केरल मॉडल' मुस्लिम हो गए6 से 26% हिंदुओं की आबादी घटकर 66 से हो गई 54..खतरे का आगज

 केरल मॉडल' मुस्लिम हो गए6 से 26% हिंदुओं की आबादी घटकर 66 से हो गई 54..खतरे का आगज


इंदिरा गाँधी ने जनसंख्या  नियंत्रण के नाम पर मात्र हिन्दुओ को टार्गेट किया जिसके परिणाम स्वरूप 1981 के बाद हिन्दुओं की जनसंख्या घटती जा रही है, जबकि बाकी वर्ग की जनसंख्या हिन्दुओं के अनुपात में तेजी से बढ़ रही है।


हमारे देश में 28 राज्य हैं, जिसमें से 8 राज्यों में हिन्दू अल्पसंख्यक हो गया हैं।


सिर्फ केरल ही नहीं, पश्चिम बंगाल में भी हिन्दुओं की जनसंख्या घटती जा रही है। 


ऐसे समय में यह जानना अतिमहत्वपूर्ण है कि इस जनसंख्या वृद्धि में हिन्दुओं की संख्या का कितना अनुपात है।

बढ़ती हुई जनसंख्या निश्चित रूप से देश की प्रगति में बहुत बड़ी समस्या है और इसका सीधा असर आर्थिक और सामाजिक रूप से दिखता है।

हिन्दुओं की जनसंख्या वृद्धि की दर 2011 के डेटा के हिसाब से 16.08% थी जबकि मुस्लिम जनसंख्या की वृद्धि दर 24.6% थी। हिन्दुओं की जनसंख्या वृद्धि दर पिछले चार दशकों से घट रही है। यह वृद्धि दर 1981 में 24.1%, 1991 में 22.7%, 2001 में 19.9% तथा 2011 में 16.8% है। देश में हिन्दू की जनसंख्या, देश की कुल आबादी का 80% भी नहीं रह गई है ।


एक आँकड़ा 2011 और 2001 का भी है। इन 10 सालों में केरल में हिंदुओं और ईसाइयों की जनसंख्या के मुकाबले मुस्लिम आबादी 10% ज्यादा बढ़ी थी। सिर्फ केरल ही नहीं, पश्चिम बंगाल में भी हिन्दुओं की जनसंख्या घटती जा रही है, जो चिंता का विषय है।


2011 की जनगणना के अनुसार केरल की बात करें तो हम पाएँगे कि हिन्दू की आबादी वहाँ सिर्फ 54.72% है, जबकि 1911 (तब त्रावणकोर राज्य) के डाटा के हिसाब से यह 66.57% थी। 1911 के उसी केरल में मुस्लिम आबादी थी मात्र 6.61%, और 2011 में कितनी थी? 26.56% मुस्लिम थे केरल में जनगणना 2011 के अनुसार।


जब इंदिरा गाँधी ने जनसंख्या को नियंत्रण करने के लिए नसबंदी जैसे सख्त फैसले किए। यह फैसला इंदिरा सरकार ने लिया था, पर इसे लागू करने की जिम्मेदारी उनके छोटे बेटे संजय गाँधी को दी गई थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक 60 लाख से ज्यादा लोगो की नसबंदी कर दी गई। 

अगर हम इस मुद्दे पर प्रकाश डालें तो पाएँगे कि मीडिया में ऐसा कोई भी डेटा प्रकाशित नहीं हुआ, जो यह बता सके कि 60 लाख लोगों में से किस धर्म के कितने लोग थे, जिनकी नसबंदी हुई।


जनसंख्या वृद्धि को ध्यान में रख कर 1971 और 1981 के डेटा का अनुपात देखें तो पाएँगे कि 1981 के बाद हिन्दुओं की जनसंख्या घटती जा रही है।

जबकि बाकी वर्ग की जनसंख्या हिन्दुओं के अनुपात में तेजी से बढ़ रही है। अगर सभी धर्म-मजहब के लोगों की नसबंदी जनसंख्या के आधार पर समानुपातिक किया गया होता तो क्या कारण है कि सिर्फ हिंदुओं की जनसंख्या घटी, जबकि बाकियों की बढ़ी?

 इंदिरा गाँधी की सरकार को जनसंख्या नियंत्रण करने के लिए वर्ल्ड बैंक, स्वीडिश अंतरराष्ट्रीय विकास प्राधिकरण और संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष से 10 मिलियन डॉलर की आर्थिक मदद मिली थी।


इस पूरे प्रकरण से अगर हम दो साल पीछे 1973 में देखें तो हम पाएँगे कि इंदिरा गाँधी ने वर्ष 1973 में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, जो एक गैर सरकारी मुस्लिम संगठन है, का गठन किया। 

इसके लिए देश के हिन्दुओं के साथ-साथ सीधे तौर पर संविधान को भी दर किनार किया गया। यहाँ, यह जानना अति आवश्यक है कि यह वही मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड है, जो राम मंदिर जन्मभूमि विवाद में न्यायालय में राम मंदिर के विरुद्ध पार्टी था। 

क्या यह सब महज एक संयोग है या फिर हिन्दुओं के विरुद्ध किसी सोची समझी साजिश का हिस्सा?


क्या हिन्दू की आवाज़ उठाने वाला कोई नहीं है? ये कौन लोग हैं, जो हिन्दुओं या यूँ कहें की जो सनातन धर्म के अनुयायियों को मिटाने पर तूले हैं? 

राम मंदिर आंदोलन के समय लाखों कारसेवकों पर अंधाधुँध गोली चलाने वाले कौन थे? सनातन धर्म के विरोधी ये कौन लोग हैं, जो हिन्दू को हिन्दू के विरुद्ध भड़काना चाहते हैं?


हिन्दुओं में आपस में फुट डालकर राजनीति करने की आदत देश विरोधी ताकतों की बहुत पुरानी है। परन्तु अब समय आ गया है कि हिन्दुओं को संगठित होकर, ब्राह्मण और दलित की राजनीति से ऊपर उठकर अपने असली दुश्मनों के विरुद्ध रण के लिए तैयार होना होगा।

आज देश पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व मे चतुर्दिक विकास हो रहा है।एक समय था जब कांग्रेस सरकार मे आतंकवाद,नक्सलवाद जिहादवाद तथा भ्रष्टाचार चरम पर था आज आतंकवादी सीमा पर ही जहन्नुम पहुंच जा रहे है ।

भ्रष्टाचार पर प्रहार से INDI GANG बौखलाया हुआ है ।देश बचाने के लिए हमे जातिवाद से ऊपर उठकर राष्ट्रवाद के डोर मे बंधकर एक साथ देश विरोधी ताकतो को शिकस्त देनी होगी ।

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