लैंड जिहाद:अवैध मजारो की आड़ मे देवभूमि की डेमोग्राफी के लिए खतरे की घंटी;देशभर मे लैंड जिहाद का खतरा

 लैंड जिहाद:अवैध मजारो की आड़ मे देवभूमि की डेमोग्राफी के लिए खतरे की घंटी;देशभर मे लैंड जिहाद का खतरा


ये मजारें किसी पीर-फकीर की नहीं बल्कि “फ्रेंचाइजी” का धंधा बताई जा रही हैं


ऐतिहासिक नगरी द्वारिका(गुजरात) के बेट द्वीप में हिंदुओं का अल्पसंख्यक होना और पलायन करना खतरे की घंटी है


उत्तर प्रदेश,उत्तराखंड,असम,हिमाचल,बंगाल बिहार गुजरात महाराष्ट्र सहित समूचे भारत मे मिशन लैंड जिहाद सक्रिय है;जिसका काग्रेस सहित गद्दार पार्टिया समर्थन करती है


धार्मिक स्थलों के बहाने जमीनों पर कब्जे की खबरें सामने आने के बाद देश भर में ‘लैंड जिहाद’ का मुद्दा तूल पकड़ चुका है. हर प्रदेश मे सड़क से लेकर गांवों तक मजार मस्जिद जैसे धार्मिक स्थलों के नाम पर अतिक्रमण इतना बढ़ चुका है कि इससे देवभूमि की डेमोग्राफी को ही खतरे की आशंका जताई जाने लगी है. सड़कों से लगी वन भूमि भी निशाने पर हैं.

वही लैंड जिहाद के तहत सरकारी सम्पतियों पर अवैध कब्जा कर बनाई गई मजारों पर कार्रवाई को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सख्त निर्देशों का असर धर्मनगरी हरिद्वार में भी दिखने लगा है।

सिंचाई विभाग के पुराने पनचक्की भवन में अवैध रूप से कब्जा कर मजार बनाई गई थी, जिसको जिलाधिकारी के आदेश के बाद पुलिस प्रशासन ने हटा दिया। उन्होंने बताया कि मौके पर मौजूद मौलवी को चेतावनी देकर वहां से हटाया गया। मौलवी ने स्वयं ही भवन पर बुलडोजर चलने से पहले दानपात्र और अन्य सामग्री वहां से हटा ली। इसके बाद प्रशासन ने इस भवन को जमींदोज कर दिया। 

पछुवा देहरादून के वन विभाग क्षेत्र में अवैध रूप से बनाई गई 26 मजारों को धामी सरकार के बुलडोजरों ने ध्वस्त कर दिया है। 

उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में मजार लैंड जिहाद के तहत जंगलों में 1400 से अधिक मजार और अन्य अतिक्रमण वाले स्थल चिन्हित हुए थे।

वन विभाग ने कालसी वन प्रभाग में 7 मजारें, लाडपुर में 6 और रायपुर फॉरेस्ट एरिया में 5 मजारों को बुलडोजर से ध्वस्त किया है।जानकारी के मुताबिक बरेलवी मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग उत्तराखंड की वन भूमि पर लैंड मजार जिहाद के तहत काम कर रहे हैं।

उत्तराखंड में धामी सरकार का बुल्डोजर अवैध मजारों पर जोरदार प्रहार कर रहा है। सरकारी जमीन पर कब्जा कर बनाई गई इन नकली मजारों को ध्वस्त करने का अभियान चल रहा है।

कुछ ऐसे भी मामले सामने आए हैं कि कुछ अवैध मजारें निजी जमीन पर भी बना दी गईं हैं और इसके पीछे एक और षड्यंत्र की जानकारी सामने आई है।अवैध मजार ध्वस्त करने गई प्रशासन की टीम निजी भूमि पर मजारें ध्वस्त करने गई। दोनों मामले में जमीन उत्तराखंड के हिंदू वंचित समाज की थी।

उन्होंने कहा कि खादिम ने यहां आकर खुद मजार बनवाई और चादर चढ़वाई अब हम ही दीया बत्ती करते हैं, खादिम हर महीने आता है और जो पैसा यहां गोलक में होता है वो निकाल कर ले जाता है। ये दोनों कहानियां दो अलग-अलग अवैध मजार स्थल पर एक जैसी बताई गईं हैं।

बहरहाल, गौर करने वाली बात ये है कि ये मजार के बहाने हिंदू समाज की जमीन कब्जाने का षड्यंत्र नहीं तो और क्या है ? ये ही मजार जिहाद है या कहिए जमीन जिहाद है।

खास बात ये भी है कि इन अवैध सीमेंट की मजारों पर अंधविश्वास का माथा टेकने वंचित और गरीब तबके के हिंदू ही ज्यादा जाते हैं और वहां खादिमों के आदमी दीया, धूप, अगरबत्ती, चादर, प्रसाद का धंधा करते हुए दिखाई देते हैं। ये मजारें किसी पीर-फकीर की नहीं बल्कि “फ्रेंचाइजी” का धंधा बताई जा रही हैं। कालू शाह, भूरे शाह जैसे नाम की एक नहीं दर्जनों मजारें अब सामने आ चुकी हैं जिन्हें धामी सरकार के बुल्डोजर ने ध्वस्त किया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर धामी कहते आ रहे हैं कि सरकारी जमीन पर कोई भी अतिक्रमण सहन नहीं किया जाएगा, लोग खुद हटा ले अन्यथा बुल्डोजर तैयार है, उनका कहना है कि देवभूमि उत्तराखंड में मजार जिहाद लैंड जिहाद का षड्यंत्र सफल नहीं होने दिया जाएगा।


*असम में लखीमपुर जिले में पावा जंगल में अतिक्रमण को हटाया गया है*... इस कार्रवाई ने 500 बंगाली मुस्लिमो ने अवैध तरीके से कब्जा कर रखा था ।अधिकारियों का कहना है कि पावा रिजर्व फॉरेस्ट की 2,560.25 हेक्टेयर जमीन में से सिर्फ 29 हेक्टेयर जमीन ही ऐसी है जिसपर अतिक्रमण नहीं है. प्रशासन ने जंगल की 450 हेक्टेयर जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए मंगलवार को कार्रवाई शुरू की थी.


