सीएमओ सभागार में “मीडिया संवेदीकरण कार्यशाला” का मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशु पांडेय ने किया आयोजन

सीएमओ सभागार में “मीडिया संवेदीकरण कार्यशाला” का मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशु पांडेय ने किया आयोजन


स्वास्थ्य संबंधित किसी भी राष्ट्रीय कार्यक्रम को सफल बनाने में मीडिया की अहम भूमिका –सीएमओ



 प्रयागराज :आज गुरुवार को सीएमओ आफिस के सभागार में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशु पांडेय ने प्रेस कांफ्रेंस की। उन्होंने इस अभियान के बारे में जानकारी दी। यह अभियान 28 फरवरी तक चलेगा।


राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जनपद के 13 निर्धारित ब्लॉक में 10 फरवरी से 28 फरवरी तक ट्रिपल ड्रग थेरेपी (आई॰डी॰ए॰) अभियान चलाया जाएगा। 

अभियान को जनांदोलन बनाने के उद्देश्य से गुरुवार को सीएमओ सभागार में मीडिया संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशु पांडे ने फाइलेरिया उन्मूलन में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका बतायी।

 उन्होने कहा कि “फाइलेरिया या स्वास्थ्य संबंधित किसी भी कार्यक्रम को सफल बनाने में मीडिया की अहम भूमिका होती है।


मीडिया से वार्ता में उन्होने कहा कि “फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होने वाली एक गंभीर संक्रामक बीमारी है, जिसे हाथी पांव भी कहा जाता है। 

यह दुनिया में दूसरे नंबर की ऐसी बीमारी है जो बड़े पैमाने पर लोगों को विकलांग बना रही है। यह जान तो नहीं लेती है, लेकिन जिंदा आदमी को मृत के समान बना देती है। 

इस बीमारी से बचना है तो दवा ही एक मात्र विकल्प है। इसलिए फाइलेरिया की गंभीरता को मीडिया के माध्यम से जन-समुदाय में अधिक से अधिक प्रचारित किया जाए.


फाइलेरिया से लड़ाई सभी 13 ब्लॉक में रह रहे लोगों को संगठित होकर लड़नी होगी। इसके लिए क्षेत्र के लोगों से यह अपील है की वह अपने क्षेत्र में आशा कार्यकर्ता का सहयोग करें।

 अभियान के दौरान जब वह आपके घर आएँ तो हर घर का मुखिया फाइलेरिया की दवा खुद भी खाए और अपने परिवार को दवा खाने के लिए प्रेरित करें।

कार्यक्रम का संचालन कर रहे जिला मलेरिया अधिकारी आनंद सिंह ने बताया कि ष्जनपद के 8 ब्लॉक शहरी (आबादी 30 लाख) फाइलेरिया उन्मूलन की ओर अग्रसर हैं।


आनंद सिंह ने बताया कि “अभियान को सफल बनाने के लिए जिला अधिकारी की निगरानी में जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक व टास्क फोर्स की बैठक सम्पन्न हो चुकी है।


पाथ के डॉक्टर शाश्वत त्रिपाठी ने बताया कि ष्फाइलेरिया रोधी दवाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं। इन दवाओं का कोई विपरीत प्रभाव नहीं है, फिर भी किसी को दवा खाने के बाद उल्टी, चक्कर, खुजली या जी मिचलाने जैसे लक्षण होते हैं तो यह इस बात का प्रतीक है की उस व्यक्ति के शरीर में फाइलेरिया के परजीवी मौजूद हैं।

 ऐसे किसी भी लक्षण से घबराएं नहीं क्योंकि यह लक्षण कुछ समय के बाद स्वतः ठीक हो जाते हैं।

फाइलेरिया रोधी दवा खिलाने के लिए 6088 ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर (आशा,आंगनबाड़ी कार्यकत्री, स्वयं सेवी समूह) व 609 पर्यवेक्षक (एएनएम, एलएचवी,बीएचडबल्यू, बीपीएम, आशा संगिनी) को लगाया गया है। 

लक्षित आबादी के अनुसार शासन से आइवेर्मेक्टिन 95,52000 टैबलेट , डीईसी 95,25000 टैबलेट व एल्बेण्डाजोल की 38,00000 टैबलेट हमें प्राप्त हुई है जिसे सभी ब्लॉक को भेजा जा चुका है।


मीडिया संवेदीकरण कार्यशाला में डिप्टी सीएमओ रावेन्द्र सिंह, एसीएमओ तरुण पाठक, एसीएमओ आरसी पाण्डेय, डॉक्टर आरके श्रीवास्तव, डीसीपीएम अशफाक अहमद एवं अभियान में सहयोग कर रही संस्था पाथ, पीसीआई, सीफार के जिला प्रतिनिधि व जिला मलेरिया विभाग के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

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