कांग्रेसी पीएम मौनमोहन सिंह ने कहा था UPA सरकार गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न देने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू नहीं कर सकती

कांग्रेसी पीएम मौनमोहन सिंह ने कहा था UPA सरकार गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न देने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू नहीं कर सकती...मोदी सरकार के फ्री राशन स्कीम का विरोध करते थे और आज ...10kg का लॉलीपॉप!


सुप्रीम कोर्ट ने काग्रेस की मनमोहन सिंह सरकार को कहा था कि आप गरीबों को कम से कम 2 किलो मुफ्त खाद्यान्न दीजिए ।


6 सितंबर 2010 को, मनमोहन सिंह ने कहा था UPA सरकार गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न देने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू नहीं कर सकती ।


क्योंकि देश में गरीबों की बहुत संख्या है और इतना अनाज मुफ़्त में दे पाना संभव नहीं है 


हालांकि नरेंद्र मोदी जी पिछले कई वर्षों से 5 किलो राशन हर गरीब परिवार को मुफ्त में दे रहे हैं क्योंकि मोदी सरकार में भ्रष्टाचार नहीं हो रहा है।यही काग्रेसी (INDI GANG) 80 करोड़ परिवार को मिल रहे मुफ्त राशन स्कीम का विरोध करते रहे है ।


आज कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे मुफ्त राशन देने का फर्जी वादा कर रहे हैं।


 जबकि UPA के PM कांग्रेस के इस विचार को पहले ही खारिज कर चुके हैं।


उस समय गोदामों के बाहर रखकर खाद्यान्न सड़ाया जाता था और फिर शराब कंपनीयों को बेच दिया जाता था ।

तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सड़ने से बेहतर है गरीब को मुफ्त बांट दिया जाए कोर्ट के आदेश के बावजूद मुफ्त वितरण के बजाय शराब कंपनियों को बेच दिया गया।


भारतीय जनता पार्टी ने बुधवार को कांग्रेस पर लोकसभा चुनाव जीतने के लिए 'झूठे वादे' करने का आरोप लगाया. 

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा 'इंडिया' गठबंधन के सत्ता में आने पर मौजूदा सरकार की ओर से दी जा रही पांच किलोग्राम अनाज की जगह 10 किलोग्राम अनाज देने की घोषणा के बाद भाजपा ने कांग्रेस पर हमला बोला.


खड़गे पर निशाना साधते हुए मेघवाल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में सत्ता में आने पर इन राज्यों के लोगों से किए गए वादों को पूरा नहीं किया.


मेघवाल ने कहा, 'मैं राजस्थान से आता हूं. उन्होंने किसानों के कर्ज माफ करने का झूठा वादा किया. हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में भी उन्होंने झूठे वादे किए.' 

उन्होंने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट ने मनमोहन सिंह सरकार से एफसीआई के गोदामों में सड़ रहे खाद्यान्न को गरीबों में बांटने को कहा था. 

खड़गे उस समय मंत्री भी थे. तब आपने (कांग्रेस सरकार) कहा कि हमें निर्देश देने वाला उच्चतम न्यायालय कौन होता है.'


अब खुशियों की फर्जी गारंटी के कैलेंडर छपवाकर बांट रहे है।

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