16 अगस्त अर्थात डायरेक्ट एक्शन डे ,खूनी शुक्रवार इसी दिन हिंदू महिलाओं के स्तन काटकर नग्न शरीर मांस की दुकानों पर लटका दिया गया था... हुआ था हिन्दुओ का नरसंहार

 16 अगस्त अर्थात डायरेक्ट एक्शन डे ,खूनी शुक्रवार इसी दिन हिंदू महिलाओं के स्तन काटकर नग्न शरीर मांस की दुकानों पर लटका दिया गया था... हुआ था हिन्दुओ का नरसंहार


बंगाल में मु .स्लिम भीड़ द्वारा चुन-चुन कर किया गया था हिंदुओं का कत्लेआम


72 घंटे में 6 हजार से ज्यादा हिंदुओं का हुआ था कत्ल


कोलकाता में हजारों हिंदू माताओं-बहनों का हुआ था बलात्कार

लाखों हिंदुओं का हुआ था पलायन


15 अगस्त मना लिया... अब 16 अगस्त अर्थात डायरेक्ट एक्शन डे को भी याद कर लो, जब कोलकाता में 6 हजार से ज्यादा हिंदुओं का कत्ल इ.स्ला.मिक भीड़ द्वारा किया गया था


क्या था डायरेक्ट एक्शन डे ? जिसे आपको जरूर जानना चाहिए:


16 अगस्त 1946 को जिन्ना के आदेश पर हुआ था डायरेक्ट एक्शन डे। बंगाल में मु .स्लिम भीड़ द्वारा चुन-चुन कर किया गया था हिंदुओं का कत्लेआम।

72 घंटे में 6 हजार से ज्यादा हिंदुओं का हुआ था कत्ल।


कोलकाता में हजारों हिंदू माताओं-बहनों का हुआ था बलात्कार।लाखों हिंदुओं का हुआ था पलायन। पाकिस्तान बनाने के लिए जिन्ना ने भारत की स्वतंत्रता से एक वर्ष पहले हिंदुओं के जनसंहार का दिया था खुला आदेश।


 गोमांस की दुकानों पर हुक से लटकाए गए थे हिंदू लड़कियों के नग्न शरीर


क्यों हुआ था डायरेक्ट एक्शन डे ?


 भारत की स्वतंत्रता से एक वर्ष पहले की हिंदू विरोधी विभीषिका है डायरेक्ट एक्शन डे


 16 मई 1946 को भारत आया था ब्रिटिश कैबिनेट मिशन।


कैबिनेट मिशन का उद्देश्य था भारतीयों को सत्ता हस्तांतरित करने की अंतिम योजना को मूर्त रूप देना ।जिन्ना ने मिशन के सामने अलग पाकिस्तान की मांग रख दी।


जुलाई 1946 में जिन्ना ने मुंबई में अपने घर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। प्रेस कॉन्फ्रेंस में ने जिन्ना ने की अलग मुस्लिम देश पाकिस्तान की घोषणा ।पाकिस्तान न बनाने पर दी डायरेक्ट एक्शन डे की चेतावनी।


16 अगस्त 1946 को घोषित किया गया डायरेक्ट एक्शन डे


जुलाई 1946 में जिन्ना ने मुंबई में अपने घर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की

 प्रेस कॉन्फ्रेंस में ने जिन्ना ने की अलग मुस्लिम देश पाकिस्तान की घोषणा।पाकिस्तान न बनाने पर दी डायरेक्ट एक्शन डे की चेतावनी

16 अगस्त 1946 को घोषित किया गया डायरेक्ट एक्शन डे


बंगाल में हसन शहीद सुहरावर्दी ने लांच कर दिया हिंदुओं का भयावह जनसंहार अर्थात डायरेक्ट एक्शन डे।मुस्लिम लीग का नेता हसन शहीद सुहरावर्दी उस समय था बंगाल का प्रधानमंत्री।नमाज के बाद शुरू कर दिया गया हिंदुओ का कत्लेआम।

हिंदुओं के खून की प्यासी बन गई थी जालीदार टोपी लगाए भीड़।पूरे शहर में शुरू हो गई पत्थरबाजी, तोड़फोड़ और आगजनी।


हिंदुओं को उनके घरों से खींच खींचकर काट डाला गया।

 छोटी बच्चियों से लेकर बुजुर्ग माताओं तक के सामूहिक बलात्कार किए गए


हिंदू बच्चों के सरों से जि. हादी भीड़ ने सड़कों पर फुटबॉल खेलीअगले 72 घंटों में 6 हजार से ज्यादा हिंदुओं की हत्या कर दी गई।


कोलकाता के मेयर एसएन उस्मान ने बांटे थे बांग्ला भाषा में लिखे हुए पम्पलेट।


पम्पलेट पर लिखा था “काफेर! तोदेर धोंगशेर आर देरी नेई. सार्बिक होत्याकांडो घोतबे”


जिसका मतलब था, “काफिरों! तुम्हारा अंत अब ज्यादा दूर नहीं है. अब हत्याकांड होगा”।हजारों हिंदुओं को हुगली में फेंक दिया गया।


सैकड़ों हिंदुओं के हाथ-पैर बांधकर नाले में फेंक दिया गया, जिससे वे घुट-घुटकर मर गए।


अनगिनत लोगों के हाथ-पैर बांधकर घरों में छोड़ दिया गया और बाहर से आग लगा दी गई, जिससे वे जलकर मर गए


कोलकाता और आसपास की सड़कें हिंदुओं की लाशों से पटी पड़ी थी।हिंदू माताओं/बहनों/बेटियों के गुप्तांग गोद डाले गए


