अब तक केंद्र में कितनी बार बनी गठबंधन की सरकारें,जाने ..!

अब तक केंद्र में कितनी बार बनी गठबंधन की सरकारें,जाने ..!


केंद्र में पहली गठबंधन सरकार जनता पार्टी के नेतृत्व में बनी थी, जिसमें मोरारजी देसाई को प्रधानमंत्री बनाया गया था


देश का सियासी मिजाज इस समय बदला हुआ है। एक तरफ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस तो दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी अपने सहयोगियों का कुनबा बढ़ाने में जुटी हुई है। 

कांग्रेस ने जहां 26 दलों के अपने साथ होने की बात कही है, वहीं भाजपा ने 38 दलों के समर्थन का दावा किया है।

 आइए, जानते हैं कि केंद्र में पहली गठबंधन सरकार कब बनी, कौन थे प्रधानमंत्री और अब तक देश में कितनी बार गठबंधन की सरकार बन चुकी है।


केंद्र में गठबंधन सरकार के इतिहास की बात करें तो इसकी शुरुआत 1977 में जनता पार्टी की सरकार से हुई, जिसके प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई थे। जनता पार्टी में कुल 13 दल शामिल थे। यह पहली गैर-कांग्रेसी सरकार थी।


साल 1989 में कांग्रेस की हार के बाद जनता दल और अन्य क्षेत्रीय दलों से मिलकर बनी राष्ट्रीय मोर्चा की सरकार अस्तित्व में आई और विश्वनाथ प्रताप सिंह यानी वीपी सिंह प्रधानमंत्री बने।


हालांकि, मंडल कमीशन की सिफारिश लागू होने पर भाजपा ने समर्थन वापस ले लिया, जिससे सरकार गिर गई।


इस चुनाव में कांग्रेस को 197, जनता दल को 143, भाजपा को 85 और वाम दलों को 45 सीटें मिली थीं।


साल 1990-91 में जनता दल (सोशलिस्ट) या भारतीय समाज पार्टी की सरकार बनी और चंद्रशेखर प्रधानमंत्री बने, लेकिन यह सरकार महज कुछ ही महीने ( 10 नवंबर 1990 से लेकर 21 जून 1991) तक ही चल सकी ।


1996 में लोकसभा चुनाव हुआ तो न तो भाजपा और न ही कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिला। अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री जरूर बनें, लेकिन उनकी सरकार महज 13 दिन ही चल पाई। इसके बाद 13 पार्टियों ने मिलकर संयुक्त मोर्चा बनाया।


संयुक्त मोर्चा ने 1996 में पहली बार सरकार बनाई, जिसके प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा थे, लेकिन यह सरकार एक जून 1996 से लेकर 21 अप्रैल 1997 तक ही चल पाई।

 इसके बाद 21 अप्रैल 1997 से लेकर 19 मार्च 1998 तक इंद्र कुमार गुजराल प्रधानमंत्री बने। दोनों बार सरकार कांग्रेस के समर्थन वापस लेने की वजह से गिरी।


1999 में चुनाव हुआ, जिसमें एनडीए को पूर्ण बहुमत मिला और फिर अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बने।


2004 के लोकसभा चुनाव के बाद संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) की सरकार बनी और डॉक्टर मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) प्रधानमंत्री बने। 

यूपीए की सरकार को सपा और वाम दलों का भी बाहर से समर्थन प्राप्त था। इस चुनाव में यूपीए को 222 सीटें मिली थीं।


इसके बाद 2009 में हुए लोकसभा में फिर से यूपीए की सरकार बनी और मनमोहन सिंह लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बने।


जब चुनाव में किसी दल को बहुमत नहीं मिलता, तब गठबंधन की सरकार बनती है। इसकी वजह भारत में बहुदलीय व्यवस्था का होना है। कई दल होने की वजह से किसी एक पार्टी को बहुमत मिलना मुश्किल होता है।

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