अतीक-अशरफ के पूर्व मे भी सुरक्षा के बावजूद यूपी/ बिहार.. में कैदियों की होती रही है हत्याए

 अतीक-अशरफ के पूर्व मे भी सुरक्षा के बावजूद यूपी/ बिहार.. में कैदियों की होती रही है हत्याए

आइए, जानते हैं बिहार की ऐसी कुछ घटनाओं के बारे में।

अतीक-अशरफ के मसले पर बयान देते समय नीतीश और अखिलेश यादव शायद यह भूल गए कि उनके राज्य में और उनके ही शासन काल में अपराधियों की पुलिस अभिरक्षा में कैसे हत्याए होती रही है। 

*सहरसा में पेशी के दौरान कैदी की हुई थी हत्या*

28 मार्च 23 : सहरसा (बिहार)में एक कैदी को कोर्ट में पेशी के लिए लाया गया था। उसकी कोर्ट परिसर में ही गोली मार हत्या कर दी गई।मारा गया कैदी प्रभाकर कुमार सहरसा के बनगांव थाना में कांड संख्या 129/21 एवं कांड संख्या 130/21 का अभियुक्त था।


*कुख्यात कुणाल ने बेतिया कोर्ट में बबलू दूबे को मौत के घाट उतारा*

11 मई 2017 : बेतिया कोर्ट/बिहार में पेशी के लिए लाए गए अपराधी बबलू दूबे की हत्या कुख्यात बदमाश कुणाल सिंह ने कर दी थी। दूबे की हत्या के बाद कुणाल चर्चा में आया था। कुछ दिनों बाद पुलिस ने कुणाल को गिरफ्तार कर लिया था।

*मोतीहारी के सिकरहना कोर्ट में हुई अभिषेक की हत्या*

16 जुलाई 2018 : पूर्वी चंपारण जिले के सिकरहना (ढाका) अनुमंडल कोर्ट में पेशी के दौरान एक कैदी की गोली मार हत्या कर दी गई थी। *अभिषेक झा नाम का कैदी की हत्याकांड* एक रंगदारी के मामले में मोतीहारी सेंट्रल जेल में बंद था। अभिषेक झा को तीन लगीं तीन गोलियों ने उसका काम तमाम कर दिया था।

कोर्ट में सरेंडर करने आए बदमाश पर गोलियाम दागीं

*2 दिसंबर 2019 :* पूर्वी चंपारण के मोतीहारी में ही सिविल कोर्ट में फायरिंग कर बदमाशों ने गोविंदा सहनी की हत्या कर दी थी।

*गैंगस्टर संतोष झा की हुई थी सीतामढ़ी कोर्ट में हत्या*

28 अगस्त 2018 : गैंगस्टर संतोष झा की हत्या सीतामढ़ी कोर्ट परिसर में गोली मार कर की गई थी। उसे पुलिस सुरक्षा में पेशी के लिए लाया गया था।

मुजफ्फरपुर कोर्ट में कैदी पर हुई थीं गोलियों की बौछार

*11 अप्रैल 2016 :* मुजफ्फरपुर सिविल कोर्ट परिसर में पेशी के लिए लाए गए विचाराधीन कैदी पर फायरिंग हुई थी। गोली लगने से विचाराधीन कैदी सूरज की मौत हो गई थी।

*गया कोर्ट में भी एक कैदी की की गई थी हुई थी हत्या*

23 दिसंबर 21 : गया व्यवहार न्यायालय में पेशी के लिए जेल से लाए गए दो कैदियों में से एक की अपराधियों ने गोली मार कर हत्या की थी।


*यूपी मे सपा सरकार मे हुई हत्याए*


@बागपत: यहां6 साल पहले  पुलिस सुरक्षा में देवी सिंह नामक किसान की दर्जनभर बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोलियां मारकर हत्या कर दी। दिनदहाड़े हुई हत्या की वारदात से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया।

वारदात धनोरा सिलवर नगर की है, जहां देवी सिंह नाम के किसान की एक दर्जन बदमाशों ने गोलियां बरसाकर हत्या कर दी। वो भी तब जब उसे सुरक्षाकर्मी मिला हुआ था।

वारदात को अंजाम पुरानी रंजिश के चलते दिया गया।

 यही नहीं करीब दो साल पहले देवी सिंह के भाई सुमित की भी बदमाशों ने इसी तरह घेरकर हत्या कर दी, जिसमे देवी सिंह पैरवी कर रहा था और आरोपी पक्ष लगातर देवी सिंह पर समझौते का दबाव बना रहे थे।


