जनता बूद-2 पानी को तरस रही;राजधानी मे पानी के लिए संग्राम

केजरीवाल दारू घोटाले मे थे मस्त!जनता बूद-2 पानी को तरस रही;राजधानी मे पानी के लिए संग्राम

*कांग्रेस के नेता भी अपने सहयोगी दल AAP के खिलाफ फोड़ रहे मटका*


*पानी के लिए रात 2 बजे से लगती लाइनें, पानी के लिए फूट रहे सिर...',*


*दिल्ली जल संकट को लेकर फूटा महिलाओं का गुस्सा*


भाजपा ने दिल्ली में जल संकट को लेकर 14 जगहों पर केजरीवाल सरकार के खिलाफ मटका फोड़ प्रदर्शन किया। 

इसमें प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और नई दिल्ली की सांसद बांसुरी स्वराज भी शामिल हुईं। सचदेवा ने कहा- दिल्ली में पानी की कमी के लिए अगर कोई जिम्मेदार है तो वह सीएम अरविंद केजरीवाल है।


वहीं बांसुरी स्वराज ने कहा- दिल्ली में जल संकट प्राकृतिक समस्या नहीं है। यह AAP द्वारा बनाई गई किल्लत है। 

दिल्ली के पास पर्याप्त पानी है। हरियाणा भी ज्यादा पानी रिलीज कर रहा है। 10 साल में AAP ने दिल्ली जल बोर्ड को 600 करोड़ के प्रॉफिट से 73 हजार करोड़ के लॉस में ला दिया है।


वीरेंद्र सचदेवा ने एक वीडियो जारी कर इंद्रपुरी में 100 से अधिक अवैध कनैक्शन देने को लेकर दिल्ली जल बोर्ड पर सरकारी पानी का दोहन करने का आरोप लगाया। 

सचदेवा ने कहा कि अगर लोगों को अवैध कनेक्शन देकर मनमाना पैसा लिया जा रहा है तो वैध कनेक्शन क्यों नहीं दिए जा सकते?


वीरेंद्र सचदेवा वीडियो में कहा कि हम पहले दिन से कहते आ रहे हैं कि आम आदमी पार्टी के मंत्री, विधायक पानी की चोरी और कालाबाजारी करवाते हैं। 

इंद्रपुरी के बुद्ध विहार में लोगों से 35-35 हजार रुपए लेकर डीजेबी के पाइप लाइन से पानी के अवैध कनेक्शन जोड़े गए हैं। सीएम, मंत्री, विधायक सब पानी की कालाबाजारी करते हैं।


दिल्ली जल बोर्ड के मुताबिक, राज्य को रोजाना 129 करोड़ गैलन पानी की जरूरत है। हालांकि गर्मियों में केवल 96.9 करोड़ गैलन प्रतिदिन मांग ही पूरी हो पा रही है। 

यानी दिल्ली की 2.30 करोड़ आबादी को हर दिन 129 करोड़ गैलन पानी चाहिए, लेकिन उसे सिर्फ 96.9 करोड़ गैलन पानी ही मिल रहा है।


दिल्ली में जल संकट को लेकर 13 जून को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। हिमाचल प्रदेश ने कोर्ट को बताया कि हमारे पास दिल्ली को देने के लिए 136 क्यूसेक पानी नहीं है।

 जबकि एक दिन पहले (12 जून को) हिमाचल ने कहा था कि हमारी तरफ से पानी छोड़ा गया है।


दरअसल, दिल्ली की AAP सरकार ने जल सकंट को लेकर 31 मई को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। 

इसमें हरियाणा, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश को दिल्ली को एक महीने तक एक्स्ट्रा पानी छोड़ने का निर्देश देने की मांग की गई थी।


हिमाचल प्रदेश एक्स्ट्रा पानी देने के लिए तैयार था। कोर्ट ने 6 जून को हिमाचल को 137 क्यूसेक पानी छोड़ने का आदेश दिया था। दिल्ली सरकार ने कहा था कि यह पानी हमारे यहां अभी नहीं पहुंचा।


सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (12 जून) को टैंकर माफिया द्वारा मुनक नहर से पानी चोरी करने के मामले में दिल्ली सरकार को जमकर फटकार लगाई थी। 

कोर्ट में झूठे बयान देने को लेकर भी AAP सरकार को जमकर फटकारा।


कोर्ट ने कहा कि अगर आप टैंकर माफिया से नहीं निपट सकते हैं तो हम दिल्ली पुलिस से इस मामले में एक्शन लेने के लिए कहेंगे। 

कोर्ट ने दिल्ली सरकार से 13 जून तक इस संबंध में जवाब मांगा था।


दूसरी तरफ, भाजपा नेताओं ने बुधवार (12 जून) को दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा से मुलाकात कर मुनक नहर और अन्य स्रोतों से पानी की चोरी को लेकर टैंकर माफिया के खिलाफ एक विशेष जांच दल गठित करने और प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की।


दिल्ली में जल संकट के दो कारण हैं- गर्मी और पड़ोसी राज्यों पर निर्भरता। दिल्ली के पास अपना कोई जल स्रोत नहीं है।

 पानी के लिए यह पड़ोसी राज्यों पर निर्भर है। दिल्ली जल बोर्ड के मुताबिक, इस साल दिल्ली 32.1 करोड़ गैलन प्रतिदिन पानी की कमी से जूझ रही है।


दिल्ली में पानी की जरूरत हरियाणा सरकार यमुना नदी से, उत्तर प्रदेश सरकार गंगा नदी से और पंजाब सरकार भाखरा नांगल बांध के पानी से पूरी करती है।


CM केजरीवाल ने X पर एक पोस्ट में लिखा था कि भीषण गर्मी में पानी की डिमांड बहुत बढ़ गई है। जो पानी दिल्ली को पड़ोसी राज्यों से मिलता था, उसमें भी कमी कर दी गई है।

 यानी सप्लाई कम हो गई है। हम सबको मिलकर इसका निवारण करना है। मैं देख रहा हूं कि बीजेपी के साथी हमारे खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे समस्या का समाधान नहीं निकलेगा।

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