उमेश पाल हत्याकांड: बचपन का दोस्त ही निकला दगाबाज, माफिया अतीक गैंग के लिए उमेश पाल की करता था जासूसी

प्रयागराज:उमेश पाल की हत्या के मुखबिरी किसी और ने नहीं उसी के बचपन के दोस्त मोहम्मद सजर ने की थी. दो दिन पहले प्रयागराज पुलिस ने अतीक अहमद गैंग के पांच मददगारों की गिरफ्तारी की. इसी में एक मोहम्मद सजर भी है.
अतीक और अशरफ ने 2005 में राजू पाल हत्याकांड के बाद दुश्मन बने उमेश पाल को हटाने के लिए साजिश रची.उसे अंजाम तक

पहुंचाने मे पूरी शिद्दत से लगा रहा और सफल भी हुआ। 



मोहम्मद सजर सुलेमसराय का रहने वाला है. यह शक्स उमेश पाल का पड़ोसी है. उमेश और सजर एक दूसरे को बचपन से जानते थे. दोनों कभी साथ में टैंपो चलाते थे.सजर उमेश की लोकेशन के बारे में अतीक गैंग को बताता था. आखिरी दिन भी सजर ने उमेश पाल की लोकेशन दी थी.

घटना के एक माह बाद भी पुलिस उनकी पहेली को सुझाने में नाकाम है। उमेश पाल की हत्या से पहले फुलप्रूफ प्लानिंग की गई थी। वारदात से पहले क‍िस तरह जेल से फेस टाइम एप के जरिए साजिश का तानाबना बुना गया। पुलिस ने उसकी कड़ियां खंगाल लीं। घटना के बाद जब मोहम्‍मद असद, गुड्डू मुस्लिम, अरमान, गुलाम व साबिर भागे तो उन्होंने फोन अपने पास से हटा दिया।प्रयागराज में उमेश पाल की हत्या के बाद अंडरग्राउंड हुए माफिया अतीक अहमद के बेटे मोहम्‍मद असद व उसके चार अन्य साथी पुलिस के लिए चुनौती बने हुए हैं। दरअसल, वक्त के साथ अपराधियों ने भी पुलिस की हर चाल का तोड़ निकाला है। उमर व उसके साथी फोन व इंटरनेट का प्रयोग नहीं कर रहे हैं।

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