मोदी सरकार ने भारत रत्न देकर सही मायने मे किया किसान, जवान और वैज्ञानिको का सम्मान

 मोदी सरकार ने भारत रत्न देकर सही मायने मे किया किसान, जवान और वैज्ञानिको का सम्मान


कांग्रेस सरकार तो तुतहरी बजाने वाले ,जिहादियो और आतंकवादियो को देती थी भारत रत्न


मोदी और राम मंदिर की लहर तो चल ही रही है, लेकिन सीटों का टारगेट छूकर नए रिकॉर्ड बनाना भी किसी चुनौती से कम नहीं है.


राम मंदिर उद्घाटन के बाद से ही बीजेपी लगातार मास्टर स्ट्रोक खेल रही है और विपक्षी खेमे को नैरेटिव की लड़ाई में हराने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है. इन प्रयासों में काफी हद तक सफल भी दिख रही है.


केंद्र की मोदी सरकार ने 17 दिन के भीतर पांच शख्सियतों को भारत रत्न दिए जाने का ऐलान किया है. शुक्रवार को खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीटर पर सिलसिलेवार तीन पोस्ट किए. पीएम मोदी ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और पूर्व पीएम नरसिम्हा राव को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा. इसके साथ ही महान वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भी मरणोपरांत भारत रत्न दिए जाने का ऐलान किया.


*कर्पूरी ठाकुर*

बिहार में पूर्व सीएम दिवंगत कर्पूरी ठाकुर को बड़ा समाजवादी चेहरा माना जाता है. ठाकुर को जननायक के रूप में भी पहचान मिली है. वे बिहार में आज भी अपनी सरलता और सादगी के लिए जाने जाते हैं. जदयू प्रमुख नीतीश कुमार लंबे समय से कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने की मांग उठा रहे थे. बीजेपी ने कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती से एक दिन पहले उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न देने की घोषणा करके इंडिया ब्लॉक में भी तोड़फोड़ कर दी है और इस विपक्षी गठबंधन के सूत्रधार जदयू प्रमुख नीतीश कुमार को वापस अपने पाले (NDA) में कर लिया. इतना ही नहीं, कर्पूरी ठाकुर के जरिए बीजेपी ने चुनावी जीत का ताना-बाना भी बुन लिया. बिहार में ओबीसी का बड़ा वर्ग कर्पूरी ठाकुर को अपना आदर्श मानता है.


*लालकृष्ण आडवाणी*

राम मंदिर उद्घाटन के 10 दिन बाद ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया कि पूर्व डिप्टी पीएम लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा. मोदी ने आडवाणी के कामों को याद किया और देश के विकास में उनके योगदान को अविस्मरणीय बताया. आडवाणी को भारत रत्न देकर मोदी सरकार ने अपने संगठन को भी मैसेज दिया और यह बताया कि बीजेपी में हर किसी के सम्मान का ख्याल रखा जाता है. आडवाणी से पहले अटल बिहारी वाजपेयी को भी भारत रत्न दिया गया था.


*एमएस स्वामीनाथन*


तमिलनाडु के चेन्नई में जन्मे हरित क्रांति के जनक डॉ. एमएस स्वामीनाथन ऐसी शख्सियत हैं, जिनका देश में आज भी पूरा वैज्ञानिक समुदाय सम्मान करता है. वे तमिलनाडु की शान माने जाते हैं और लोगों की उनसे भावनाएं जुड़ी हैं.

महान वैज्ञानिक डॉ. एमएस स्वामीनाथन को भी मोदी सरकार ने भारत रत्न देने का ऐलान किया है. डॉ. स्वामीनाथन को देश में हरित क्रांति लाने का जनक माना जाता है. इसका जिक्र खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है. दरअसल, जब देश आजाद हुआ, तब भूख और अकाल जैसे हालात थे. अंग्रेज देश को खोखला छोड़ गए थे. 1960 के दशक के मध्य में देश भयंकर सूखे से त्रस्त हो गया था. ना खाने को अनाज था, ना पीने के लिए ठीक से पानी. सिंचाई के लिए व्यवस्था दूर की कौड़ी थी. ऐसे में हमारा देश अनाज के लिए दूसरे मुल्कों पर निर्भर हो गया था. पश्चिम बंगाल में भीषण अकाल पड़ने से लाखों लोग मारे गए. देश में खाद्यान्न संकट बढ़ता जा रहा था. उस समय गांधीवादी वैज्ञानिक डॉ. एमएस स्वामीनाथन ने धान की ज्यादा उपज देने वाली किस्में विकसित कीं. इससे कम आय वाले किसानों के घर खुशियां आ गईं और ज्यादा पैदावार करने का एक जरिया मिल गया. देश में वही हरित क्रांति थी. उसके बाद देश के किसानों ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.


*पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव*


पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव को भी भारत रत्न दिए जाने की घोषणा की गई है. पीएम मोदी ने नरसिम्हा राव को देश की समृद्धि और विकास के लिए एक ठोस नींव रखने वाला नेता बताया है.

पीवी नरसिम्हा आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और कई वर्षों तक संसद और विधानसभा के सदस्य के रूप में भी रहे हैं. उन्हें 1991 में देश को आर्थिक संकट से निकालने का श्रेय भी दिया जाता है.

राव को 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस के लिए भी अपनी ही पार्टी में आलोचना का सामना करना पड़ा था.


 *पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह* को भी भारत रत्न दिए जाने का ऐलान हुआ है. चौधरी चरण सिंह को किसानों का मसीहा कहा जाता है. पश्चिमी यूपी में जाट और किसानों के बीच चौधरी साहब की लोकप्रियता किसी से छिपी नहीं है. चौधरी चरण सिंह की विरासत को पहले उनके बेटे चौधरी अजित सिंह ने आगे बढ़ाया. अब अजित सिंह के बेटे जयंत चौधरी सियासी विरासत को आगे ले जा रहे हैं.


शुक्रवार को जब चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा हुई तो सबसे पहले जयंत चौधरी ने पीएम मोदी के पोस्ट को रीट्वीट किया और लिखा- दिल जीत लिया. उसके बाद अलायंस को लेकर कहा कि अब किस मुंह से मना कर सकते हैं.

जाटों के सबसे बड़े नेता चौधरी चरण सिंह 2 बार यूपी के सीएम, केंद्र में मंत्री, उप प्रधानमंत्री और फिर देश के पांचवें प्रधानमंत्री के पद तक पहुंच गए थे. वैसे तो जाट समुदाय की आबादी पंजाब, हरियाणा, राजस्थान समेत कई राज्यों में प्रभावी है, लेकिन खासकर यूपी के पश्चिमी जिलों में स्थिति बेहद मजबूत है. यूपी में जाट प्रभाव वाले जिलों में मेरठ, मथुरा, अलीगढ़, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर, आगरा, बिजनौर, मुरादाबाद, सहारनपुर, बरेली और बदायूं का नाम शामिल है.

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