जब 1000 से अधिक नक्सलियों ने घात लगाकर 150 जवानों को घेर लिया;बड़े नक्सली हमले ...

जब 1000 से अधिक नक्सलियों ने घात लगाकर 150 जवानों को घेर लिया;बड़े नक्सली हमले ...


छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में बुधवार 26 अप्रैल को बड़े नक्सली हमले में 10 जवान शहीद हो गए. इस हमले में ड्राइवर की भी जान चले गई. नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट किया था, ये बम धमाका इतना तेज था कि आसपास के इलाकों में भी इसकी गुंज सुनाई दी थी 

।देश के 11 राज्‍यों छत्तीसगढ़, महाराष्‍ट्र, मध्‍य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा, तेलंगाना, उत्‍तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के 90 जिलों में नक्‍सलियों का 'रेड कॉरिडोर' फैला हुआ है। इन जिलों में इससे पहले भी कई बार नक्सलियों ने सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाया है


आपको बता दें कि ये पहली बार नहीं है, जब नक्सली हमले में जवानों ने अपनी जान गंवाई है. 


25 मई 2013 ;बड़े कद्दावर कांग्रेसी नेताओं की जान चली गई.

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले की दरभा घाटी में चल रही कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर नक्सलियों ने हमला किया था. इस हमले में कई पुलिसकर्मी और राज्य के बड़े कद्दावर कांग्रेसी नेताओं की जान चल गई. जिसमें पूर्व मंत्री नंद कुमार पटेल, वरिष्ठ नेता महेंद्र कर्मा और विद्याचरण शुक्ल सहित कुल 32 लोगों की मौत हुई थी. जबकि 30 से ज्यादा घायल हुए थे.


4 अप्रैल 2021,हमले में 22 जवान शहीद हुए थे

करीब एक साल बाद 4 अप्रैल 2021 को एक बार फिर बड़ा नक्सली हमला होता है. छत्तीसगढ़ के बीजापुर और सुकमा जिले की सीमा पर हुए इस नक्सली हमले में 22 जवान शहीद हुए थे.


9 अप्रैल 2019,बीजेपी विधायक भीमा मंडावी की कार पर हमला

दंतेवाड़ा में 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले नक्सलियों ने चुनाव प्रचार के लिए जा रहे बीजेपी विधायक भीमा मंडावी की कार पर हमला किया था. इस हमले में विधायत समेत 4 सुरक्षाकर्मियों ने अपना बलिदान दिया था. 



21 मार्च 2020 ,इस हमले में 17 जवानों ने अपनी शहादत दी

नक्सलियों ने सुकमा में योजना बना के एक बार फिर बड़ा हमला किया. 21 मार्च 2020 को हुए इस हमले में 17 जवानों ने अपनी शहादत दी. यह हमला तब हुआ जब उस वक्त चिंतागुफा इलाके में सर्चिंग अभियान चल रहा था.


13 मार्च 2018 ;9 जवानों ने अपनी शहादत दी थी. जबकि 25 जवान घायल

सुकमा जिले के किस्टाराम क्षेत्र में 13 मार्च 2018 को नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट किया था. जिसमें सीरपीएफ के 9 जवानों ने अपनी शहादत दी थी. जबकि 25 जवान घायल हुए थे.


17 मई 2010;नक्सलियों ने बारुदी सुरंग लगा कर हमला किया

 एक यात्री बस से दंतेवाड़ा से सुकमा जा रहे सुरक्षाबलों के जवानों पर नक्सलियों ने बारुदी सुरंग लगा कर हमला किया था. जिसमें 12 विशेष पुलिस अधिकारी समेत 36 लोग मारे गए थे.


6 अप्रैल 2010 1000 से अधिक नक्सलियों ने घात लगाकर 150 जवानों को घेर लिया था.

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के घने जंगलों में 6  अप्रैल 2019 को नक्सलियों ने घात लगाकर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवानों पर हमला कर दिया. इस हमले में 75 जवान और राज्य पुलिस के एक जवान की मौत हो गई. लगभग 1000 से अधिक नक्सलियों ने घात लगाकर 150 जवानों को घेर लिया था. इस हमले को अब तक का सबसे बड़ा और बुरा नक्सली हमला माना जाता है. 


केंद्र और राज्‍य सरकारों के प्रयासों की वजह से पिछले सात सालों में देशभर में जवानों की शहादत में काफी कमी आई है लेकिन अभी भी दंतेवाड़ा और गढ़चिरौली दो ऐसी जगहें हैं जो नक्‍सलियों का गढ़ बनी हुई हैं।

पश्चिम बंगाल के नक्सलबाड़ी से शुरू हुआ नक्‍सलवाद अब देश के 11 राज्‍यों के 90 जिलों में फैल गया है।

पिछले 10 साल में अब तक 1150 सुरक्षाकर्मी नक्‍सल विरोधी अभियान में शहीद हो गए हैं और 1300 से ज्‍यादा घायल हुए हैं।

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