हजारों हिंदू महिलाओं के स्तन काटकर नग्न शरीर मांस की दुकानों पर लटका दिया गया


सार्वजनिक जगहों पर गौमाताओं के साथ किए गए सामूहिक बलात्कार।



कम्युनिस्ट नेता सईद अब्दुल्ला फारुकी ने जिहादी झुंड के साथ मिलकर लिछुबागान के ओड़िया मजदूरों की स्लम बस्ती पर हमला कर दिया।


गार्डन रिच टेक्सटाइल वर्कर्स यूनियन का अध्यक्ष था कम्युनिस्ट नेता सईद अब्दुल्ला फारुकी ।केसोराम कोटन मिल्स के 600 ओड़िया मजदूरों का निर्ममतापूर्वक कत्ल कर दिया गया।


पाकिस्तान बनाने के लिए जिन्ना ने भारत की स्वतंत्रता से एक वर्ष पहले हिंदुओं के जनसंहार का दिया था खुला आदेश।गोमांस की दुकानों पर हुक से लटकाए गए थे हिंदू लड़कियों के नग्न शरीर।



डायरेक्ट एक्शन डे के बाद मुस्लिम लीग के आगे झुक गई थी कांग्रेस।


 मोहम्मद अली जिन्ना को 16 अगस्त 1946 को एक्शन डे की घोषणा करनी पड़ी. इस दिन जो कुछ भी हुआ उससे इतिहास के पन्ने 'सुर्ख' हो गए. कोलकाता क्या पूरे बंगाल की सड़कें उस दिन लाल हो गईं थीं।


भारत की आजादी की दास्तां खून की स्याही से लिखी गई है. इतिहास के पन्नों में दर्ज कहानियां इसकी गवाह हैं कि ब्रिटिश हूकूमत से स्वाधीनता की लड़ाई में जितना खून बहा था. 


उससे कहीं ज्यादा खून आजादी मिलने के वक्त बहा था. इसमें अंग्रेजों की बंटवारे और फूट की राजनीति आग में घी का काम किया था.


इस सांप्रादायिक हिंसा के दौरान सैकड़ों लोग मौत के घाट उतार दिए गए थे. हजारों लोग जख्मी हुए थे और महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाओं को अंजाम दिया गया था. यह रक्तपात 22 अगस्त चलता रहा था.


अभी तक 3500 लाशों को एकत्रित किया जा चुका है, लेकिन कोई नहीं जानता कि हुगली नदी में कितने लोगों को फेंका गया है. 


कितने लोग शहर में बंद नालों में दम घुटने से मर गए. इसके अलावा 1200 के करीब भीषण आगजनी की घटनाएं हुईं. इनमें कितने लोग जिंदा जले, बता पाना मुश्किल है. कितने लोगों का उनके रिश्तेदारों ने चुपचाप अंतिम क्रिया कर्म कर दिया. 


एक सामान्य अंदाजा लगाया जाए तो मरने वालों की संख्या 4000 हजार से अधिक और जख्मी लोगों की संख्या करीब 11 हजार होगी.”


भारत के स्वतंत्रता संग्राम पर नजर रखने वाले अमेरिकी पत्रकार फिलिप टैलबॉट ने इस ‘डायरेक्ट एक्शन डे’ के बाद एक पत्र ‘इंस्टीट्यूट ऑफ करंट वर्ल्ड अफेयर्स’ को एक पत्र लिखा था. उसमें उन्होंने मरने वालों का सतही आकलन लिखा था. “ प्रांतीय सरकार ने मरने वालों का आंकड़ा 750 बताया है जबकि सैन्य आंकड़ा 7 हजार से 10 हजार के बीच का है.


इतिहास सुहरावर्दी को ही साजिशकर्ता मानता है. इस सांप्रादायिक हिंसा के दौरान सैकड़ों लोग मौत के घाट उतार दिए गए थे. 


हजारों लोग जख्मी हुए थे और महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाओं को अंजाम दिया गया था. यह रक्तपात 22 अगस्त चलता रहा था.


स्वतंत्रता प्राप्ति के ठीक एक साल पहले 16 अगस्त 1946 को भारत ने मजहबी कट्टरपंथ का रूप देखा जो दशकों तक याद रखा जाने वाला था। 


मुस्लिम लीग के नेता और पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना ने इस दिन घोषणा की थी कि 'डायरेक्ट एक्शन डे' (डायरेक्ट एक्शन डे)', जिसके बाद मुस्लिम, कोलकाता (तत्कालीन कोलकाता) में लाखों की संख्या में इकठ्ठा हुए थे और महो कुछ चार के अंदर हजारों व्यापारियों को मौत के घाट उतार दिया गया था। 


इस्लामिक कट्टरपंथी पंथियों द्वारा इस नरसंहार को अंजाम दिया गया। था।


16 अगस्त से एक दिन पहले तक किसी को पता नहीं चला कि आखिर मुस्लिम लीग का डायरेक्ट एक्शन डे क्या है? 


वैसे तो जिन्ना ने पूरे देश को डायरेक्ट एक्शन की धमकी दी थी, लेकिन बंगाल में मुस्लिम लीग का ही राज था और वहां सत्ता में प्रधानमंत्री हसन शहीद सुहरावर्दी का दबदबा था, जिनके खिलाफ बंगाल में भीषण नरसंहार की साजिश रची जाती थी। 

उसके शाह पर मुस्लिम लीग ने डायरेक्ट एक्शन के नाम पर बंगाल में अपने हिंदू विरोधी मंसूबे पूरे किए।

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