इंडियन आर्मी के नए चीफ लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी का अनुभव आयेगा देश के काम ;कैसे पहुंचे ..जाने !

 इंडियन आर्मी के नए चीफ लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी का अनुभव आयेगा देश के काम ;कैसे पहुंचे ..जाने !


जनरल द्विवेदी 30 जून, 2024 को अपना नया पदभार संभालेंगे


इंडियन आर्मी के नए चीफ लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी रीवा जिले के रहने वाले हैं।

उनका जन्म एक जुलाई 1964 को हुआ था। उन्होंने रीवा सैनिक स्कूल में 1973 से 1980 तक पढ़ाई की। स्नातक के बाद 15 दिसंबर 1984 को उनका सेना में कमीशन हो गया।

 उन्होंने रीवा सैनिक स्कूल से पढ़ाई की है। उनके बड़े भाई अभी भी रीवा में रहते हैं। तीन भाइयों में लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी सबसे छोटे हैं।


नए आर्मी चीफ लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी का पैतृक गांव रीवा जिले के गढ़ थाना क्षेत्र अंतर्गत मुड़िला है। शुरुआती दिनों में इनके माता-पिता यही रहते थे।


लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी के पिता श्रीकृष्ण द्विवेदी माइनिंग अफसर और मां मानवती गृहिणी थीं।


वह 2022-24 तक इन्फेंट्री और जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ भी रहे हैं। देश के लिए कई चुनौतीपूर्ण माहौल में काम कर चुके हैं। नौसेना के अध्यक्ष दिनेश कुमार त्रिपाठी भी रीवा सैनिक स्कूल के छात्र हैं।


उनकी इस उपलब्धि पर पूरे मध्य प्रदेश और विंध्य क्षेत्र को गर्व है। डेप्युटी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने भी एक्स पर खुशी का इजहार किया है। राजेंद्र शुक्ल भी विंध्य इलाके से आते हैं।


वर्तमान में उप सेनाध्यक्ष के पद पर कार्यरत लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी 30 जून, 2024 को अपना नया पदभार संभालेंगे और जनरल मनोज पांडे का स्थान लेंगे, जो सेवानिवृत्त होने वाले हैं. सेना के उप प्रमुख का पदभार ग्रहण करने से पहले वह 2022 से 2024 तक उधमपुर स्थित उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी-इन-सी) थे. 


वह चीन के साथ विवादित सीमा मुद्दे को सुलझाने के लिए चल रही बातचीत में सक्रिय रूप से शामिल थे. लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी को यू.एस. आर्मी वॉर कॉलेज, कार्लिस्ले, यू.एस.ए. में नेशनल डिफेंस कॉलेज के समकक्ष पाठ्यक्रम में ‘विशिष्ट फेलो’ से सम्मानित किया गया. उनके पास रक्षा और प्रबंधन अध्ययन में एम.फिल. के अलावा सामरिक अध्ययन और सैन्य विज्ञान में दो मास्टर डिग्री हैं. 


जनरल ऑफिसर को उत्तरी और पश्चिमी दोनों थिएटरों के संतुलित अनुभव का अनूठा गौरव प्राप्त है.


उत्तरी सेना कमांडर के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने जम्मू-कश्मीर में गतिशील आतंकवाद विरोधी अभियानों को संचालित करने के अलावा, उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर निरंतर अभियानों की योजना बनाने और उन्हें क्रियान्वित करने के लिए रणनीतिक मार्गदर्शन और परिचालन निगरानी प्रदान की. 


रक्षा मंत्रालय ने इस बारे में जारी एक बयान में कहा, ‘सरकार ने वर्तमान सेना उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी को अगला सेना प्रमुख बनाने का फैसला लिया है। उनकी नियुक्ति 30 जून से प्रभावी होगी। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी परम विशिष्ट सेवा मेडल और अतिविशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित हैं। द्विवेदी के बाद सबसे वरिष्ठ सैन्य अधिकारी लेफ्टि.जनरल अजय कुमार सिंह हैं जो दक्षिणी सैन्य कमान के कमांडर हैं।


सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडेय का कार्यकाल 31 मई को ही समाप्त हो गया था लेकिन दुर्लभ मामले में चुनावी प्रक्रिया के दौरान उनके कार्यकाल को एक महीने का विस्तार दिया गया था। रक्षा मंत्रालय का कहना था कि आर्मी रूल्स, 1954 के नियम 16 ए (4) के तहत ये सेवा विस्तार दिया गया। इससे पहले पहले इंदिरा गांधी की सरकार में 1970 के दशक में तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल जीजी बेवूर के कार्यकाल को एक साल का विस्तार दिया था।


तीनों सेनाओं के प्रमुख 62 वर्ष की आयु तक या तीन सालों तक, जो भी पहले हो, सेवा कर सकते हैं। हालांकि लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 साल है जब तक कि अधिकारी को ‘फोर स्टार रैंक’ नहीं मिलती है।

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