अजमेर पार्ट-2 ! अजमेर की बेटी की जिंदगी हो गई जहन्नुम; गैंगरेप का वो केस जिसके 'जिहादी मिशन' से जुड़े होने की आशंका

अजमेर पार्ट-2 ! अजमेर की बेटी की जिंदगी हो गई जहन्नुम; गैंगरेप का वो केस जिसके 'जिहादी मिशन' से जुड़े होने की आशंका


कांग्रेस का हाथ आतंकवाद, जिहादवाद, भ्रष्टाचार ,पत्थरबाज के साथ !


अजमेर पार्ट-1मे फारुक चिश्ती, नफीस चिश्ती और अनवर चिश्ती- इस कांड के मुख्य आरोपित थे। तीनों ही यूथ कॉन्ग्रेस के लीडर थे।


अजमेर में पिछले दिनों 11वीं क्लास की लड़की के साथ हुए गैंगरेप के मामले में अब तक 7 लोग गिरफ्तार हो चुके है।इनमें एक नाबालिग है। बाकी का नाम इरफान, अरबाज, असलम, रज्जाक, मुबारक खान और इमरान खान है।


बता दें कि ये मामला अजमेर के क्रिश्चियनगंज थाना का था। एक 11वीं क्लास की लड़की के पिता की शिकायत पर पता चला था कि इंस्टाग्राम के जरिए इरफान ने लड़की को फँसाया और फिर उसका गैंगरेप करके, उसकी वीडियो बनकर उसे ब्लैकमेल करते हुए लाखों रुपए लूटे। 

पिता ने ये भी बताया था कि उनकी बेटी को उसकी एक सहेली ने इरफान से दोस्ती करने का दबाव बनाया था। उसी के बाद वो इस पूरे जाल में फँसी।


गिरफ्तारी के बाद खुलासा हुआ है कि सारे आरोपित मिलकर गैंग चला रहे थे। इनका टारगेट एक समुदाय की लड़कियाँ थीं।। एसपी देवेंद्र कुमार बिश्नोई ने भी कहा है कि अब तक की जाँच में संगठित गिरोह की लिप्तता सामने आई है। 

इनके जेहादी मिशन की तफ्तीश चल रही है। ये गिरोह कई लड़कियों के संपर्क में थे। इनके फोन से अश्लील कमेंट्स, रील्स और अश्लील वीडियो एक दूसरे को भेजने के सबूत मिले हैं।


वहीं छानबीन और पुलिस पूछताछ से ये साफ हो गया है कि ये लोग इंस्टाग्राम के जरिए लड़कियों को फँसाते थे और फिर उन्हें अपने जाल में फँसाकर उनका यौन शोषण करते थे।

 बाद में उनके पैसे ऐंठते थे। छानबीन से ये भी पता चला है कि ये सारे आरोप कई लड़कियों के संपर्क में थे। इसके अलावा ब्लैकमेल कांड के ये भी सामने आया है कि आरोपितों में कॉन्ग्रेस के पूर्व पार्षद के नाते-रिश्तेदार और गाँव निवासी भी शामिल हैं।


भाजपा के जिला अध्यक्ष रमेश सोनी ने भी इस मामले में गहनता से जाँच की माँग की है। उन्होंने आशंका जताई है कि ये अजमेर 1992 जैसा कांड को दोहराने का प्रयास हो सकता है।

 मामले में विधानसभा स्पीकर वासुदेव देवनानी ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने साफ कहा कि अजमेर में ब्लैकमेल कांड की पुनरावृत्ति होने नहीं दी जाएगी।

 आरोपित चाहे कितने भी प्रभावशाली हों, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने अभिभावकों को कहा है कि बच्चों का खास ध्यान रखें।


क्या है अजमेर 1992 कांड !


उल्लेखनीय है कि 3 दिन पहले ये मामला मीडिया में आया था। उसके बाद से अंदाजा लग रहा था कि कहीं 1992 की तरह ये कोई स्कैंडल तो नहीं।

 बता दें कि 1992 में 100 से ज्यादा लड़कियों को फँसाकर उनके साथ रेप किया गया था। फारुक चिश्ती, नफीस चिश्ती और अनवर चिश्ती- इस कांड के मुख्य आरोपित थे। 

तीनों ही यूथ कॉन्ग्रेस के लीडर थे। फारूक उस समय इंडियन यूथ कॉन्ग्रेस की अजमेर यूनिट का अध्यक्ष था। नफीस चिश्ती कॉन्ग्रेस की अजमेर यूनिट का उपाध्यक्ष था। 

अनवर चिश्ती अजमेर में पार्टी का ज्वाइंट सेक्रेटरी था। साथ ही तीनों अजमेर के ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के खादिम भी थे।

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