*उत्तराखंड और असम ही नही वन विभाग ने यूपी और हिमाचल बॉर्डर से अवैध मजारें हटाईं*


उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश से लगती सीमाओं पर अवैध निर्माण को हटाने का अभियान चलाया हुआ है. इसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश बॉर्डर पर वन विभाग ने आज सुबह तड़के कई अवैध मजारों और अतिक्रमण पर अपना बुलडोजर चलाया है. यह अतिक्रमण उत्तर प्रदेश के समय से शक्ति नहर के किनारे पर किया गया था.

इस पूरे इलाके में 21 से अधिक मजार रही हैं, जिनमें से अभी दो मजारों पर बुलडोजर चला है.

साल 2009 में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को यह आदेश दिए थे कि जितना भी अतिक्रमण उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सीमाओं पर है, उन्हें तत्काल हटाया जाए. लेकिन अतिक्रमणकारी कभी सुप्रीम कोर्ट तो कभी हाईकोर्ट में अपनी याचिका दायर कर इस मामले को लटकाते रहे हैं. सरकारें आई और गईं, वहीं कई सरकारें अपने फायदे के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का भी पालन नहीं करती दिखी. लेकिन बीते कुछ दिनों से लगातार अतिक्रमणकारियों के इलाके में बुलडोजर चल रहा है.

असम में 1000 बीघा जमीन खाली कराने के लिए अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया जा रहा जिसमे अवैध निर्माणों पर CM सरमा का बुलडोजर लगातार कार्रवाई कर रहा है ।


आपको बता दे राष्ट्र विरोधी कट्टरपंथी जिहादी मुस्लिमों के कुछ गुप्त संगठनों ने बड़े स्तर पर देश भर में लैंड जिहाद का चक्रव्यूह रचा है, जिसके कारण लव जिहाद, जनसंख्या जिहाद, डेमोग्राफी चेंज, हिंदुओं का पलायन जैसी अनेकानेक ज्वलंत घटनाएं आए दिन सामने आ रही हैं।

किसी भी गैरमुस्लिम देश का इस्लामीकरण करने के लिए कट्टरपंथी मुसलमानों द्वारा अनेकानेक प्रकार से जिहाद किया जाता है। जिनमें प्रमुख रूप से लैंड (जमीन) जिहाद भी शामिल है। इससे जुड़ा ताजा मामला गुजरात के द्वारिका द्वीप का सामने आया है। जिससे एक बार फिर देश में वक्फ बोर्ड के लैंड जिहाद जैसी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों का पर्दाफाश हुआ है ।अब देश में बहुत तेजी से यह मांग उठने लगी है कि वक्फ बोर्ड को तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित कर देना चाहिए और देश भर में फैले लैंड जिहाद के अतिक्रमण से मुक्ति दिलाने हेतु राष्ट्रव्यापी अभियान की शुरुआत की जानी चाहिए।

द्वारिका द्वीप पर लैंड जिहाद का खतरनाक प्रयोग


अभी हाल ही में गुजरात के द्वारिका द्वीप पर हुए अतिक्रमण (इस्लामीकरण) का मामला खूब चर्चा में रहा। जिसे ध्वस्त करने के लिए शासन-प्रशासन को पूरे लाव लश्कर के साथ भारी पुलिस बल को लेकर मोर्चे पर जाना प़ड़ा, तब कही जाकर उन्हें सफलता मिली और गैरकानूनी रूप से बनाए गए अवैध निर्माण को जमींदोज किया जा सका। लेकिन इतना ही काफी नहीं है क्योंकि अवैध निर्माण को भले ही ध्वस्त किया गया हो परंतु स्थानीय हिंदुओं का पलायन और बाहरी मुसलमानों की घुसपैठ एवं डेमोग्राफिक चेंज चिंता का विषय बना हुआ है। ऐतिहासिक नगरी द्वारिका के बेट द्वीप में हिंदुओं का अल्पसंख्यक होना और पलायन करना खतरे की घंटी है।

लैंड जिहाद के माध्यम से मुस्लिम घुसपैठ बड़ी संख्या में लगातार जारी है। स्थिति यह है कि एक ओर स्थानीय लोगों का पलायन हो रहा है, वहीं दूसरी ओर बाहरी मुसलमान जिनमें बांग्लादेशी-रोहिंग्या भी शामिल हैं, बड़ी संख्या में घुसपैठ कर रहे हैं। यही हाल पूरे भारत का है।

इसके साथ ही अब हमारे आस पास गली-कूचे, नुक्कड़-नाके, खाली जमीन आदि स्थानों पर जहां कहीं भी लैंड जिहाद के मामले सामने आए, उनका स्थानीय

स्तर पर प्रतिकार करना आवश्यक है क्योंकि इंच-इंच जमीन हमारे राष्ट्र की है। इसकी रक्षा करना हमारा कर्तव्य है। यदि हम ही अपने जमीन की रक्षा नहीं करेंगे और उस भूमि पर लैंड जिहाद होने देंगे तो क्या होगा?

Editor In Chief VD PANDEY....

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