*प्रयागराज/राजूपाल हत्याकांड:जनवरी,2005*

समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश जंगल राज की गिरफ्त में फंस चुका है। यहां कानून और संविधान का शासन नहीं है। अपराध की पराकाष्ठा हो गयी है, सड़कों पर खुलेआम हत्याऐं हो रही हैं।

अखिलेश यादव आइए आपको आपके समय की चर्चित राजूपाल हत्याकांड की याद दिलाते है ।


*राजू पाल हत्याकांड जिसमे 5KM तक दौड़ाकर गोलियां बरसाते रहे थे माफिया अतीक असरफ के गुर्गे*

साल 2005 की बात है. जब बसपा विधायक राजू पाल की सरेआम गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी।जीत के बदले राजू पाल को मिली मौत 

अतीक और उसका परिवार उपचुनाव में मिली हार पचा नहीं पा रहा था. वो राजू पाल को अपना दुश्मन मान बैठा था. और इसी दौरान अतीक ने राजू पाल को रास्ते से हटाने की साजिश रच डाली. 25 जनवरी 2005 को बसपा विधायक राजू पाल अपने घर लौट रहे थे. राजू खुद अपनी क्वालिस कार चला रहे थे. उनके साथ उनके दोस्त की पत्नी भी बैठी थीं, जो उन्हें रास्ते में मिली थीं. उनके साथ उनके समर्थकों की एक स्कॉर्पियो भी थी. तभी कुछ कार सवार हमलावर उनका पीछा करने लगे. इसी बीच राजू पाल ने किसी वजह से रास्ते में कार रोकी. जैसे ही उनकी कार थमी. कुछ हथियारबंद लोगों ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी.

 राजू पाल का जिस्म गोलियों से छलनी हो चुका था. इस दौरान उनके साथ मौजूद लोगों ने राजू को एक टेंपों में डालकर अस्पताल ले जाने की कोशिश की. हमलावरों को लगा कि कहीं राजू बच न जाएं. इसलिए उन्होंने 5 किलोमीटर तक टेंपों का पीछा किया और उस पर फायरिंग कर दी. अस्पताल पहुंचते-पहुंचते राजू पाल की मौत हो गई. राजूपाल के साथ कार में मौजूद दो अन्य लोग भी मारे गए. राजू पाल को 19 गोलियां लगी थीं.


*कानपुर:2005 में कुख्यात रफीक हत्याकांड* 

अपराधी रफीक को एक स्पेशल ऑपरेशन के तहत में यूपी पुलिस ने कोलकाता से धर दबोचा। एसटीएफ के सिपाही धमेंद्र सिंह चौहान की हत्या के मामले में उसे कोलकाता से गिरफ्तार कर रिमांड पर कानपुर लाया गया था। यहां अदालत के आदेश पर उसे एके-47 की बरामदगी के लिए जूही यार्ड के पास ले जाया गया। इसी जगह विरोधी गुट के लोगों ने पुलिस अभिरक्षा में ही रफीक पर हमला किया और ताबड़तोड़ फायरिंग कर उसकी हत्या कर दी।


*लखनऊ में श्रवण साहू की हत्या*

लखनऊ के सआदतगंज में बेटे की हत्यारों को सजा दिलाने के लिए लड़ाई लड़ रहे श्रवण साहू की पुलिस की सुरक्षा में हत्या कर दी गई थी।

*मेरठ में गवाह नितिन की हत्या*

बागपत के बड़ौत के वाजिदपुर गांव के नितिन को पुलिस मेरठ जेल से कचहरी लेकर गई थी। नितिन के गाड़ी से उतरते ही बदमाशों ने फायरिंग कर थी। पुलिस की मौजूदगी में हुई हत्या से कई सवाल उठे थे।


*बिजनौर में शाहनवाज और जब्बार मर्डर*

बिजनौर में अपने पिता की हत्या का बदला लेने के लिए साहिल नाम के युवक ने कोर्ट के भीतर दो लोगों की हत्या कर दी थी। साहिल के पिता के हत्यारोपितों को तिहाड़ जेल से बिजनौर पुलिस लेकर पहुंची थी। इसकी जानकारी होने पर साहिल ने कोर्ट में पहुंचकर आरोपित शाहनवाज और जब्बार पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं। करीब 20 राउंड गोलियां चलीं और दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।

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