अयोध्या से अरब तक जय जय श्रीराम;अब हर कोई कह रहा ..मोदी है तो मुमकिन है!

 अयोध्या से अरब तक जय जय श्रीराम;अब हर कोई कह रहा ..मोदी है तो मुमकिन है!


पहले 500 वर्षो के बाद अयोध्या मे भगवान श्रीराम को लाये और अब अरब के अबूधाबी मे प्रभु श्रीराम को दिव्य भव्य-नव्य राममंदिर मे बैठा दिया


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अबू धाबी के पहले भव्य मंदिर का उद्घाटन कर चुके हैं, जिसे अयोध्या के राम मंदिर की तरफ भव्य बनाया गया है।

अबू धाबी का मंदिर अयोध्या के मंदिर की तरह काफी भव्य और शानदार है, जिसके लिए यूएई की सरकार ने अबू धाबी में मंदिर के लिए जमीन दान की थी। इस मंदिर का अयोध्या के राम मंदिर से भी कनेक्शन है।


यह मंदिर भले ही आज बनकर तैयार हुआ है लेकिन इस मंदिर की कल्पना 1997 में बीएपीएस संस्था के तत्कालीन प्रमुख स्वामी महाराजजी ने की थी।

इस मंदिर का निर्माण बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था यानी बीएपीएस ने करवाया है।

इस मंदिर का निर्माण करीब 27 एकड़ क्षेत्र में किया गया है और इसे अबू धाबी में 'अल वाकबा' नाम की जगह पर बनाया गया है।

मंदिर के लिए साल 2017 में अबू धाबी के प्रिंस ने भूमि उपहार में दी थी और अप्रैल 2019 में इसका शिलान्यास किया गया था। मंदिर की आधारशिला के बाद विश्व की पवित्र नदी गंगा, यमुना और सरस्वती से लाया गया जल पत्थरों पर अर्पित कर शुद्ध किया था। बताया जाता है कि इस मंदिर के निर्माण 700 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे।

मंदिर में किसी भी तरह के लोहे या स्टील का प्रयोग नहीं किया गया है और इसको मॉडर्न टेक्नोलॉजी के माध्यम से ऐसा बनाया गया है कि 1000 साल तक इसका कुछ नहीं बिगड़ेगा।

अबू धाबी के मंदिर के दोनों ओर गंगा और यमुना का पवित्र जल बह रहा है, जिससे भारत से बड़े बड़े कंटेनर से लाया गया था। जहां गंगा का जल बह रहा है, वहां पर एक घाट के आकार का एम्फीथिएटर बनाया गया है और यह देखने में वाराणसी के घाट जैसा लगता है।

मंदिर के कोने कोने में भारत का अंश देखने को मिलेगा। संगमरमर से बने इस मंदिर के स्तंभों पर भारतीय संस्कृति को दर्शाया गया है, जहां रामायण, महाभारत की भी प्रतिमा उकेरी गई हैं।

अबू धाबी के इस मंदिर का निर्माण जयपुर के पिंक सैंड स्टोन (लाल बलुआ पत्थर) से किया गया है। यह वही पत्थर है, जिसे अयोध्या के राम मंदिर में प्रयोग किया गया है। इस मंदिर को अयोध्या के मंदिर की तरह ही भव्य बनाया गया है।

मंदिर के लिए साल 2017 में अबू धाबी के प्रिंस ने भूमि उपहार में दी थी और अप्रैल 2019 में इसका शिलान्यास किया गया था।

पीएम मोदी ने कहा "अबु धाबी का यह विशाल मंदिर केवल उपासना स्थली नहीं है, यह मानवता की साझा विरासत का प्रतीक है. यह भारत और अरब के लोगों के बीच आपसी का प्रतीक है."

यूएई के दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार (14 फरवरी) को अबू धाबी में बने पहले हिंदू मंदिर का उद्धाटन किया है. इस दौरान वहां लोगों को संबोधित करते हुए है उन्होंने अयोध्या के राम मंदिर का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि पिछले महीने ही अयोध्या में भव्य राम मंदिर का सदियों पुराना सपना पूरा हुआ है.

उन्होंने कहा, "रामलला अपने भवन में विराजमान हुए हैं. पूरा भारत और हर भारतीय उस प्रेम में उस भाव में अभी तक डूबा हुआ है. अयोध्या के हमारे उस परम आनंद को आज अबू धाबी में मिली खुशी की लहर ने और बढ़ा दिया है. ये मेरा सौभाग्य है कि मैं पहले अयोध्या में भव्य श्री राम मंदिर और फिर अब अबु धाबी में इस मंदिर का साक्षी बना हूं."

मंदिर उद्धघाटन के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "अबु धाबी का यह विशाल मंदिर केवल उपासना स्थली नहीं है, यह मानवती की साझा विरासत का प्रतीक है. यह भारत और अरब के लोगों के बीच आपसी का प्रतीक है. इसमें भारत और यूएई के रिश्तों का एक आध्यात्मिक प्रतिबिंब भी है."

इस दौरान उन्होंने कहा, "ये समय भारत के अमृतकाल का समय है, ये हमारी आस्था और संस्कृति के लिए भी अमृतकाल का समय है. परमात्मा ने मुझे जितना समय दिया है, उसका हर एक पल और परमात्मा ने जो शरीर दिया है, उसका कण-कण सिर्फ और सिर्फ मां भारती के लिए है. 140 करोड़ देशवासी मेरे आराध्य देव हैं."

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