माफिया अतीक के कसाई घर मे चारो तरफ खून ही खून,जांच मे जुटी टीमे

माफिया अतीक के कसाई घर मे चारो तरफ खून ही खून,जांच मे जुटी टीमे

प्रयागराज में अतीक अहमद के चकिया स्थित दफ्तर में खून के निशान, खून से सना चाकू और खून के धब्बों वाला सफेद रंग का दुपट्टा मिलने से हड़ंकप मच गया है.

अतीक अहमद के दफ्तर पहुंचे पुलिस अधिकारी ने बताया कि "यहां पर जगह-जगह लाल धब्बे के निशान मिले हैं. जो खून की तरह ही दिखाई दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया ये कहा जा सकता है कि ये खून ही है. हालांकि ये खून किसका है या कैसा खून है इसके बारे में अभी कहना मुश्किल है. ये बात जांच के बाद ही पता चलेगी की ये खून किसी इंसान का है या फिर जानवर का है." 

उन्होंने कहा कि बिना जांच के फिलहाल कुछ भी कहना मुश्किल है. हालांकि इस दौरान उन्होंने किसी के अतीक के दफ्तर में आने की बात को भी नहीं नकारा. उन्होंने कहा कि ये दफ्तर तीनों तरफ से खुला हुआ, ऐसे में यहां पर कोई भी आ जा सकता है."

इस दफ्तर के आसपास लगे सभी सीसीटीवी कैमरों की जांच की जाएगी. उन्होंने कहा कि अगले दो घंटों में इस मामले में और ज्यादा स्थिति साफ हो सकेगी.ये खून के निशान अतीक के दफ्तर में ग्राउंड फ्लोर से सीढ़ियों पर होते हुए ऊपर तक बिखरे हैं. जिसके बाद इस दफ्तर में किसी अनहोनी के होने की आशंका जताई जा रही है.

अतीक-अशरफ हत्याकांड के 9वें दिन सोमवार को एक बार फिर माफिया का चकिया कार्यालय सुर्खियों में आ गया। बुलडोजर से ढहाए गए इस कार्यालय के भीतर फर्श और दीवारों पर जगह-जगह खून, सीढ़ी और रेलिंग पर खून के धब्बे, एक चाकू और खून लगे कपड़े मिलने से सनसनी फैल गई।इसके बाद तरह तरह की चर्चा होने लगी। यह भी चर्चा शुरू हो गई कि कहीं वहां शाइस्ता तो नहीं पहुंची थी। कहीं शाइस्ता ने ही कार्यालय में आत्महत्या करने की कोशिश तो नहीं की। क्या नस काटने से शाइस्ता जख्मी हुई है। इसी चर्चा के बाद आसपास के लोग भी वहां पहुंचने लगे।फोरेंसिक टीम ने खून का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा है। जांच रिपोर्ट से पता चलेगा कि खून इंसान का है या फिर जानवर का। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि चकिया की तरफ जाने वाले रास्ते में कार्यालय के गेट से घुसते ही एक कोने में खून जमीन पर में फैला था। जबकि पास में ही सब्जी काटने वाला एक चाकू पड़ा हुआ था।

पुलिस अफसरों ने शुरुआत में किसी जानवर के मारने की बात कही। ऐसा लग रहा था कि किचन में खाना बनाया गया है। अटकलें लगाई गईं कि रात में वहां पर मुर्गा काटकर बिरयानी बनाई गई होगी, लेकिन इसका कोई प्रमाण नहीं मिला। चर्चा शुरू हो गई कि अगर बकरा काटा गया होता तो वहां पर खून के निशान और ज्यादा होते। अगर मुर्गा होता तो कम से उसके कुछ पंख तो जरूर मिले होते। जबकि वहां पर किसी जानवर के होने का कोई प्रमाण नहीं मिला। इसलिए बाद में पुलिस अफसरों ने कहा कि फोरेंसिक रिपोर्ट के बाद ही स्पष्ट होगा कि खून किसका है।

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