Dr अरूण तिवारी के इलाज व परिजनो के सूझ-बूझ से बची बेटी पायल की जिंदगी

Dr अरूण तिवारी के इलाज व परिजनो के सूझ-बूझ से बची बेटी पायल की जिंदगी


तिल्हापुर मोड़ की 18 वर्षीय पायल सोनी के संघर्ष की दास्तान कोबरा क्रैत  सर्पदंश से जीवन-मृत्यु की जंग


कौशाम्बी -: आधी रात को अचानक  बेटी को सर्प के काटने पर पूरा घर-परिवार तिलख-तिलख रोने लगा पूरा  मामला  तिल्हापुर मोड़ के एक छोटे से कमरे में टीवी की हल्की रोशनी के साथ बैठी थी 18 वर्षीय पायल स्वर्णकार पुत्री रामपति स्वर्णकार लेकिन अचानक ही शांत रात का माहौल भयावह हो गया, जब एक विषैला क्रैत कोबरा सर्प ने पायल के पैर में डंस लिया।

 यह मंजर किसी भी परिवार के लिए जीवन की सबसे बड़ी चुनौती बन सकता है, और पायल के परिजनों के लिए भी यह क्षण किसी भयानक स्वप्न से कम नहीं था।

सर्पदंश के बाद, घबराए परिजनों ने तत्परता से पायल को पास के एक वैध के पास झाड़फूंक कराने का प्रयास किया। 

लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, पायल की हालत गंभीर होती चली गई। रात का अंधेरा और गहराता गया, और जीवन की डोर कमजोर होती दिखाई देने लगी।  


शनिवार की सुबह 8 बजे, पायल के पिता ने अपने भाँजे प्रो.डॉक्टर राजकुमार स्वर्णकार निवासी सराॅय अकिल कौशाम्बी से पूरी घटना बतायी तभी प्रो.डॉक्टर राजकुमार स्वर्णकार ने  सराॅय अकिल स्वास्थ्य सामुदायिक केंद्र बुलाकर पायल को डॉक्टरी ट्रीटमेन्ट करवाने की सलाह दी जैसे ही पायल को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया तभी अधीक्षक डॉक्टर अरुण कुमार तिवारी और उनकी टीम, जिसमें डॉक्टर राम लोलारक, बीएन सिंह, वार्ड बॉय धर्मेंद्र कुमार, डीआरए राजेंद्र यादव और लैब टेक्निशियन शुभम जायसवाल शामिल थे, ने पायल का तुरंत इलाज शुरू किया। 

टीम ने पायल को तुरंत एंटी स्नैक वेनम दिया, जिससे उसकी हालत में धीरे-धीरे सुधार होने लगा। सोमवार की सुबह पायल को पूरी तरह स्वस्थ घोषित कर घर भेज दिया गया। 

 सराय अक़िल सामुदायिक स्वास्थ केंद्र के अधीक्षक डॉक्टर अरुण कुमार तिवारी ने बताया, "पायल का मामला बेहद गंभीर था।

 सर्पदंश से उसकी आंखों के सामने धुंधलापन आ गया था और गले में दर्द व सांस लेने में कठिनाई हो रही थी। हमारी टीम ने समय पर उपचार किया और आज पायल पूरी तरह स्वस्थ है।"


इस घटना के बाद डॉक्टर अरुण तिवारी ने जनता से अपील की, "सर्पदंश के मामले में झाड़फूंक जैसे अंधविश्वासों से बचें और तुरंत निकटतम स्वास्थ्य केंद्र या किसी योग्य डॉक्टर के पास जाएं। जीवन अनमोल है, इसे समय पर उपचार से ही बचाया जा सकता है।"


अभिषेक कुमार 

रिपोर्टर - सराॅय अकिल कौशाम्बी 

उत्तर प्रदेश

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