देश के राष्ट्रपति को एक क्लर्क की तरह समझने वाले आज राष्ट्रपति के सम्मान पर ज्ञान बाट रहे है

 देश के राष्ट्रपति को एक क्लर्क की तरह समझने वाले आज राष्ट्रपति के सम्मान पर ज्ञान बाट रहे है


यह इंदिरा गांधी का ऑफिस है  और इंदिरा गांधी से मिलने राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह आए हुए हैं .


जी हां आज यह जो कांग्रेसी (INDI GANG) राष्ट्रपति के सम्मान की बात करते हैं.

 आप यह जानकर चौक जाएंगे  कि इंदिरा गांधी कभी राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह से मिलने नहीं जाती थी .

जब भी उन्हें किसी फाइल पर दस्तखत करवाने होते थे वह ज्ञानी जैल सिंह को अपने ऑफिस में बुला लेती थी.


ज्ञानी जैल सिंह देश के सातवें राष्ट्रपति बने थे। लेकिन इससे पहले वो विधायक, मंत्री, सांसद, मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री भी रहे। ज्ञानी जैल सिंह का सियासी सफर बेहद दिलचस्प है।


पंजाब को लेकर इंदिरा और ज़ैल सिंह में बढ़े मतभेद

जैसे-जैसे पंजाब में अशांति बढ़ी इंदिरा गांधी और ज़ैल सिंह के बीच संबंधों में ठंडापन आना शुरू हो गया. इस मुद्दे पर न तो उनसे कोई राय ली गई और न ही उनके विचारों को कोई तवज्जो दी गई.


जानेमाने पत्रकार वीर सांघवी अपनी आत्मकथा 'अ रूड लाइफ़' में लिखते हैं, "राजीव गांधी के आसपास रहने वाले लोग अब तक इंदिरा गांधी को ये समझाने में कामयाब हो गए थे कि ज्ञानीजी पंजाब समस्या का एक हिस्सा हैं न कि समाधान.""

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