मनगढ़ ग्राम स्थित भक्तिधाम मंदिर श्रीकृष्ण के प्रति अगाध श्रद्धा, प्रेम और भक्ति को दर्शाने वाला दिव्य धाम है*

 मनगढ़ ग्राम स्थित भक्तिधाम मंदिर श्रीकृष्ण के प्रति अगाध श्रद्धा, प्रेम और भक्ति को दर्शाने वाला दिव्य धाम है


इस आधुनिक मंदिर को जगतगुरू कृपालु महाराज ने बनवाया था।

यूपी : प्रतापगढ़ के सबसे लोकप्रिय धार्मिक स्थलों में से एक इस आधुनिक मंदिर को जगतगुरू कृपालु महाराज ने बनवाया था। कुंडा तहसील मुख्यालय से महज 6 किलोमीटर की दूरी पर मनगढ़ में स्थित भगवान राधा-कृष्ण के इस मंदिर में रोजाना हजारों श्रद्धालु दर्शन को आते हैं।

भक्ति धाम मनगढ़ मंदिर, इस मंदिर को वास्तुकला का अनोखा उदाहरण माना जाता है।

राधे-राधे की गूंज से पूरा वातावरण भक्तिमय बना रहता है।मंदिर की मनमोहक बनावट और इसकी सुंदरता दूर से ही देखते बनती है।

इस मंदिर का निर्माण कृपालु महाराज ने करवाया था। जिनका जन्म प्रतापगढ़ जिले की कुंड़ा तहसील के मनगढ़ गांव में अक्टूबर, 1922 में हुआ था। उन्होंने अपने गांव में ही भक्ति धाम मंदिर को बनवाया था।


पहले जगदगुरू थे, जिनका कोई गुरू नहीं था और न ही उन्होंने किसी को अपना शिष्य बनाया।

वहीं मंदिर की खासियत की बात करें तो यहां भ्रमण के लिए मुख्य रूप से तीन चीजें हैं। पहला है, भक्ति मंदिर, जिसमें कृपालु महराज की प्रतिमा के साथ-साथ उनके माता-पिता एवं राधा-कृष्ण की अनेक मुद्राओं में कई सारी प्रतिमाएं हैं।

दूसरा है- भक्ति भवन, जो साधना का मुख्य केंद्र है। इसमें लगभग 50,000 श्रद्धालु एक साथ बैठकर प्रवचन का आनंद ले सकते हैं। भक्ति भवन की खासियत ये है कि पूरे हॉल के बीच में एक भी पिलर नहीं दिया गया है। आप यहां किसी भी हिस्से में बैठें आपको हर तरफ से एक जैसी ही आवाज सुनाई देती है।


प्राकृतिक रूप से बहुत ही सुंदर बनाया गया है। इसमें गाय, बछड़े, हिरण, मोर आदि की पत्थरों से बनी हुई कई प्रतिमायें हैं। इन्हें पास से भी देखने पर लगता है जैसे कि ये वास्तविक हो।श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन तो यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं।


15 नवंबर 2013 को कृपालु जी महाराज देह का त्याग क?परमधाम को चले गये । जिसके बाद मनगढ़ धाम की सारी व्यवस्थाओं को उनकी तीनों बेटियां श्यामा,कृष्णा व विशाखा  देखती हैं।

भक्ति धाम मनगढ़ बेजोड़ स्‍थापत्‍य कला का नमूना है। इसे कृपालु जी महाराज ने बनवाया था।भक्ति धाम मनगढ़ ग्रेनाइट के पिलर्स पर खड़ा है।26 अक्टूबर सन् 1996 में इस मंदिर की नींव रखी थी। अहमदाबाद के मशहूर आर्किटेक्ट ने मंदिर को सन् 2005 में बनाया था। उसी वर्ष नवंबर में कृपालु जी महाराज ने उद्घाटन किया था।इस मंदिर में राधा-कृष्ण के दर्शन के लिए वर्ष भर देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं। ग्रेनाइट पिलर पर खड़ा मंदिर आकर्षित करता है।यहां के मुख्य दरवाजे चंदन की लकड़ी से बनाए गए हैं।भक्ति धाम मनगढ़ मंदिर की बाहरी दीवारें गुलाबी बलुई पत्थरों से बनाई गई हैं। इस पर बेहतरीन चित्रकारी की गई है। भीतर के बरामदे और मंदिर की छत में मकराना मार्बल और ग्रेनाइट पत्थरों का प्रयोग किया गया है।दीवारों पर उत्कीर्ण राधा-कृष्ण के जीवन से संबंधित मधुर प्रसंग यहां आने वाले हर किसी श्रद्धालु का मन मोह लेते हैं।मंदिर की ऊंचाई 108 मीटर है। यहां की दीवारों की भव्‍य नक्‍काशी लोगों के आकर्षण का केंद्र है। यह नक्‍काशी कलाकारों ने हाथ से की है।लखनऊ से इस मंदिर की दूरी 150 किलोमीटर है, जबकि प्रयागराज से महज 60 किलोमीटर।

By Editor In Chief VD PANDEY RDNEWS 

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