मुख्तार अंसारी के गुनाह: योगी सरकार के माफियाओं के विरुद्ध उठाए गए कदम से क्राइम की दुनिया में मच गया तहलका

मुख्तार अंसारी के गुनाह: योगी सरकार के माफियाओं के विरुद्ध उठाए गए कदम से क्राइम की दुनिया में मच गया तहलका


माफियाओं पर हो रही कार्रवाई से मुख्तार का कुनबा सहमा


छह साल में हुए ऐक्शन

573 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्तियां जब्त/ध्वस्त की गईं


मुख्तार और उसकी गैंग की

213 करोड़ रुपये की चोट पहुंचाई गई अवैध व्यवसाय बंद करवा कर



योगी सरकार के द्वारा माफियाओं के विरुद्ध उठाए गए कदम से क्राइम की दुनिया में जैसे तहलका मच गया है. सीएम के राडार पर 60 से अधिक माफिया हैं और उनमें मुख्तार अंसारी का नाम भी शामिल है. यूपी (UP) का यह बाहुबली भी सहमा हुआ सा प्रतीत होता है. ऐसे में आइए जानते है मुख्तार अंसारी की क्राइम हिस्ट्री को पूरे विस्तार से ताकि समझ सकें कि आखिर क्यों माफियाओं पर हो रही कार्रवाई से मुख्तार का कुनबा सहमा हुआ है. 

माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ अब तक 59 केस दर्ज किए जा चुके हैं.मुख्तार अंसारी का राजनीतिक 1996 में शुरू हुआ तब पहली बार उसने विधानसभा चुनाव लड़ा और जीता भी. 2017 तक मुख्तार लगातार पांच दफा जीतकर विधायक भी बना.

पहली बार साल 1988 में मंडी परिषद की ठेकेदारी के संबंध में लोकल ठेकेदार सच्चिदानंद राय के मर्डर के केस में मुख्तार का नाम आया. फिर त्रिभुवन सिंह के भाई कॉन्स्टेबल राजेंद्र सिंह के मर्डर का आरोप भी उस पर लगाया गया. 

1996 में एएसपी उदयशंकर पर जानलेवा हमला किया गया और इस हमले का आरोपी कोई और नहीं बल्कि मुख्तार अंसारी को ही बनाया गया.साल 1997 की जब पूर्वांचल के एक कोयला व्यवसाई को अगवा कर लिया गया और इस मामले में भी मुख्तार को ही आरोपी बनाया गया.मऊ, गाजीपुर समेत लखनऊ में उसकी 400 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति ध्वस्त की गई है और जब्त भी की गई है.

जो मुख्तार कभी यूपी में 'शेर' बनकर घुमता था, उसे डर है कि वो जेल से बाहर निकलेगा तो मार दिया जाएगा। जैसे अतीक अहमद को मारा गया।

मुख्तार के खिलाफ देशभर में 61 मामले दर्ज हैं, जिनमें 24 मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं।

मुख्तार गैंग की दहशत किस कदर गवाहों और सरकारों पर भारी थी, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 50 से ज्यादा गंभीर मामलों में आरोपित होने के बाद भी उसे सजा होने में 40 साल से ज्यादा लग गए। हालांकि, अब तक तीन मुकदमों में उसे सजा हो चुकी है और कई मुकदमे लाइन में हैं। मुख्तार को बीते छह साल में कई तगड़े झटके भी लगे हैं। उसके कई करीबी शूटर मारे गए। हालांकि, जेलों में अब भी मुख्तार का नेटवर्क चल रहा है। हाल ही में चित्रकूट जेल में सामने आया कि वहां कैसे उसका बेटा अब्बास अवैध तरीके से मुलाकातें और फोन पर बात कर रहा था।

2005 में सैकड़ों राउंड फायरिंग कर बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय समेत सात लोगों की हत्या कर दी गई थी। हत्याकांड में मुख्तार का नाम आया। सीबीआई ने मामले की जांच की, लेकिन मुख्तार समेत अन्य आरोपित बरी हो गए। यह भी साबित नहीं हो सका कि विधायक की हत्या किसने की और करवाई?

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